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राजनीति की बसें बॉर्डर पर अटकी, आम मजदूरों की बसें दनादन जा रहीं यूपी - लखनऊ समाचार

राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर कांग्रेस की ओर से मजदूरों के लिए भेजी गई बसों को लेकर विवाद जारी है. बसों को यूपी सीमा में ले जाने की अनुमति को लेकर जारी सियासत हर पल बदलती जा रही है. वहीं राजनीतिक बयानों के तीर भी जमकर चल रहे हैं, लेकिन इस बस पॉलिटिक्स से इतर आप यह भी जान लीजिए कि अब तक राजस्थान से सर्वाधिक प्रवासी यूपी भेजे गए हैं. राजस्थान रोडवेज की बसों से अब तक 55 हजार प्रवासी उत्तर प्रदेश गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बसों पर राजनीति.
बसों पर राजनीति.
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Published : May 20, 2020, 4:19 PM IST

जयपुर: देश में आज जिस विवाद पर सबकी नजर है वह है राजस्थान के यूपी बॉर्डर पर खड़ी कांग्रेस की वह 500 बसें जिन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है. इन बसों की अनुमति को लेकर पिछले दो दिन में सियासी पारा पूरी तरह से चरम पर पहुंच चुका है. कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच बयानों के बाण भी जमकर छोड़े जा रहे हैं, लेकिन इससे इतर यह भी रोचक तथ्य सामने आया है कि अब तक राजस्थान से यदि सर्वाधिक प्रवासी किसी राज्य में गए हैं तो वो है उत्तर प्रदेश. उत्तर प्रदेश में अब तक 55 हजार 985 मजदूरों को राजस्थान रोडवेज की बसों में बैठा कर भेजा गया है, जबकि 49 हजार 498 की संख्या के साथ मध्य प्रदेश दूसरा राज्य है.

देखें रिपोर्ट.

ऐसे में जहां एक ओर जमकर राजनीति हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से भेजी जा रही बसों को किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं है. 19 मई को ही जब यह विवाद अपने चरम पर था तो राजस्थान प्रशासन की ओर से भेजी गई 31 बसों में उत्तर प्रदेश के श्रमिक गए हैं.

पढ़ें- बस पॉलिटिक्स पर अपनी ही पार्टी पर बिफरीं कांग्रेस MLA अदिति सिंह

राजस्थान में बसों के परिवहन की स्थिति

राजस्थान रोडवेज ने 26 मार्च से 31 मार्च तक फेज वन में 1 लाख 25 हजार प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान के विभिन्न राज्यों के बॉर्डर और बॉर्डर से राजस्थान के जिलों तक बसों की सुविधा प्रदान की थी. 31 मार्च से 14 मई तक फेस दो में 1 लाख 40 हजार श्रमिकों, प्रवासियों और विद्यार्थियों को राजस्थान से बाहर और राजस्थान की सीमा के अंदर जिलों तक बसों की सुविधा प्रदान की गई. अब तक राजस्थान रोडवेज की बसों से कुल 2 लाख 65 हजार श्रमिकों को राजस्थान से बाहर और राजस्थान की सीमा के अंदर जिलों तक बसों की सुविधा दी गई है.

पढ़ें- यूपी सरकार ने कांग्रेस की बसों को नहीं दिया प्रवेश, कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ पुलिस को दी लिखित शिकायत

यह है प्रवासी श्रमिकों के आने और जाने का क्रम
राजस्थान सरकार ने प्रवासी श्रमिकों और राजस्थानी लोगों की वापसी के लिए कॉल सेंटर बनाया था, जिसमें 19 मई तक 22 लाख 52 हजार 200 रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं. इनमें से प्रदेश से बाहर जाने वाले 10 लाख 42 हजार 706 लोग हैं, तो वहीं अन्य राज्यों से राजस्थान में आने वाले 12 लाख 9 हजार 494 लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.

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बसों पर राजनीति.

श्रमिकों का आने का और जाने का सिलसिला
राजस्थान में अब तक 1 लाख 71 हजार 993 श्रमिकों और प्रवासियों को विभिन्न राज्यों में भिजवाया जा चुका है. वहीं 6 लाख 27 हजार 136 श्रमिकों और प्रवासियों को वापस लाया गया है, जिनमें से 2 लाख 55 हजार 924 सिरोही बॉर्डर से, 10 हजार 393 उदयपुर बॉर्डर से, 1 लाख 18 हजार 292 डूंगरपुर बॉर्डर से और 49 हजार 909 जालोर बॉर्डर से और बाकी अन्य जिलों से प्रवेश हुए हैं.

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में अब तक 55 हजार 985 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश वापस भिजवाया जा चुका है और 13 हजार 365 राजस्थानी प्रवासी और श्रमिकों को राजस्थान में ला चुके हैं. ऐसे में अब तक उत्तर प्रदेश वह राज्य है जहां राजस्थान से सबसे ज्यादा श्रमिक गए हैं.

