लखनऊ : कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. लोकबंधु अस्पताल में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यापारी की मौत हो गई. मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में सही समय पर इलाज नहीं किया गया, इस वजह से मरीज ने दम तोड़ दिया.
लोकबंधु राजनारायण अस्पताल में अमीनाबाद के व्यापारी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद भर्ती किया गया था. यहां पर रविवार को मरीज की हालत गंभीर हो जाने की वजह से मौत हो गई. इसे लेकर परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों ने अस्पताल में तकरीबन डेढ़ घंटे तक हंगामा किया.
वहीं डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत पहले से ही नाजुक थी. रात में ही मरीज को रेफर करने के लिए कहा गया था. उन्हें कहीं भी बेड नहीं मिल रहा था. रविवार को मरीज के कई अंगों के फेल होने की वजह से उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने कहा कि परिजनों को भी सुबह ही बता दिया गया था. इसके बाद भी उन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा किया. मरीज के बेटे का आरोप है कि आईसीयू में डॉक्टर और नर्स नदारद थे. इस वजह से पिता को सही समय पर इलाज नहीं मिला और उन्होंने दम तोड़ दिया.
जानकारी के अनुसार हंगामा शांत होने के बाद हेल्थ केयर वर्कर शव को बॉडी कवर में भी डालने से घबरा रहे थे. इसके बाद सीनियर डॉक्टर भूपेंद्र कुमार ने पीपीई किट पहनकर मृतक की बॉडी पैक की और एक अन्य वर्कर के सहयोग से एंबुलेंस में रखा. शव का वजन ज्यादा होने की वजह से अचानक लड़खड़ा गए, तो एक हेल्थ केयर वर्कर जिसने पीपीई किट नहीं पहनी थी उसने आकर शव को संभाला. ऐसे में वह संपर्क में आ गया जिसके चलते उसे बाद में क्वारंटाइन किया गया है.