लखनऊः बांदा जिला जेल की निगरानी पहली बार ड्रोन कैमरे से होगी. बैरक नंबर 15 को सीसीटीवी कैमरों से कवर किया गया. यह सीसीटीवी कैमरे लखनऊ जेल मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से कनेक्ट हैं. लिहाजा मुख्तार की बैरक की निगरानी जेल मुख्यालय से भी हो रही है. तन्हाई बैरक में मुख्तार पहले भी था, लेकिन इस बार मुख्तार के आसपास कोई भी जाना पहचाना चेहरा नहीं है. इसीलिए बांदा जेल को 30 नए सुरक्षाकर्मी दिए हैं, जिनमें 12 जेल वार्डर और 18 पीएसी के जवान हैं.
नए जेलकर्मी और सुरक्षाकर्मी बैरक के बाहर तैनात
यह नए जेलकर्मी और सुरक्षाकर्मी मुख्तार की ही बैरक के आसपास रहेंगे. बांदा जेल को 5 बॉडी वॉर्न कैमरा दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, मुख्तार के आसपास जाने वाला हर जेलकर्मी को बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस हैं. इन कैमरों से जेलकर्मी और मुख्तार के बीच हुई बातचीत और व्यवहार की रिकॉर्डिंग की जा रही है. बैरक में तलाशी के बाद ही ड्यूटी पर आने वाले जेल कर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति है. जेल की निगरानी के लिए एक ड्रोन कैमरा भी लखनऊ से भेजा गया है.
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डीजी जेल ने CCTV के जरिए मुख्तार की हरकतों का लिया जायजा
डीजी जेल आनंद कुमार ने जेल मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से CCTV कैमरे से बांदा जेल में बंद मुख्तार की मानिटरिंग किया. उन्होनें बांदा जेल अफसरों को कई निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बताया की बांदा जेल, मुख्तार के बैरक और उसके आसपास 15 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. उसका कंट्रोल रूम जेल मुख्यालय को बनाया गया है. यहां से निगरानी के लिए 2 शिफ्टों में जेल कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. सीसीटीवी कैमरे के द्वारा मुख्तार की हर हरकत पर नजर रखी जाएगी.
ड्रोन कैमरे की निगरानी करते हुए जारी हुआ वीडियो
गुरुवार शाम बांदा जेल के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों ने ड्रोन कैमरे को बांदा जेल परिसर के ऊपर उड़ा कर का ट्रायल की. अत्याधुनिक ड्रोन से प्राप्त फुटेज बहुत साफ है. जेल और बैरक का चप्पा-चप्पा इसकी निगरानी में है. जेल अफसरों का कहना है कि इससे बांदा जेल को सुरक्षित करने और हाईटेक बनाने में यह ड्रोन कैमरा बहुत ही सहायक होगा. इसके अतिरिक्त जेल के सुरक्षाकर्मियों ने बॉडीवॉर्न कैमरा पहनकर उसका भी ट्रायल किया और यह भी बहुत बढ़िया काम कर रहा है. इससे मुख्तार की बैरक की गतिविधियां साफ-साफ दिखाई दे रही है.