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कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के राम अचल राजभर के खिलाफ कुर्की के आदेश

विवादित बयान मामले में कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा नेता राम अचल राजभर की कोर्ट ने सम्पति कुर्क करने का आदेश दिया है. यह आदेश भाजपा नेता की बेटी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने दिया है.

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Published : Jan 18, 2021, 8:46 PM IST

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के राम अचल राजभर की सम्पति कुर्क करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने थाना हजरतगंज के इंस्पेक्टर को कुर्की की कार्रवाई की आख्या भी 22 फरवरी को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

इन धाराओं में दाखिल हुआ था आरोप पत्र
मामले में इन दोनों नेताओं के अलावा बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, अतरह सिंह राव और नौशाद अली भी अभियुक्त हैं. इन सभी अभियुक्तों पर 12 जनवरी 2018 को आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 और पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

मायावती भी नामजद
इस मामले की एफआईआर 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी एफआईआर में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और मेवालाल सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था. FIR के मुताबिक 20 जुलाई 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू, नातिन और उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी और अपशब्द कहे.

प्रदर्शन के दौरान गाली देने का मामला
वहीं इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित आम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां और बहन की गंदी-गंदी गालियां दी और अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय उन्माद भड़काते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया. दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए.

लखनऊः एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के राम अचल राजभर की सम्पति कुर्क करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने थाना हजरतगंज के इंस्पेक्टर को कुर्की की कार्रवाई की आख्या भी 22 फरवरी को प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

इन धाराओं में दाखिल हुआ था आरोप पत्र
मामले में इन दोनों नेताओं के अलावा बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, अतरह सिंह राव और नौशाद अली भी अभियुक्त हैं. इन सभी अभियुक्तों पर 12 जनवरी 2018 को आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 और पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

मायावती भी नामजद
इस मामले की एफआईआर 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी एफआईआर में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर और मेवालाल सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था. FIR के मुताबिक 20 जुलाई 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू, नातिन और उनके परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी और अपशब्द कहे.

प्रदर्शन के दौरान गाली देने का मामला
वहीं इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित आम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां और बहन की गंदी-गंदी गालियां दी और अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वर्ग और जातीय उन्माद भड़काते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया. दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए.

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