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किशोरी के साथ दुराचार के दोषी को 10 साल कारावास की सजा - lucknow news

राजधानी लखनऊ की विशेष पाक्सो कोर्ट ने नाबालिग युवती के साथ दुराचार के मामले में दोषी पाए गए एक व्यक्ति को 10 साल का कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

lucknow district court
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Published : Dec 22, 2020, 8:59 PM IST

लखनऊ: पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज अरविन्द मिश्र ने एक नाबालिग युवती से दुराचार करने के मामले में दोषी धर्मवीर यादव को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

जानें पूरा मामला

सरकारी वकील नवीन त्रिपाठी और अभिषेक उपाध्याय के मुताबिक 7 अगस्त 2016 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता की मां ने थाना सरोजनीनगर में दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया कि अभियुक्त धर्मवीर पीड़िता के पड़ोस में रहता था और उसका पीड़िता के घर आनाजाना था. घटना के दिन भी वह किसी काम के बहाने पीड़िता के घर गया था और पीड़िता को घर में अकेली पाकर उसके साथ जबरन दुराचार किया. अभियुक्त ने पीड़िता को धमकी भी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसे और उसके परिवार को जान से मरवा देगा. जिसके बाद पीड़िता ने रोते-रोते सारी बातें अपनी मां को बताईं जिसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बचाव पक्ष की ओर से अभियुक्त को निर्दोष बताते हुए रंजिशन झूठा फंसाने की बात कही गई. हालांकि विशेष अदालत ने पीड़िता और उसकी मां के बयान को सही मानते हुए, अभियुक्त को दोषी करार दिया. जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को दोषी धर्मवीर यादव को 10 साल की कैद और 15 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई.

लखनऊ: पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज अरविन्द मिश्र ने एक नाबालिग युवती से दुराचार करने के मामले में दोषी धर्मवीर यादव को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

जानें पूरा मामला

सरकारी वकील नवीन त्रिपाठी और अभिषेक उपाध्याय के मुताबिक 7 अगस्त 2016 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता की मां ने थाना सरोजनीनगर में दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया कि अभियुक्त धर्मवीर पीड़िता के पड़ोस में रहता था और उसका पीड़िता के घर आनाजाना था. घटना के दिन भी वह किसी काम के बहाने पीड़िता के घर गया था और पीड़िता को घर में अकेली पाकर उसके साथ जबरन दुराचार किया. अभियुक्त ने पीड़िता को धमकी भी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसे और उसके परिवार को जान से मरवा देगा. जिसके बाद पीड़िता ने रोते-रोते सारी बातें अपनी मां को बताईं जिसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. बचाव पक्ष की ओर से अभियुक्त को निर्दोष बताते हुए रंजिशन झूठा फंसाने की बात कही गई. हालांकि विशेष अदालत ने पीड़िता और उसकी मां के बयान को सही मानते हुए, अभियुक्त को दोषी करार दिया. जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को दोषी धर्मवीर यादव को 10 साल की कैद और 15 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई.

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