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सीएम से लगाई अस्पातल में भर्ती कराने की गुहार, फिर भी इलाज के अभाव में मौत

राजधानी लखनऊ में कोरोना के मरीज प्रशासन से लेकर सीएम तक गुहार लगा रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है. इसी तरह एक मरीज इलाज के अभाव में घर पर ही दम तोड़ दिया.

लखनऊ.
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Published : Apr 17, 2021, 10:56 PM IST

लखनऊ: राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं का दम फूल गया है. अफसरों के बेड बढ़ोतरी के दावे हवा साबित हो रहे हैं. मरीज सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री से अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बेड न मिलने से घर पर ही दम तोड़ रहे हैं. जबकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट में निगेटिव होने और एक्सरे, सीटी स्कैन में कोरोना लक्षण होने पर भी कोविड अस्पताल में भर्ती करने का आदेश जारी किया गया है.

स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
शहर में कोविड के एल-3 व एल-2 अस्पताल में बेड का संकट बना हुआ है. राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम यह है कि आनंदपुरम के विकास नगर निवासी 65 वर्षीय वीके श्रीवास्तव कोरोना पॉजिटिव हो गए. वह पिछले दो दिन से कंट्रोल रूम से लेकर स्वास्थ्य व प्रशासन के अधिकारियों को फोन करते रहे. निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम से भी भर्ती के लिए गिड़गिड़ाते रहे. सीएम को ट्वीट कर अपना ऑक्सीजन लेवल 52 तक गिरना बताया. इसके बाद सीएम के सूचना सलाहकार शलभमणि ने ब्यौरा मांगा लेकिन वह भी मदद नहीं कर सके. शनिवार को मरीज ने दम तोड़ दिया. वहीं, इंदिरा नगर की गर्भवती रुचि बिष्ट की डिलेवरी के लिए सोशल मीडिया पर आवाज उठी. इसके बाद क्वीन मेरी में भर्ती किया गया.

दिन भर काटा चक्कर, नहीं मिला ऑक्सीजन
गोमतीनगर निवासी विवेक के घर के सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए हैं. उनका भी ऑक्सीजन स्तर 65-70 जा रहा है. ऐसे में वह ऑक्सीजन के लिए लखनऊ की बाजारों में भटकते रहे, लेकिन उन्हें कहीं भी ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला.

कोरोना की दवाओं का संकट
लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता विकास रस्तोगी के मुताबिक बाजार में कोरोना के इलाज संबंधी दवाओं का संकट हो गया है. डिमांड के अनुआर दवा नहीं मिल पा रही है.आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन, डाक्सीसाइक्लिन, विटामिन सी, जिंक, डी-3 के साथ ही पैरासिटामाल की भी समस्या हो गयी है. वहीं रेमडेसिविर का भी अभाव बना हुआ है.

यह भी पढ़ें-काेराेना से दुनियाभर में 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत, टॉप-5 में भारत भी शामिल

बीमार निगेटिव मरीजों को भी भर्ती करने के निर्देश
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कोरोना मरीजों के लिए नया आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि तमाम मरीजों में कोविड-19 की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. वहीं, सीटी स्कैन एक्सरे व रक्त की जांच में मरीज कोविड से प्रभावित नजर आ रहा है. ऐसे प्रीजेम्टिव मरीजों को कोविड अस्पताल के अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा.

पार्षद समेत 36 की मौत, पॉजिटिव रेट घटा
लखनऊ में कोरोना का कहर जारी है. अब तक सर्वाधिक एक दिन में 5913 मरीज पाए गए और 36 मरीजों की मौत हुई. इसमें एक कांग्रेस की महिला पार्षद का भी निधन हो गया. इसके अलावा यूपी में रिकवरी रेट काफी घट गया है. पहले मरीजों का रिकवरी रेट जहां मार्च में 98.2 था, वहीं अब 78.51 फीसद रह गया है. इसके अलावा पॉजिटिविटी रेट 2. 2 हो गया है.

लखनऊ: राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं का दम फूल गया है. अफसरों के बेड बढ़ोतरी के दावे हवा साबित हो रहे हैं. मरीज सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री से अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन बेड न मिलने से घर पर ही दम तोड़ रहे हैं. जबकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट में निगेटिव होने और एक्सरे, सीटी स्कैन में कोरोना लक्षण होने पर भी कोविड अस्पताल में भर्ती करने का आदेश जारी किया गया है.

स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
शहर में कोविड के एल-3 व एल-2 अस्पताल में बेड का संकट बना हुआ है. राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम यह है कि आनंदपुरम के विकास नगर निवासी 65 वर्षीय वीके श्रीवास्तव कोरोना पॉजिटिव हो गए. वह पिछले दो दिन से कंट्रोल रूम से लेकर स्वास्थ्य व प्रशासन के अधिकारियों को फोन करते रहे. निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम से भी भर्ती के लिए गिड़गिड़ाते रहे. सीएम को ट्वीट कर अपना ऑक्सीजन लेवल 52 तक गिरना बताया. इसके बाद सीएम के सूचना सलाहकार शलभमणि ने ब्यौरा मांगा लेकिन वह भी मदद नहीं कर सके. शनिवार को मरीज ने दम तोड़ दिया. वहीं, इंदिरा नगर की गर्भवती रुचि बिष्ट की डिलेवरी के लिए सोशल मीडिया पर आवाज उठी. इसके बाद क्वीन मेरी में भर्ती किया गया.

दिन भर काटा चक्कर, नहीं मिला ऑक्सीजन
गोमतीनगर निवासी विवेक के घर के सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए हैं. उनका भी ऑक्सीजन स्तर 65-70 जा रहा है. ऐसे में वह ऑक्सीजन के लिए लखनऊ की बाजारों में भटकते रहे, लेकिन उन्हें कहीं भी ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला.

कोरोना की दवाओं का संकट
लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता विकास रस्तोगी के मुताबिक बाजार में कोरोना के इलाज संबंधी दवाओं का संकट हो गया है. डिमांड के अनुआर दवा नहीं मिल पा रही है.आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन, डाक्सीसाइक्लिन, विटामिन सी, जिंक, डी-3 के साथ ही पैरासिटामाल की भी समस्या हो गयी है. वहीं रेमडेसिविर का भी अभाव बना हुआ है.

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बीमार निगेटिव मरीजों को भी भर्ती करने के निर्देश
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कोरोना मरीजों के लिए नया आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि तमाम मरीजों में कोविड-19 की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. वहीं, सीटी स्कैन एक्सरे व रक्त की जांच में मरीज कोविड से प्रभावित नजर आ रहा है. ऐसे प्रीजेम्टिव मरीजों को कोविड अस्पताल के अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा.

पार्षद समेत 36 की मौत, पॉजिटिव रेट घटा
लखनऊ में कोरोना का कहर जारी है. अब तक सर्वाधिक एक दिन में 5913 मरीज पाए गए और 36 मरीजों की मौत हुई. इसमें एक कांग्रेस की महिला पार्षद का भी निधन हो गया. इसके अलावा यूपी में रिकवरी रेट काफी घट गया है. पहले मरीजों का रिकवरी रेट जहां मार्च में 98.2 था, वहीं अब 78.51 फीसद रह गया है. इसके अलावा पॉजिटिविटी रेट 2. 2 हो गया है.

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