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AKTU के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू, ये हैं नियम..

एकेटीयू के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग 16 सितंबर से शुरू होगी. इस बार यदि कोई अभ्यार्थी आवंटित कॉलेज में दाखिला नहीं लेना चाहता है, तो उसे अगली काउंसलिंग में शामिल होने का विकल्प मिलेगा.

AKTU के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू
AKTU के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू
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Published : Sep 10, 2021, 10:04 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में संचालित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग 16 सितंबर से शुरू होगी. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से काउंसलिंग का कार्यक्रम पहले ही घोषित किया जा चुका है. काउंसलिंग के दौरान अगर कोई कॉलेज आवंटित होता है और अभ्यार्थी उसमें दाखिला नहीं लेना चाहते हैं, तो अभ्यर्थियों को दो विकल्प मिलेंगे. काउंसलिंग के समय अभ्यर्थी या तो "फ्रीज" का विकल्प चुनकर सीट कंफर्म कर सकते हैं या फिर "फ्लोट" का विकल्प चुनकर अगले चरण में जा पाएंगे.

अभ्यर्थियों की सहूलियत को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से यह विकल्प दिए गए हैं. फ्लोट का विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के अगले चरण में शामिल होने का मौका मिल मिलेगा. दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू होगी, यह प्रक्रिया 7 चरणों में कराई जाएगी. विश्वविद्यालय का यह प्रस्तावित कार्यक्रम है. इसमें, जेईई-मेन, यूपी सीईटी के नतीजों के आधार पर परिवर्तन संभव है.

बता दें, कि एकेटीयू के बी फार्मा समेत कई पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से इस बार 5 और 6 सितंबर को प्रवेश परीक्षा कराई गई थी. इनके नतीजे अभी तक नहीं जारी हो पाए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है, कि अगर नतीजों में देरी होती है तो काउंसलिंग के कार्यक्रम में भी परिवर्तन किया जा सकता है.

काउंसलिंग से पहले हो जाएं तैयार
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि आरक्षण का लाभ पाने के लिए अभ्यर्थियों की ओर से दस्तावेज प्रस्तुत किए जाना अनिवार्य होता है. कई बार निर्धारित समय सीमा के अंदर दस्तावेज ना बनवाए जाने के कारण अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी दस्तावेज निर्धारित समय सीमा की ही होनी चाहिए.

ये हैं नियम

  • अन्य पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों द्वारा काउंसलिंग के समय निर्धारित प्रारूप पर 31 मार्च 2021 के बाद निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है, कि 1 अप्रैल 2021 के पूर्व की तिथि को जारी किए गए प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं होंगे.
  • ओबीसी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के द्वारा काउंसलिंग के समय राज्य सरकार या भारत सरकार के द्वारा जारी निर्धारित प्रारूप पर निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.

    इसे पढ़ें- 3 नवंबर को अयोध्या आ सकते हैं पीएम नरेंद्र मोदी, दीपोत्सव की तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में संचालित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग 16 सितंबर से शुरू होगी. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से काउंसलिंग का कार्यक्रम पहले ही घोषित किया जा चुका है. काउंसलिंग के दौरान अगर कोई कॉलेज आवंटित होता है और अभ्यार्थी उसमें दाखिला नहीं लेना चाहते हैं, तो अभ्यर्थियों को दो विकल्प मिलेंगे. काउंसलिंग के समय अभ्यर्थी या तो "फ्रीज" का विकल्प चुनकर सीट कंफर्म कर सकते हैं या फिर "फ्लोट" का विकल्प चुनकर अगले चरण में जा पाएंगे.

अभ्यर्थियों की सहूलियत को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से यह विकल्प दिए गए हैं. फ्लोट का विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के अगले चरण में शामिल होने का मौका मिल मिलेगा. दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया 16 सितंबर से शुरू होगी, यह प्रक्रिया 7 चरणों में कराई जाएगी. विश्वविद्यालय का यह प्रस्तावित कार्यक्रम है. इसमें, जेईई-मेन, यूपी सीईटी के नतीजों के आधार पर परिवर्तन संभव है.

बता दें, कि एकेटीयू के बी फार्मा समेत कई पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से इस बार 5 और 6 सितंबर को प्रवेश परीक्षा कराई गई थी. इनके नतीजे अभी तक नहीं जारी हो पाए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है, कि अगर नतीजों में देरी होती है तो काउंसलिंग के कार्यक्रम में भी परिवर्तन किया जा सकता है.

काउंसलिंग से पहले हो जाएं तैयार
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि आरक्षण का लाभ पाने के लिए अभ्यर्थियों की ओर से दस्तावेज प्रस्तुत किए जाना अनिवार्य होता है. कई बार निर्धारित समय सीमा के अंदर दस्तावेज ना बनवाए जाने के कारण अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि सभी दस्तावेज निर्धारित समय सीमा की ही होनी चाहिए.

ये हैं नियम

  • अन्य पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों द्वारा काउंसलिंग के समय निर्धारित प्रारूप पर 31 मार्च 2021 के बाद निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन ने साफ किया है, कि 1 अप्रैल 2021 के पूर्व की तिथि को जारी किए गए प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं होंगे.
  • ओबीसी के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के द्वारा काउंसलिंग के समय राज्य सरकार या भारत सरकार के द्वारा जारी निर्धारित प्रारूप पर निर्गत प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा.

    इसे पढ़ें- 3 नवंबर को अयोध्या आ सकते हैं पीएम नरेंद्र मोदी, दीपोत्सव की तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन
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