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विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी खारिज, भ्रष्टाचार के हैं संगीन आरोप

कोर्ट ने राजस्व परिषद चेयरमैन के निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है.

राजस्व परिषद चेयरमैन
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Published : May 30, 2022, 11:02 PM IST

लखनऊः कोर्ट ने राजस्व परिषद चेयरमैन के निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है. इन पर सेवा में रहने के दौरान मृत व्यक्ति के नाम का सिम प्रयोग करने, पद का दुरुपयोग कर जनपदों में नियुक्त तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल से संपर्क कर स्थानांतरण और जांच में मदद करने के लिए आर्थिक लाभ लेने समेत अन्य संगीन भ्रष्टाचार के आरोप हैं.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी हिंसाः वादी पक्ष ने आशीष मिश्रा के जमानत पर की आपत्ति

कोर्ट में सरकारी वकीलों ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बताया कि कैसरबाग में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराकर वादी ने बताया था कि आरोपी विवेकानंद राजस्व परिषद में निजी सचिव था और 31 मार्च 2022 को रिटायर हो गया. कहा गया कि सेवाकाल में आरोपी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से संपर्क कर उनके जांच और स्थानांतरण में अपने संपर्कों का हवाला देकर उनसे छल करते हुए आर्थिक लाभ लिया. आरोपी डोबरियाल लोगों से संपर्क करने के लिए जिस मोबाइल का प्रयोग करता था वह प्रदीप गर्ग के नाम पर दर्ज था और प्रदीप की मृत्यु हो चुकी है. यह भी कहा गया कि आरोपी राजस्व कर्मचारियों का कार्य करने के लिए दबाव बनाता था और कार्य न करने पर चेयरमैन से प्रतिकूल कार्यवाही कराने की धमकी देता था. आरोपी ने ऐसे बहुत से लोगों से आर्थिक लाभ कमाया और उस धन को सफेद करने के लिए प्रॉपर्टी और शेयर में निवेश करता था. बताया गया कि आरोपी ने इस अवैध धन से ही अपना मकान भी बनवाया है.

लखनऊः कोर्ट ने राजस्व परिषद चेयरमैन के निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की जमानत अर्जी खारिज कर दिया है. इन पर सेवा में रहने के दौरान मृत व्यक्ति के नाम का सिम प्रयोग करने, पद का दुरुपयोग कर जनपदों में नियुक्त तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल से संपर्क कर स्थानांतरण और जांच में मदद करने के लिए आर्थिक लाभ लेने समेत अन्य संगीन भ्रष्टाचार के आरोप हैं.

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कोर्ट में सरकारी वकीलों ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बताया कि कैसरबाग में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराकर वादी ने बताया था कि आरोपी विवेकानंद राजस्व परिषद में निजी सचिव था और 31 मार्च 2022 को रिटायर हो गया. कहा गया कि सेवाकाल में आरोपी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में तैनात तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपाल से संपर्क कर उनके जांच और स्थानांतरण में अपने संपर्कों का हवाला देकर उनसे छल करते हुए आर्थिक लाभ लिया. आरोपी डोबरियाल लोगों से संपर्क करने के लिए जिस मोबाइल का प्रयोग करता था वह प्रदीप गर्ग के नाम पर दर्ज था और प्रदीप की मृत्यु हो चुकी है. यह भी कहा गया कि आरोपी राजस्व कर्मचारियों का कार्य करने के लिए दबाव बनाता था और कार्य न करने पर चेयरमैन से प्रतिकूल कार्यवाही कराने की धमकी देता था. आरोपी ने ऐसे बहुत से लोगों से आर्थिक लाभ कमाया और उस धन को सफेद करने के लिए प्रॉपर्टी और शेयर में निवेश करता था. बताया गया कि आरोपी ने इस अवैध धन से ही अपना मकान भी बनवाया है.

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