गुजरात
राजस्थान से 7 हजार 753 श्रमिकों को गुजरात भिजवाया जा चुका है. गुजरात के विभिन्न जिलों से 2 लाख 69 हजार 695 प्रवासी श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं. इनमें से 76 हजार 821 डूंगरपुर जिले से, 26072 जालोर से, 1 लाख 19 हजार 850 सिरोही से, 10 हजार 286 उदयपुर से, 19 हजार 690 बाड़मेर बॉर्डर से और अन्य बाकी जिलों से प्रवेश किए हैं.

मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश से अब तक 30 हजार 509 प्रवासी श्रमिकों और निवासियों को राजस्थान लाया जा चुका है, जिनमें से 18 हजार 645 चित्तौड़गढ़ बॉर्डर से, 4 हजार 244 बांसवाड़ा बॉर्डर से, 1 हजार 596 बारां से, 2 हजार 677 झालावाड़ जिले से और अन्य बाकी जिलों से आए हैं. राजस्थान से मध्यप्रदेश में 49 हजार 498 श्रमिकों को मध्यप्रदेश भिजवाया जा चुका है.

पंजाब
पंजाब से अब तक 9019 श्रमिकों और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है. वहीं, पंजाब से राजस्थान में 2387 लोग वापस लौटे हैं.

हरियाणा
हरियाणा के विभिन्न जिलों से अब तक 9830 श्रमिक और प्रवासी भिजवाए जा चुके हैं. जबकि, हरियाणा से 12 हजार 128 लोगों की वापसी हुई है.

उत्तराखंड
उत्तराखंड से अब तक 4890 श्रमिक और प्रवासी उत्तराखंड जा चुके हैं और 2378 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान वापस आए हैं.

पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के 5025 श्रमिक और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है और पश्चिम बंगाल से अब तक 1822 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान वापस आए हैं.

बिहार
बिहार के 16 हजार 386 श्रमिकों और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है. वहीं, बिहार से अब तक 789 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान आ चुके हैं.

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र से अब तक 1 लाख 89 हजार 604 लोगों का आगमन हुआ है. 1459 लोग राजस्थान से वापस महाराष्ट्र भी गए हैं.

उड़ीसा
उड़ीसा के 166 श्रमिक और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है और उड़ीसा से 436 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान आ चुके हैं.

कोटा से विद्यार्थी भी गए
कोटा में पढ़ रहे विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों को विशेष बसों और ट्रेनों से उनके राज्यों में भिजवाने की व्यवस्था की गई. अब तक बसों एवं ट्रेनों द्वारा 46 हजार 686 विद्यार्थियों को भिजवाया जा चुका है. 28 हजार 491 विद्यार्थियों को 1048 बसों से और 18 हजार 196 विद्यार्थियों को 16 विशेष ट्रेनों से उनके राज्यों में भिजवाया गया. अब प्रदेश में कोई छात्र दूसरे राज्यों का नहीं है.

जयपुर: देश में आज जिस विवाद पर सबकी नजर है वह है राजस्थान के यूपी बॉर्डर पर खड़ी कांग्रेस की वह 500 बसें जिन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है. इन बसों की अनुमति को लेकर पिछले दो दिन में सियासी पारा पूरी तरह से चरम पर पहुंच चुका है. कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच बयानों के बाण भी जमकर छोड़े जा रहे हैं, लेकिन इससे इतर यह भी रोचक तथ्य सामने आया है कि अब तक राजस्थान से यदि सर्वाधिक प्रवासी किसी राज्य में गए हैं तो वो है उत्तर प्रदेश. उत्तर प्रदेश में अब तक 55 हजार 985 मजदूरों को राजस्थान रोडवेज की बसों में बैठा कर भेजा गया है, जबकि 49 हजार 498 की संख्या के साथ मध्य प्रदेश दूसरा राज्य है.

देखें रिपोर्ट.

ऐसे में जहां एक ओर जमकर राजनीति हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से भेजी जा रही बसों को किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं है. 19 मई को ही जब यह विवाद अपने चरम पर था तो राजस्थान प्रशासन की ओर से भेजी गई 31 बसों में उत्तर प्रदेश के श्रमिक गए हैं.

पढ़ें- बस पॉलिटिक्स पर अपनी ही पार्टी पर बिफरीं कांग्रेस MLA अदिति सिंह

राजस्थान में बसों के परिवहन की स्थिति

राजस्थान रोडवेज ने 26 मार्च से 31 मार्च तक फेज वन में 1 लाख 25 हजार प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान के विभिन्न राज्यों के बॉर्डर और बॉर्डर से राजस्थान के जिलों तक बसों की सुविधा प्रदान की थी. 31 मार्च से 14 मई तक फेस दो में 1 लाख 40 हजार श्रमिकों, प्रवासियों और विद्यार्थियों को राजस्थान से बाहर और राजस्थान की सीमा के अंदर जिलों तक बसों की सुविधा प्रदान की गई. अब तक राजस्थान रोडवेज की बसों से कुल 2 लाख 65 हजार श्रमिकों को राजस्थान से बाहर और राजस्थान की सीमा के अंदर जिलों तक बसों की सुविधा दी गई है.

