ETV Bharat / state

नितिन यादव हत्याकांड: अभियुक्त शिवराम की जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज, दोस्त की हत्या का है आरोप

रुपये देने के बहाने बुलाकर अपने दोस्त की हत्या करने वाले आरोपी शिवराम पांडेय की जमानत अर्जी प्रभारी अपर सत्र न्यायाधीश कल्पना ने खारिज कर दी है.

जिला एवं सत्र न्यायालय लखनऊ.
जिला एवं सत्र न्यायालय लखनऊ.
author img

By

Published : Jan 6, 2022, 10:51 PM IST

लखनऊ: जमीन की खरीद-फरोख्त मामले के बकाया रुपये देने के बहाने बुलाकर अपने खास दोस्त नितिन यादव की हत्या करने के अभियुक्त शिवराम पांडेय की जमानत अर्जी प्रभारी अपर सत्र न्यायाधीश कल्पना ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने घटना को गम्भीर करार देते हुए कहा कि जमानत प्रार्थना पत्र में ऐसा कोई आधार नहीं दिया गया है, जिससे अभियुक्त को जमानत दी जा सके.

अदालत में सरकारी वकील दुष्यंत मिश्रा एवं अरुण पांडेय ने दलील दी कि वादी राम कुमार ने 6 दिसम्बर 2019 को मड़ियांव थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि वादी का पुत्र नितिन यादव और आरोपी शिवराम आपस में घनिष्ठ मित्र थे. वह दोनों साझेदारी में जमीन का व्यवसाय करते थे. जमीन के इस व्यवसाय में नितिन का काफी पैसा अभियुक्त शिवराम पर बकाया हो गया था, अभियुक्त नितिन अक्सर इसका तगादा करता था. बकाया रुपया देने के लिए अभियुक्त ने नितिन यादव को 1 दिसम्बर 2021 को अपने फार्म हाउस पर बुलाया था. जहां अभियुक्त ने रात में नितिन की हत्या कर दी थी. बताया गया कि सुबह जब नितिन का ड्राइवर उसको जगाने गया तो उसने देखा नितिन की मृत्यु हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें- मौत की सजा पाए बंदियों को पैरोल पर छोड़ने का मामला, हाईकोर्ट में मुख्य सचिव एक घंटे में हुए पेश

अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि मामले में एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है. अभियोजन ने महज एक थ्योरी बनाकर पेश कर दी है. हालांकि कोर्ट ने अभियुक्त पक्ष से आई सभी दलीलों को खारिज कर दिया है.

लखनऊ: जमीन की खरीद-फरोख्त मामले के बकाया रुपये देने के बहाने बुलाकर अपने खास दोस्त नितिन यादव की हत्या करने के अभियुक्त शिवराम पांडेय की जमानत अर्जी प्रभारी अपर सत्र न्यायाधीश कल्पना ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने घटना को गम्भीर करार देते हुए कहा कि जमानत प्रार्थना पत्र में ऐसा कोई आधार नहीं दिया गया है, जिससे अभियुक्त को जमानत दी जा सके.

अदालत में सरकारी वकील दुष्यंत मिश्रा एवं अरुण पांडेय ने दलील दी कि वादी राम कुमार ने 6 दिसम्बर 2019 को मड़ियांव थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया था कि वादी का पुत्र नितिन यादव और आरोपी शिवराम आपस में घनिष्ठ मित्र थे. वह दोनों साझेदारी में जमीन का व्यवसाय करते थे. जमीन के इस व्यवसाय में नितिन का काफी पैसा अभियुक्त शिवराम पर बकाया हो गया था, अभियुक्त नितिन अक्सर इसका तगादा करता था. बकाया रुपया देने के लिए अभियुक्त ने नितिन यादव को 1 दिसम्बर 2021 को अपने फार्म हाउस पर बुलाया था. जहां अभियुक्त ने रात में नितिन की हत्या कर दी थी. बताया गया कि सुबह जब नितिन का ड्राइवर उसको जगाने गया तो उसने देखा नितिन की मृत्यु हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें- मौत की सजा पाए बंदियों को पैरोल पर छोड़ने का मामला, हाईकोर्ट में मुख्य सचिव एक घंटे में हुए पेश

अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि मामले में एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है. अभियोजन ने महज एक थ्योरी बनाकर पेश कर दी है. हालांकि कोर्ट ने अभियुक्त पक्ष से आई सभी दलीलों को खारिज कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.