लखनऊ: प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए 1000 बसों की सुविधा की पेशकश करने वाली कांग्रेस अब बसों की सूची प्रदेश सरकार को सौंपेगी. योगी सरकार में कांग्रेस से बसों की सूची और चालक व परिचालाकों की सूची मांगी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने सरकार के रवैये को मजदूर और गरीब विरोधी बताया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए वह पिछले तीन दिन से समय मांग रहे हैं, लेकिन आज तक मुलाकात संभव नहीं हो सकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीबों और प्रवासी मजदूरों की मदद करने के मकसद से बसों की सुविधा मुहैया करा रही है. बसों का सारा खर्च कांग्रेस वहन करने के लिए तैयार है. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जब देखा कि उत्तर प्रदेश के सड़कों पर मजदूर पैदल चलने के लिए मजबूर हो रहे हैं, तब उन्होंने 1000 बसों की सुविधा देने की पेशकश की. अब योगी सरकार बसों की सुविधा मजदूरों को मुहैया कराने के बजाय अड़ंगा लगा रही है.
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कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि योगी सरकार की अनदेखी और उदासीनता की वजह से ही सड़कों पर मजदूर पैदल चलने और ट्रकों में बैठकर सफर करने के लिए मजबूर हो रहे थे, जिससे उनका शोषण हो रहा था. ऐसे में कांग्रेस की ओर से मदद की पेशकश की गई. बसों का संचालन प्रदेश सरकार के बनाए नियमों के तहत ही किया जाना था, लेकिन योगी सरकार मजदूरों के हित में फैसला लेने के बजाय बाधा उत्पन्न कर रही है. उन्होंने बताया कि 1000 बसों की सूची सौंपने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय जाएंगे. योगी सरकार के 12,000 बसों की सुविधा का दावा करने के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार का यह दावा सही है तो वह गाजियाबाद समेत अन्य स्थानों पर यूपी के सीमा में खड़े हजारों मजदूरों को घर ले जाने का इंतजाम क्यों नहीं कर रही है.