लखनऊ : यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण के लिए गांव-गांव बुखार के मरीजों की खोज चली. ऐसे में समय पर टेस्ट कर गांवों में वायरस के प्रसार को रोकने में सफलता भी मिली है. वहीं अगस्त से अब फिर से अभियान चलेगा. इसमें बुखार पीड़ित बच्चों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट किया जाएगा.
दरअसल, यूपी की एक्सपर्ट कमेटी ने अगस्त से अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है. इसमें बच्चों के सबसे ज्यादा चपेट में आने की संभावना है. इसको देखते हुए योगी सरकार अलर्ट हो गई है. अपर मुख्य सचिव सूचना के मुताबिक मेडिकल किट जनपदों में भेज दी गयी हैं. अगस्त से गांवों में घर-घर बुखार, जुकाम के बच्चों को खोजने का अभियान चलेगा. इस दौरान दवा के साथ-साथ उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा. इसके लिए ग्राम निगरानी समिति अलर्ट कर दी गयी हैं.
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14 लाख वयस्कों को मिली मेडिकल किट
पांच मई से गांवों में कोरोना के खिलाफ महाअभियान शुरू किया गया था. गांव में करीब डेढ़ लाख सदस्यीय टीम मैदान में उतर गई थी. पांच दिन घर-घर संदिग्ध लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर टेस्ट किया गया. इसके बाद भी यह काम जारी है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी है. प्रदेश की 90 हजार राजस्व ग्राम सभाओं में ग्राम समितियां घर-घर भ्रमण कर रही हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम (आरआर टीम) लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर रही है. सर्दी, खांसी, बुखार जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों का एंटीजन टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें मेडिकल किट भी उपलब्ध कराई जाएगी. अब तक 14 लाख लोगों को मेडिकल किट प्रदान की गई है.