लखनऊः सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा लिखाने वाली महिला की जमानत अर्जी एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है. महिला पर धोखाधड़ी व ब्लैकमेलिंग का आरोप है. इसी मामले में गोमती नगर विस्तार पुलिस ने अदालत में महिला के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया है, जिस पर विशेष अदालत ने संज्ञान लेते हुए आरोपी महिला को 14 सितंबर को जेल से तलब किया है.
वहीं, जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील का कहना था कि इस मामले की रिपोर्ट शिकायतकर्ता बृजभान चौबे ने 17 सितंबर 2020 को गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वादी गायत्री प्रजापति का सचिव व उसकी कंपनी का डायरेक्टर था. कहा गया कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ चित्रकूट की रहने वाली उक्त महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन इस मुकदमे से बचने का कोई उपाय न देखकर गायत्री प्रजापति ने कथित दुष्कर्म पीड़िता को अपने लड़के अनिल कुमार प्रजापति व अन्य लोगों के माध्यम से अपने पक्ष में मिला लिया तथा इस मुकदमे से बचने के लिए उसने वादी से कहा कि महिला जैसा कहे वैसा कर दो.
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यह भी आरोप है कि इसके बाद गायत्री प्रजापति ने वादी पर दबाव डालकर उससे कई रजिस्ट्रियां करवाई. आरोप है कि आरोपी महिला ने खरगापुरर स्थित वादी एक जमीन अपने नाम करने को कहा और धमकी दी कि यदि वह जमीन की रजिस्ट्री नहीं करेगा, तो अपने में उसका नाम लेकर उसे दुष्कर्म में फंसा देगी. इस मामले में गोमती नगर विस्तार पुलिस ने अदालत से जारी वारंट पर महिला को 10 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
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