लखनऊ: वैक्सीनेशन को लेकर उत्तर प्रदेश में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन के कार्य के लिए लगभग 1500 वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर 2934 सेशन से वैक्सीनेशन के प्रथम चरण के तहत 9 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया जाएगा. हालांकि पहले दिन 317 स्थानों पर वैक्सीनेशन किया जाएगा. वैक्सीनेशन के प्रथम दिन में 16 जनवरी को 311 वैक्सीनेशन केंद्र पर बनाए गए 317 सत्र पर वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएगा. राजधानी में वैक्सीनेशन के लिए 11 केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर पहले दिन 1100 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. वैक्सीनेशन के कार्य को जमीन पर उतारने के लिए 1298 कोल्ड चेन पॉइंट का निर्माण किया गया है.
टीकाकरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इसके साथ ही प्रदेश के 311 केंद्रों पर वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हो गया. यूपी के कुछ वैक्सीनेशन सेंटर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों और वैक्सीनेटर से पीएम मोदी ने संवाद किया और अनुभव साझा किए. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 इंटेलिजेंस नेटवर्क ऐप भी लांच किया.
कम किए गए बूथ
वैक्सीनेशन को लेकर किसी तरह की अव्यवस्था न हो इसलिए पहले दिन वैक्सीनेशन सेंटर में कटौती की गई है. वैक्सीनेशन के प्रथम चरण को जमीन पर उतारने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में 1500 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए है, लेकिन पहले दिन 311 वैक्सीनेशन सेंटर पर ही वैक्सीनेशन किया जाएगा.
लखनऊ में भी कम किए गए सेंटर
राजधानी के वैक्सीनेशन प्रभारी एमके सिंह ने बताया कि वैक्सीनेशन के पहले दिन 11 वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएगा. प्रत्येक सेंटर पर 100 स्वास्थ्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिनकी लिस्ट तैयार कर ली गई है. वैक्सीनेशन के प्रथम चरण के लिए राजधानी लखनऊ में 61 वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर लगभग 200 बूथ पर वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएगा. एमके सिंह ने कहा कि शासन के निर्देशों के तहत पहले दिन 11 वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन का कार्य किया जाएगा. प्रथम चरण के तहत राजधानी लखनऊ में 51000 लोगों को टीका लगाया जाएगा.
टीकाकरण का समय
पहले चरण में सिर्फ उन स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगेगा जिन के संदर्भ में जानकारी कविड पोर्टल पर अपलोड की गई हैं. सुबह 9 बजे से शाम को 5 बजे तक टीकाकरण का कार्य किया जाएगा. टीका लगाने के लिए लिस्ट में शामिल स्वास्थ्य कर्मचारियों को अपनी फोटो आईडी वैक्सीनेशन सेंटर पर साथ में लानी होगी. पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मचारी दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर और तीसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक आयु और गंभीर रूप से बीमार 50 वर्ष से कम की आयु के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी. पहला टीका लगने के 28 दिन बाद दूसरा टीका लगाया जाएगा.
ग्राउंड फ्लोर पर होगा वैक्सीनेशन सेंटर
वैक्सीनेशन सेंटर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि टीका लगवाने आने वालों को किसी तरह की अव्यवस्था का सामना न करना पड़े. वैक्सीनेशन सेंटर को अस्पतालों के ग्राउंड फ्लोर पर बनाया गया है, जहां पर आसानी से लाभार्थी पहुंच सके और उन्हें टीका लगाया जा सके.
सीसीटीवी की निगरानी में होगा वैक्सीनेशन
वैक्सीनेशन का कार्य सीसीटीवी की निगरानी में किया जाएगा साथ ही वैक्सीन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीनेशन सेंटर और वैक्सीनेशन स्टोर सेंटर पर पुलिस फोर्स तैनात रहेगी. लखनऊ के सभी मंडलों में बनाए गए वैक्सीनेशन स्टोर सेंटर से सुबह 8 बजे वैक्सीन, वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचाई जाएगी, जिसके बाद वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएगा. कोल्ड चैन को बनाने के लिए बड़ी संख्या में वैक्सीन कोल्ड चैन सेंटर बनाए गए हैं.
