लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज संदीप गुप्ता ने नमक घोटाला मामले में नामजद अभियुक्त लोकेश मिश्रा, रितुल जोशी व राघव उर्फ प्रवीन राघव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अभियुक्तों के कृत्य को प्रथम दृष्टया गंभीर अपराध करार देते हुए कहा है कि अभियुक्तों ने बहुत सोच-समझ कर व सांठगांठ कर उक्त अपराध को अंजाम दिया है.
मामले की एफआईआर 11 अगस्त 2020 को नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील प्रभा वैश्य के मुताबिक अभियुक्तों पर नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के एवज में 6 करोड़ 6 लाख की ठगी का आरोप है. इस मामले में आईपीसी की धारा 506, 471, 468, 467, 420, 419 व 120बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13 के तहत उक्त एफआईआर दर्ज कराई गई है.
मामले में फर्जी अधिकारी व संयुक्त सचिव बन कर ठगी करने वाले एनके कन्नौजिया उर्फ आशीष राय, सुनील गुर्जर, मोंटी गुर्जर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का फर्जी अधिकारी बनने वाले राघव, वित्त विभाग के अधिकारी एसके अग्निहोत्री, रितुल जोशी, लोकेश मिश्रा, कलीम अहमद व अन्य को नामजद किया गया था. इस मामले में अभियुक्त आशीष राय, मोंटी गुर्जर, धीरज देव, रजनीश दीक्षित व रघुवीर प्रसाद न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं.