लखनऊ: कथित दुराचार व लूटपाट के मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की अग्रिम जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने खारिज कर दी है.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मनोज त्रिपाठी का तर्क था कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता ने 15 जुलाई 2021 को सहादतगंज थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस रिपोर्ट में लिखाया गया कि चार साल पहले वसीम रिजवी उसके पति की गैर मौजूदगी में कमरे में घुस आया तथा जबरन दुराचार किया एवं पीड़िता की अश्लील फोटो भी खींची. यह भी आरोप है कि फोटो को वायरल करने के नाम पर वसीम रिजवी ने कई बार उसके साथ दुराचार किया तथा विरोध करने पर उसे मारा-पीटा व मोबाइल, पर्स एवं डीएल छीन लिया.
वहीं, वसीम रिजवी की ओर कहा गया था कि पीड़िता का पति उसके यहां ड्राइवर था तथा उनकी व्यक्तिगत जानकारी दूसरों को देने के कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया था तथा जो कमरा उसे रहने के लिए दिया गया था उसे खाली करा लिया गया था. कहा गया कि इसी रंजिश के चलते ड्राइवर की पत्नी द्वारा उसे झूठा आरोप लगाकर फंसा दिया गया है. अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं कलम बन्द बयान एक दूसरे का समर्थन करते हैं जिसके कारण मामले की गम्भीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत पर छोड़ने का आधार नहीं है.
लाखों की धोखाधड़ी मामले में अभियुक्तों की जमानत अर्जी खारिज
एडीजे प्रफुल्ल कमल ने बाल पुष्टाहार परियोजना अधिकारी के पद पर नियुक्ति के एवज में लाखों की रकम हड़पने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त दिव्यांश मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गम्भीर करार दिया है. चार जून, 2021 को इस मामले की एफआईआर अमित कुमार राय ने थाना महानगर में दर्ज कराई थी. वहीं, सरकारी वकील के मुताबिक शाइन सिटी के प्रोजेक्ट में प्लाट के लिए निवेश की गई लाखों की रकम हड़पने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त अभिषेक सिंह उर्फ अभिषेक ठाकुर की जमानत अर्जी भी अदालत ने खारिज कर दी है. नौ दिसंबर, 2022 को इस मामले की एफआईआर अजय पाल सिंह ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी.