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'जय जवान-जय किसान' अभियान से किसानों को जोड़ने की कवायद में कांग्रेस

'जय जवान-जय किसान' अभियान से कांग्रेस किसानों को जोड़ने की कवायद में जुट गई है. 10 फरवरी से चार दिन तक किसान महापंचायतों में अलग-अलग जनपद में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी डेरा डालेंगी और किसानों को कांग्रेस के पक्ष में जोड़ने का प्रयास करेंगी. कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं का भी जमावड़ा लगेगा.

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी
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Published : Feb 9, 2021, 8:51 PM IST

लखनऊ: कृषि कानूनों को लेकर आंदोलित किसानों को अपने पक्ष में जुटाकर विरोधी दल उनके सहारे अपनी वैतरणी पार करने की कोशिश में लगे हैं. भले ही किसान नेता अपने आंदोलन पर राजनीतिक साया न पड़ने देने की बात कहते हों, लेकिन राजनीतिक दल लगातार इस आंदोलन को भुनाने के प्रयास में जुटे हैं.

कांग्रेस को भी लग रहा है कि यूपी के 2022 विधानसभा चुनाव के लिए किसानों को साथ लेकर ही सत्ता की कुर्सी पर काबिज हुआ जा सकता है. अब कांग्रेस इस दिशा में जुट भी गई है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश को चुना है. बुधवार से चार दिन तक किसान महापंचायतों में अलग-अलग जनपद में प्रियंका गांधी डेरा डालेंगी और किसानों को कांग्रेस के पक्ष में जोड़ने का प्रयास करेंगी.

आंदोलन की जमीन तैयार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की मजबूत जमीन तैयार हो गई है. सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़ समेत कई जिलों में किसान आंदोलन का तीखा प्रभाव है. सैकड़ों गांवों के लोग रोजाना गाजीपुर बॉर्डर पर आते-जाते रहते हैं, जहां एक तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का मजमा लगा है तो वहीं दूसरी तरफ गांव-गांव किसान आंदोलन की रूपरेखा कांग्रेस ने तय कर ली है.

हर जिले की तहसीलों के बड़े गांवों से 'जय जवान-जय किसान' अभियान की शुरुआत कांग्रेस कर रही है. कांग्रेस के लिए पश्चिमी यूपी मजबूत जमीन रही है. कई बड़े कांग्रेसी नेता पश्चिमी यूपी की राजनीति में मजबूत दखल रखते हैं. कांग्रेस इस अभियान से किसान जातियों खासकर हिन्दू, मुस्लिम जाटों और गुर्जरों में मजबूत पकड़ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.

तराई जिलों में मजबूती से चलेगा अभियान
कांग्रेस ने इस अभियान के तहत उन जिलों को प्राथमिक तौर पर टारगेट किया है, जहां पर मजबूत किसान राजनीति का आधार रहा है. सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, बदायूं, बरेली, रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई समेत 27 जिलों में 'जय जवान जय किसान' अभियान मजबूती से शुरू हो रहा है.

प्रियंका समेत सभी वरिष्ठ नेता अभियान में करेंगे शिरकत
सूत्रों के हवाले से यह भी तय माना जा रहा है कि सहारनपुर में 10 फरवरी को 'जय जवान जय किसान' अभियान के लिए नकुड़ तहसील में महासचिव प्रियंका गांधी पहुंच रही हैं. बता दें कि महासचिव प्रियंका गांधी पिछले दिनों रामपुर के बिलासपुर के मृतक किसान नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में पहुंची थीं. उस समय प्रियंका गांधी ने कहा था कि सरकार को हरहाल में किसान विरोधी कानून वापस लेना ही होगा. किसानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.

बड़े नेता होंगे शामिल
10 दिवसीय 'जय जवान-जय किसान' अभियान में यूपी समेत देश के कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल होंगे. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, हरेंद्र मलिक, इमरान मसूद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, एमएलसी दीपक सिंह, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व सांसद राकेश सचान, प्रदीप आदित्य जैन, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, हार्दिक पटेल, नवजोत सिंह सिद्धू, दीपेंद्र हुड्डा, मीम अफजल, बेगम नूर बानो, पीएल पुनिया, प्रदीप माथुर, राशिद अल्वी, इमरान मसूद, बॉक्सर विजेंद्र सिंह, शायर इमरान प्रतापगढ़ी, पंकज मलिक, विश्वेंद्र सिंह, प्रवीण एरन, आचार्य प्रमोद कृष्णम, जफर अली नकवी, अरुण यादव, आरके चौधरी, विनोद चतुर्वेदी, विवेक बंसल, सर्वराज सिंह, आरपीएन सिंह, मो. मुकीम, संजय कपूर, हफीजुर्रहमान, युसुफ अली तुर्क, गजराज सिंह, राजकुमार वेरका और मुहम्मद जावेद समेत कई बड़े नेता जिला वार कार्यक्रमों में शामिल होंगे. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा विभिन्न जिलों में हिस्सा लेंगी.

कार्यकर्ताओं की टीम तैयार
यूपी कांग्रेस ने अभी पिछले दिनों अपने ब्लॉक कमेटी और न्याय पंचायत की बैठकें पूरी की हैं. यूपी कांग्रेस ने ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर पर 28,575 कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम तैयार कर ली है. इसके जरिए अपने अभियानों और कार्यक्रमों को मजबूती से कर रही है.

लखनऊ: कृषि कानूनों को लेकर आंदोलित किसानों को अपने पक्ष में जुटाकर विरोधी दल उनके सहारे अपनी वैतरणी पार करने की कोशिश में लगे हैं. भले ही किसान नेता अपने आंदोलन पर राजनीतिक साया न पड़ने देने की बात कहते हों, लेकिन राजनीतिक दल लगातार इस आंदोलन को भुनाने के प्रयास में जुटे हैं.

कांग्रेस को भी लग रहा है कि यूपी के 2022 विधानसभा चुनाव के लिए किसानों को साथ लेकर ही सत्ता की कुर्सी पर काबिज हुआ जा सकता है. अब कांग्रेस इस दिशा में जुट भी गई है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश को चुना है. बुधवार से चार दिन तक किसान महापंचायतों में अलग-अलग जनपद में प्रियंका गांधी डेरा डालेंगी और किसानों को कांग्रेस के पक्ष में जोड़ने का प्रयास करेंगी.

आंदोलन की जमीन तैयार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की मजबूत जमीन तैयार हो गई है. सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़ समेत कई जिलों में किसान आंदोलन का तीखा प्रभाव है. सैकड़ों गांवों के लोग रोजाना गाजीपुर बॉर्डर पर आते-जाते रहते हैं, जहां एक तरफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का मजमा लगा है तो वहीं दूसरी तरफ गांव-गांव किसान आंदोलन की रूपरेखा कांग्रेस ने तय कर ली है.

हर जिले की तहसीलों के बड़े गांवों से 'जय जवान-जय किसान' अभियान की शुरुआत कांग्रेस कर रही है. कांग्रेस के लिए पश्चिमी यूपी मजबूत जमीन रही है. कई बड़े कांग्रेसी नेता पश्चिमी यूपी की राजनीति में मजबूत दखल रखते हैं. कांग्रेस इस अभियान से किसान जातियों खासकर हिन्दू, मुस्लिम जाटों और गुर्जरों में मजबूत पकड़ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है.

तराई जिलों में मजबूती से चलेगा अभियान
कांग्रेस ने इस अभियान के तहत उन जिलों को प्राथमिक तौर पर टारगेट किया है, जहां पर मजबूत किसान राजनीति का आधार रहा है. सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, बदायूं, बरेली, रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई समेत 27 जिलों में 'जय जवान जय किसान' अभियान मजबूती से शुरू हो रहा है.

प्रियंका समेत सभी वरिष्ठ नेता अभियान में करेंगे शिरकत
सूत्रों के हवाले से यह भी तय माना जा रहा है कि सहारनपुर में 10 फरवरी को 'जय जवान जय किसान' अभियान के लिए नकुड़ तहसील में महासचिव प्रियंका गांधी पहुंच रही हैं. बता दें कि महासचिव प्रियंका गांधी पिछले दिनों रामपुर के बिलासपुर के मृतक किसान नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में पहुंची थीं. उस समय प्रियंका गांधी ने कहा था कि सरकार को हरहाल में किसान विरोधी कानून वापस लेना ही होगा. किसानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.

बड़े नेता होंगे शामिल
10 दिवसीय 'जय जवान-जय किसान' अभियान में यूपी समेत देश के कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल होंगे. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, हरेंद्र मलिक, इमरान मसूद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, एमएलसी दीपक सिंह, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व सांसद राकेश सचान, प्रदीप आदित्य जैन, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, हार्दिक पटेल, नवजोत सिंह सिद्धू, दीपेंद्र हुड्डा, मीम अफजल, बेगम नूर बानो, पीएल पुनिया, प्रदीप माथुर, राशिद अल्वी, इमरान मसूद, बॉक्सर विजेंद्र सिंह, शायर इमरान प्रतापगढ़ी, पंकज मलिक, विश्वेंद्र सिंह, प्रवीण एरन, आचार्य प्रमोद कृष्णम, जफर अली नकवी, अरुण यादव, आरके चौधरी, विनोद चतुर्वेदी, विवेक बंसल, सर्वराज सिंह, आरपीएन सिंह, मो. मुकीम, संजय कपूर, हफीजुर्रहमान, युसुफ अली तुर्क, गजराज सिंह, राजकुमार वेरका और मुहम्मद जावेद समेत कई बड़े नेता जिला वार कार्यक्रमों में शामिल होंगे. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा विभिन्न जिलों में हिस्सा लेंगी.

कार्यकर्ताओं की टीम तैयार
यूपी कांग्रेस ने अभी पिछले दिनों अपने ब्लॉक कमेटी और न्याय पंचायत की बैठकें पूरी की हैं. यूपी कांग्रेस ने ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर पर 28,575 कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम तैयार कर ली है. इसके जरिए अपने अभियानों और कार्यक्रमों को मजबूती से कर रही है.

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