लखनऊः जिला जज व ईडी के विशेष जज राम मनोहर नारायण मिश्रा ने मनी लांड्रिग के एक मामले में निरुद्ध पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के सदस्य अब्दुल रज्जाक की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गम्भीर करार दिया है.
विगत 10 मार्च को ईडी ने अब्दुल रज्जाक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था. इसके खिलाफ पहले से लुक आउट सर्कूलर भी जारी था. अभियुक्त जब कालीकट से ओमान जा रहा था तभी इसे एयरपोर्ट पर रोक लिया गया और ईडी की दिल्ली इकाई को सूचित किया गया.
ईडी के विशेष वकील कुलदीप श्रीवास्तव ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का विरोध किया. उनका कहना था कि मनी लांड्रिग का यह मामला हाथरस कांड के जरिए सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने के लिए विदेशों से फंडिग से जुड़ा है. पीएफआई ने केरल में मुन्नार विला प्रोजेक्ट खड़ा किया था. इस प्रोजेक्ट में खाड़ी के देशों से रकम आता था.
इस रकम का इस्तेमाल हिंसा फैलाने में किया गया. उस दौरान यह पीएफआई का डिवीजनल प्रेसीडेंट था. वर्ष 2021 में ईडी ने सर्च किया तो इसने खुद को बचाने की मंशा से पीएफआई छोड़ दिया. इस मामले में पीएफआई के सदस्य के.ए. रउफ शरीफ, अतीकुर्ररहमान, मसूद अहमद, सिद्दीकी कप्पन व मोहम्मद आलम को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है. इन सबके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है.
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