लखनऊ : नाबालिग बेटी के साथ जबरन सात सालों तक शारीरिक संबंध बना दुराचार करने के आरोपी पिता को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है. आरोपी बाप को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने उम्र कैद की सजा से दंडित किया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी इससे कम की सजा का पात्र नहीं है. कोर्ट ने इसके साथ ही आरोपी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय व सुखेंद्र प्रताप सिंह ने दलील दी कि इस मामले की रिपोर्ट थाना गुडंबा में पीड़िता ने स्वयं अपने पिता इकबाल (बदला हुआ नाम) के विरुद्ध दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपने पिता के साथ 10 वर्षों से राम धर्मकांटा के इलाके में खाली प्लाट में झोपड़ी बनाकर रही है.
पीड़िता का आरोप है कि वहीं पर उसका पिता लगभग सात वर्षों से उसके साथ गलत काम कर रहा है. बहस के दौरान कहा गया है कि पीड़िता ने इस संबंध में अपनी मां, मौसी व नानी को बताया था. लेकिन इसके बावजूद उसका पिता उसे मारपीट कर कहता था कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा. आरोप है कि जब वह सीतापुर के रहमत के पास चली गई तो पिता ने उसे वहां से भी बुलवा लिया. उसे नींद की गोली खिलाकर जबरदस्ती उसके साथ दुराचार करने लगा.
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पीड़िता ने किसी तरह पिता के चंगुल से छूटकर 24 अप्रैल 2014 को घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई. अदालत ने दुराचारी पिता को आजीवन कारावास से दंडित करते हुए कहा है कि जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर उसे दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अदालत ने यह भी कहा है कि पीड़िता को हुए शारीरिक एवं मानसिक आघात के लिए प्रतिकर दिलाया जाना आवश्यक है. लिहाजा जुर्माने की सारी रकम पीड़िता को बतौर प्रतिकर अदा की जाएगी.
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