मेरठ : शामली एनकाउंटर में शहीद एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील सिंह को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई. गुरुग्राम से सुबह करीब 9 बजे उनका पार्थिव शरीर पुलिस लाइन के शहीद स्मारक पर लाया गया. इस दौरान पुलिस अफसरों समेत अन्य की भी आंखें नम हो गईं. इस दौरान हाथ में फूलों की माला लिए बेटा मंजीत फफक पड़ा. कहा पापा आज तो बोल दो यार. इस पर वहां मौजूद अन्य लोग भी रो पड़े. नजदीक खड़े दो लोगों ने बेटे को जैसे-तैसे संभाला.
शामली के झिंझाना में यूपी एसटीएफ की मेरठ यूनिट टीम ने सोमवार की रात 2 बजे कग्गा गैंग के कुख्यात बदमाशों से मोर्चा लिया था. दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग में एक लाख के इनामी अरशद के अलावा उसके साथी मंजीत, सतीश और एक अन्य ढेर हो गए थे. मुठभेड़ के दौरान टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील को भी 3 गोली पेट में लगी थी. इनमें से एक गोली लीवर को पार कर पीठ तक पहुंच गई थी. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. चिकित्सकों को उनका गाल ब्लैडर निकाल दिया. उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. बुधवार को उनकी मौत हो गई.
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इसके बाद गुरुवार की सुबह उनका पार्थिव शरीर गुरुग्राम से पुलिस लाइन पहुंचा. शहीद को एडीजी मेरठ जोन DK ठाकुर, DIG कलानिधि नैथानी, DIG अभिषेक सिंह और SSP एसटीएफ घुले सुशील चंद्रभान समेत कई अन्य अफसरों ने कंधा दिया. शहीद स्मारक पर इंस्पेक्टर सुनील सिंह को अंतिम विदाई दी गई. इसके बाद मेरठ के इंचौली स्थित उनके पैतृक गांव मसूरी में उनका अंतिम संस्कार किया गया. बेटे मंजीत ने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान पुलिस की एक टुकड़ी ने सलामी दी.
अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. गांव से लेकर श्मशान घाट तक मसूरी के अलावा आसपास के गांवों के लोग भी जुटे. उन्होंने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. उनका कहना है कि सुनील सिंह निडर थे. उन्होंने ठोकिया जैसे कई बदमाशों का एनकाउंटर किया. आसपास के गांवों में उनकी बहादुरी के किस्से सुने और सुनाए जाते रहे हैं. वहीं सांसद अरुण गोविल ने भी परिजनों को सांत्वना दी. सीएम योगी भी परिजनों के लिए 50 लाख रुपये का ऐलान कर चुके हैं. परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिलेगी.
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