लखनऊ: प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थम रही है, लेकिन डेल्टा प्लस और तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. शुक्रवार को 24 घंटे में 2 लाख 70 हजार 723 टेस्ट किए गए. इस दौरान 133 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई. साथ ही एक मरीजों की वायरस से जान चली गई. पिछले 61 दिनों से लगातार केस कम हो रहे हैं. एक दिन में 228 लोगों ने वायरस को हराने में सफलता पाई है. वर्तमान में 2,056 एक्टिव केस हैं.
0.06 फीसदी रहा पॉजिटीविटी रेट
मरीजों का पॉजिटीविटी रेट 3 फीसदी रहा है. इसके अलावा 24 घंटे में जहां राज्य में पॉजिटीविटी रेट 0.06 फीसदी रह गया है, वहीं मृत्युदर अभी 1 फीसदी पर बनी हुई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत एक फीसदी रहा. 30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या घटकर तीन हजार से नीचे आ गई है. वहीं, रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसदी था, अप्रैल में घटकर 76 फीसदी तक पहुंच गया. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 98.5 फीसदी हो गया है.
49 जनपदों में दस से कम मिले केस, 24 जिलों में शून्य
राज्य के 24 जिलों में कोरोना के केस शून्य रहे. 49 जनपदों में 10 से कम मरीज रहे. इसमें 26 जनपदों में एक-एक मरीज ही रहा. 2 जनपदों में डबल डिजिट में मरीज रिकॉर्ड किए गए. वहीं लखनऊ, प्रयागराज में सर्वाधिक 11- 11 केस मिले. मार्च में मरीजों की मौत शून्य रही. यूपी में 550 सैम्पल की जीन सिक्वेंसिंग कराई गई. इन सैम्पल की जांच आईजीआईबी दिल्ली में हुई. इसमें किसी में डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई. हालांकि, 80 फीसदी केस डेल्टा वैरिएंट के मिले. यूपी में दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर रहा. वहीं, डेल्टा प्लस का खतरा बना हुआ है, इसको लेकर अलर्ट है.
43 हजार 890 में हाईलेवल एन्टीबॉडी
यूपी में सीरो सर्वे कराया गया. इसमें 62,500 सैंपल का टेस्ट कराया गया. इसमें 43 हजार 890 में हाई लेवल एन्टीबॉडी मिली. इस सर्वे में सैम्पल का रेशियो मानकर चलें तो मार्च 2020 से 2021 तक प्रदेश में करीब 6 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए. इसके अलावा अप्रैल 2021 से 29 जून 2021 तक करीब 11 लाख संक्रमित हुए. इसमें से 70 फीसदी में हाई लेवल एन्टीबॉडी मिली.
यूपी में वैक्सीन का संकट बरकरार
यूपी में वैक्सीन का संकट बरकरार है. ऐसे में 50 फीसदी टीकाकरण साइट बंद हैं. वहीं, शुक्रवार को चार बजे तक तीन लाख से ज्यादा डोज का रिकॉर्ड अपडेट किया गया. अगले हफ्ते से वैक्सीनेशन की गति बढ़ सकती है. राज्य में जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया. 21 जून से हेल्थ टीम द्वारा सात लाख से साढ़े आठ लाख तक रोज डोज लगाना शुरू किया गया. ऐसे में जून में एक करोड़ 19 लाख डोज लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया, लेकिन केंद्र से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. ऐसे में सात दिन से यूपी में वैक्सीन का संकट छाया हुआ है.
दूसरी डोज के लिए भी भटक रहे लोग
राजधानी में भी वैक्सीन का संकट बरकरार है. यहां के केजीएमयू, सिविल अस्पताल, बीआरडी, लोकबंधु, लोहिया में सुबह ही वैक्सीन के लिए लाइनें रहीं. वहीं, दूसरी डोज के लिए पहुंचने वाले लोग भी भटकते रहे. 45 साल से ऊपर के लोगों का ऑन स्पॉट पंजीकरण नहीं किया गया. सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वालों को ही वैक्सीन लगी. ऐसे में केंद्रों पर हंगामा भी किया गया.
4,828 केंद्र पर टीकाकरण
जून में पहले जहां 8 हजार 400 के करीब वैक्सीन साइट पर टीका लग रहा था, वहीं सोमवार को 6 हजार 417 साइट पर ही टीकाकरण हुआ. अगले दिन मंगलवार को 4 हजार 403 साइट पर टीका लगाया गया. बुधवार को सिर्फ 2,965 केंद्रों पर टीका लगाया गया था. गुरुवार को 4,127 केंद्रों पर ही टीका लगा था. शुक्रवार को 4,828 केंद्र पर टीका लगाया गया.
10 हजार केंद्र पर लगने थे 10 लाख टीके
एक जुलाई से महाभियान के लिए करीब 10 हजार साइट प्रदेश में बनाई गईं थीं. इसमें हर रोज 10 लाख टीका लगाने का दावा किया गया. वहीं, सरकार ने 31 दिसम्बर तक 18 वर्ष से अधिक सभी का टीकाकरण करने का फैसला किया, लेकिन वैक्सीन संकट से टीकाकरण को झटका लग गया. यूपी में वैक्सीनेशन तीन करोड़ से अधिक हो गया है. अब तक कुल 3 करोड़ 19 लाख 61 हजार 893 को डोज लगी. इसमें 2 करोड़ 72 लाख, 80 हजार, 459 को पहली डोज लगी. दूसरी डोज 46 लाख, 81 हजार, 434 से अधिक को लगी.
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