लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुटखा कम्पनियों का प्रचार करने के बावजूद अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार, सैफ अली खान व रणवीर कपूर के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर केन्द्र सरकार के कैबिनेट सेक्रेट्री राजीव गौबा व केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 अक्टूबर की तिथि नियत करते हुए, कहा है कि अग्रिम सुनवाई तक दोनों अधिकारी जवाब दें कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव की अवमानना याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि उसके द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर 22 सितम्बर 2022 को दो सदस्यीय खंडपीठ ने आदेश दिया था कि उपरोक्त अभिनेताओं द्वारा गुटखा कम्पनियों का प्रचार किए जाने के मामले में यदि याची प्रत्यावेदन देता है तो उस पर विचार कर त्वरित निस्तारण किया जाए.
याची की दलील थी कि उक्त आदेश के अनुपालन में उसने उपरोक्त दोनों अधिकारियों को 15 अक्टूबर 2022 को ही प्रत्यावेदन भेजकर कार्रवाई की मांग की थी. इसके बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. कैबिनेट सेक्रेट्री को भेजे प्रत्यावेदन में याची द्वारा गुटखा कम्पनियों का कथित प्रचार करने वाले उपरोक्त अभिनेताओं के पद्म पुरस्कार जब्त किए जाने की मांग की गई थी, जबकि मुख्य आयुक्त उपभोक्ता संरक्षण को भेजे प्रत्यावेदन में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत 50 लाख रुपये का जुर्माना उपरोक्त अभिनेताओं पर लगाने की मांग थी. याची का कहना है कि हाईकोर्ट के 22 सितम्बर 2022 के स्पष्ट आदेश के बावजूद दोनों अधिकारियों ने उसके प्रत्यावेदन पर कोई विचार नहीं किया.