लखनऊ के इन अस्पतालों में होगा टीकाकरण
वैक्सीनेशन के लिए लखनऊ में 11 अस्पतालों में सेंटर बनाया गया है. लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल, वीरांगना अवंतीबाई हॉस्पिटल, केजीएमयू पीजीआई, राम मनोहर लोहिया, एरा मेडिकल कॉलेज, सहारा हॉस्पिटल, सीएचसी माल, सीएचसी मलिहाबाद, सीएचसी इंदिरानगर और सीएचसी चिनहट में वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं.
10 लाख 75 हजार खुराक वैक्सीन की हुई सप्लाई
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड वैक्सीनेशन के लिए तैयारियां पूरी हैं. अब तक उत्तर प्रदेश को प्रथम चरण के वैक्सीनेशन के लिए 10 लाख 75 हजार वैक्सीन की खुराक की सप्लाई हुई है. इसमें से 10 लाख 55 हजार 500 कोविशील्ड और 20 हजार कोवैक्सीन की डोज शामिल है. उत्तर प्रदेश में कोल्ड चेन को बनाने के लिए 23 जिलों में निर्माण भाव 52 जिलों में मरम्मत का कार्य पूरा किया गया है जिससे कि वैक्सीनेशन स्टोरेज की क्षमता को बढ़ाया जा सके.
कोविड-19 वैक्सीन की दी जाएंगी दो डोज
कोविड-19 का टीका दो बार में लगेगा. पहला टीका लगने के 28 दिनों बाद टीके की दूसरी खुराक दी जाएगी. इसके लिए बाकायदा लाभार्थी को एक वैक्सीन कार्ड दिया जाएगा. पहली डोज देने पर कार्ड पर डोज की तारीख अंकित की जाएगी. 28 दिन बाद दूसरी डोज उसी कार्ड पर अंकित निर्धारित डेट पर दी जाएगी. वैक्सीनेशन के लिए सबसे पहले कोविड-19 सेंटर पर पहुंचने वाले लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा. यह सत्यापन कोविड-19 टीम में मौजूद वैक्सीनेशन ऑफिसर द्वारा किया जाएगा. सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद लाभार्थी को वेटिंग हॉल में भेजा जाएगा, जहां पर लाभार्थी अपनी बारी का इंतजार करेंगे. लाभार्थी के पहचान पत्र व अन्य दस्तावेजों की जांच की जाएगी. दस्तावेजों की जांच के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीनेशन एरिया में भेजा जाएगा. वैक्सीनेशन एरिया में पहुंचने के बाद लाभार्थी के दस्तावेजों की जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित करने के बाद की लाभार्थी वैक्सीनेशन के लिए पूरी तरह से फिट है, उसे वैक्सीनेशन की पहली डोज दी जाएगी.
डोज देने के तुरंत बाद कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर बनाए गए पोर्टल पर लाभार्थी का डाटा अपडेट किया जाएगा. वैक्सीनेशन होने के बाद लाभार्थी को ऑब्जर्वेशन रूम में भेजा जाएगा. ऑब्जरवेशन रूम में लाभार्थी को आधे घंटे तक रखा जाएगा और यह देखा जाएगा कि उसके शरीर पर वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं पड़ रहा. वैक्सीनेशन के बाद अगर कोई साइड इफेक्ट पड़ेगा तो तत्काल प्रभाव से अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिए अस्पताल में अलग से व्यवस्था की गई है. वैक्सीनेशन के दौरान अगर किसी प्रकार की समस्या होती है तो उसके लिए हेल्पलाइन नंबर सार्वजनिक किए गए हैं. टीकाकरण से संबंधित किसी भी समस्या के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 और राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1075 पर संपर्क कर मदद ली जा सकती है. इसी के साथ सिरम इंस्टीट्यूट के कॉल सेंटर 18001200124 पर भी कॉल कर जानकारी ली जा सकती है.