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कोरोना से जंग: सड़कों पर पेंटिंग बनाकर कर रहे जागरूक, 'वेपोराइजर कंसंट्रेट' से होगा बचाव

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Published : May 8, 2020, 7:47 PM IST

राजधानी लखनऊ में वैज्ञानिक और अन्य संस्थाओं से जुड़े लोग अलग-अलग तरह से कोरोना के बचाव में जुटे हैं. वैज्ञानिक हर्बल सैनिटाइजर और वेपोराइजर कंसंट्रेट बनाकर लोगों की मदद कर रहे हैं तो वहीं अन्य विधाओं से जुड़े लोग सड़कों पर पेंटिंग के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं.

कोरोना से जागरूकता के लिए सड़कों पर बनाई पेंटिंग.
कोरोना से जागरूकता के लिए सड़कों पर बनाई पेंटिंग.

लखनऊ: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से देशभर में अपने पांव पसार रहा है. वहीं दूसरी ओर लोग इससे लड़ने और बचाव के बारे में भी नए-नए प्रयोग करते नजर आ रहे हैं. वैज्ञानिकों के प्रयोगों के साथ कला और संस्कृति से जुड़े लोग भी अपनी विधा से लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. इस विधा से जुड़े 'वी केयर वेलफेयर फाउंडेशन' के संस्थापक दीपांकर तिवारी 'डांसटा एकेडमी' के साथ मिलकर राजधानी की सड़कों पर 'वाटरप्रूफ पेंटिंग' बनाकर कोरोना वायरस के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

कल को बनाया जागरूकता का माध्यम
कोरोना वायरस से बचने के लिए हर शख्स नए-नए तरीके निकाल रहा है और लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा है. 'वी केयर वेलफेयर फाउंडेशन' के संस्थापक दीपांकर भी लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं. वह कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद भी कई लोग बिना काम के ही सड़कों पर निकल रहे थे. इस वजह से पुलिसकर्मियों और अन्य कोरोना वॉरियर्स का काम बढ़ गया था.

ऐसे में उन्होंने कला को माध्यम बनाकर लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू की. उन्होंने राजधानी की अलग-अलग सड़कों पर पेंटिंग बनाई. खास बात यह है कि दीपांकर की टीम में शामिल पेंटर्स चेन्नई के रहने वाले हैं, जो यहां पर काम कर रहे हैं. इन पेंटिंग्स में कोरोना वायरस की प्रतीकात्मक छवि और हमारे समाज के कोरोना वॉरियर्स को कला के माध्यम से बनाकर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया गया है. स्लोगन लिखकर भी लोगों को जागरूक करने की पहल की गई है.

एलर्जी से बचाएगा 'वेपोराइजर कंसंट्रेट'
वैज्ञानिक प्रयोगों की बात करें तो सीएसआईआर की सभी प्रयोगशाला में अपने-अपने स्तर पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रयोग किया जा रहा है. इसमें 'केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान' की ओर से हर्बल सैनिटाइजर और वेपोराइजर कंसंट्रेट बनाया गया है. सीमैप के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार त्रिवेदी का कहना है कि डिफ्यूजर में यह वेपोराइजर कंसंट्रेट काफी हद तक काम करेगा. अस्पतालों में इसे लगाने पर रोगियों को श्वास नली के जरिए आराम मिलेगा. उन्होंने बताया कि कई तरह की एलर्जी से भी यह वेपोराइजर कंसंट्रेट लोगों को बचाएगा. सीमैप ने 20 बोतल वेपोराइजर कंसंट्रेट किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती मरीजों के लिए भी दिया है.

सीएसआईआर की एक अन्य प्रयोगशाला 'राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान' ने दो तरह के सैनिटाइजर तैयार किए हैं, जो वह लगातार विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कोरोना वॉरियर्स को मुहैया करवा रहे हैं. इसके अलावा एनबीआरआई के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. शरद श्रीवास्तव कहते हैं कि बहुत दिनों से मास्क लगाए रहने वाले लोगों को कंजेशन और सिरदर्द जैसी शिकायत भी सामने आ रही थी. इसके लिए उन्होंने डीकन्जेस्टेंट इनहेलर बनाया है, जो मास्क पर लगाने से उन्हें एंजाइटी और कंजेशन से आराम देगा.

लखनऊ: कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से देशभर में अपने पांव पसार रहा है. वहीं दूसरी ओर लोग इससे लड़ने और बचाव के बारे में भी नए-नए प्रयोग करते नजर आ रहे हैं. वैज्ञानिकों के प्रयोगों के साथ कला और संस्कृति से जुड़े लोग भी अपनी विधा से लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. इस विधा से जुड़े 'वी केयर वेलफेयर फाउंडेशन' के संस्थापक दीपांकर तिवारी 'डांसटा एकेडमी' के साथ मिलकर राजधानी की सड़कों पर 'वाटरप्रूफ पेंटिंग' बनाकर कोरोना वायरस के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

कल को बनाया जागरूकता का माध्यम
कोरोना वायरस से बचने के लिए हर शख्स नए-नए तरीके निकाल रहा है और लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहा है. 'वी केयर वेलफेयर फाउंडेशन' के संस्थापक दीपांकर भी लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं. वह कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद भी कई लोग बिना काम के ही सड़कों पर निकल रहे थे. इस वजह से पुलिसकर्मियों और अन्य कोरोना वॉरियर्स का काम बढ़ गया था.

ऐसे में उन्होंने कला को माध्यम बनाकर लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू की. उन्होंने राजधानी की अलग-अलग सड़कों पर पेंटिंग बनाई. खास बात यह है कि दीपांकर की टीम में शामिल पेंटर्स चेन्नई के रहने वाले हैं, जो यहां पर काम कर रहे हैं. इन पेंटिंग्स में कोरोना वायरस की प्रतीकात्मक छवि और हमारे समाज के कोरोना वॉरियर्स को कला के माध्यम से बनाकर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया गया है. स्लोगन लिखकर भी लोगों को जागरूक करने की पहल की गई है.

एलर्जी से बचाएगा 'वेपोराइजर कंसंट्रेट'
वैज्ञानिक प्रयोगों की बात करें तो सीएसआईआर की सभी प्रयोगशाला में अपने-अपने स्तर पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रयोग किया जा रहा है. इसमें 'केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान' की ओर से हर्बल सैनिटाइजर और वेपोराइजर कंसंट्रेट बनाया गया है. सीमैप के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार त्रिवेदी का कहना है कि डिफ्यूजर में यह वेपोराइजर कंसंट्रेट काफी हद तक काम करेगा. अस्पतालों में इसे लगाने पर रोगियों को श्वास नली के जरिए आराम मिलेगा. उन्होंने बताया कि कई तरह की एलर्जी से भी यह वेपोराइजर कंसंट्रेट लोगों को बचाएगा. सीमैप ने 20 बोतल वेपोराइजर कंसंट्रेट किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती मरीजों के लिए भी दिया है.

सीएसआईआर की एक अन्य प्रयोगशाला 'राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान' ने दो तरह के सैनिटाइजर तैयार किए हैं, जो वह लगातार विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कोरोना वॉरियर्स को मुहैया करवा रहे हैं. इसके अलावा एनबीआरआई के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. शरद श्रीवास्तव कहते हैं कि बहुत दिनों से मास्क लगाए रहने वाले लोगों को कंजेशन और सिरदर्द जैसी शिकायत भी सामने आ रही थी. इसके लिए उन्होंने डीकन्जेस्टेंट इनहेलर बनाया है, जो मास्क पर लगाने से उन्हें एंजाइटी और कंजेशन से आराम देगा.

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