पढ़ें- यूपी सरकार ने कांग्रेस की बसों को नहीं दिया प्रवेश, कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ पुलिस को दी लिखित शिकायत

यह है प्रवासी श्रमिकों के आने और जाने का क्रम
राजस्थान सरकार ने प्रवासी श्रमिकों और राजस्थानी लोगों की वापसी के लिए कॉल सेंटर बनाया था, जिसमें 19 मई तक 22 लाख 52 हजार 200 रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं. इनमें से प्रदेश से बाहर जाने वाले 10 लाख 42 हजार 706 लोग हैं, तो वहीं अन्य राज्यों से राजस्थान में आने वाले 12 लाख 9 हजार 494 लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.

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बसों पर राजनीति.

श्रमिकों का आने का और जाने का सिलसिला
राजस्थान में अब तक 1 लाख 71 हजार 993 श्रमिकों और प्रवासियों को विभिन्न राज्यों में भिजवाया जा चुका है. वहीं 6 लाख 27 हजार 136 श्रमिकों और प्रवासियों को वापस लाया गया है, जिनमें से 2 लाख 55 हजार 924 सिरोही बॉर्डर से, 10 हजार 393 उदयपुर बॉर्डर से, 1 लाख 18 हजार 292 डूंगरपुर बॉर्डर से और 49 हजार 909 जालोर बॉर्डर से और बाकी अन्य जिलों से प्रवेश हुए हैं.

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में अब तक 55 हजार 985 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश वापस भिजवाया जा चुका है और 13 हजार 365 राजस्थानी प्रवासी और श्रमिकों को राजस्थान में ला चुके हैं. ऐसे में अब तक उत्तर प्रदेश वह राज्य है जहां राजस्थान से सबसे ज्यादा श्रमिक गए हैं.

गुजरात
राजस्थान से 7 हजार 753 श्रमिकों को गुजरात भिजवाया जा चुका है. गुजरात के विभिन्न जिलों से 2 लाख 69 हजार 695 प्रवासी श्रमिक राजस्थान आ चुके हैं. इनमें से 76 हजार 821 डूंगरपुर जिले से, 26072 जालोर से, 1 लाख 19 हजार 850 सिरोही से, 10 हजार 286 उदयपुर से, 19 हजार 690 बाड़मेर बॉर्डर से और अन्य बाकी जिलों से प्रवेश किए हैं.

मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश से अब तक 30 हजार 509 प्रवासी श्रमिकों और निवासियों को राजस्थान लाया जा चुका है, जिनमें से 18 हजार 645 चित्तौड़गढ़ बॉर्डर से, 4 हजार 244 बांसवाड़ा बॉर्डर से, 1 हजार 596 बारां से, 2 हजार 677 झालावाड़ जिले से और अन्य बाकी जिलों से आए हैं. राजस्थान से मध्यप्रदेश में 49 हजार 498 श्रमिकों को मध्यप्रदेश भिजवाया जा चुका है.

पंजाब
पंजाब से अब तक 9019 श्रमिकों और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है. वहीं, पंजाब से राजस्थान में 2387 लोग वापस लौटे हैं.

हरियाणा
हरियाणा के विभिन्न जिलों से अब तक 9830 श्रमिक और प्रवासी भिजवाए जा चुके हैं. जबकि, हरियाणा से 12 हजार 128 लोगों की वापसी हुई है.

उत्तराखंड
उत्तराखंड से अब तक 4890 श्रमिक और प्रवासी उत्तराखंड जा चुके हैं और 2378 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान वापस आए हैं.

पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के 5025 श्रमिक और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है और पश्चिम बंगाल से अब तक 1822 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान वापस आए हैं.

बिहार
बिहार के 16 हजार 386 श्रमिकों और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है. वहीं, बिहार से अब तक 789 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान आ चुके हैं.

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र से अब तक 1 लाख 89 हजार 604 लोगों का आगमन हुआ है. 1459 लोग राजस्थान से वापस महाराष्ट्र भी गए हैं.

उड़ीसा
उड़ीसा के 166 श्रमिक और प्रवासियों को भिजवाया जा चुका है और उड़ीसा से 436 श्रमिक और प्रवासी राजस्थान आ चुके हैं.

कोटा से विद्यार्थी भी गए
कोटा में पढ़ रहे विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों को विशेष बसों और ट्रेनों से उनके राज्यों में भिजवाने की व्यवस्था की गई. अब तक बसों एवं ट्रेनों द्वारा 46 हजार 686 विद्यार्थियों को भिजवाया जा चुका है. 28 हजार 491 विद्यार्थियों को 1048 बसों से और 18 हजार 196 विद्यार्थियों को 16 विशेष ट्रेनों से उनके राज्यों में भिजवाया गया. अब प्रदेश में कोई छात्र दूसरे राज्यों का नहीं है.

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