लखनऊ : जहां एक तरफ कांग्रेस पार्टी समेत 22 राजनीतिक दल चुनाव आयोग और ईवीएम पर हमलावर हैं, वहीं दूसरी तरफ पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर प्रणब मुखर्जी ने यह कहकर उन दलों पर सवालिया निशान लगा दिया है कि ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल खड़ा करना ठीक नहीं है. 1952 से लेकर अब तक चुनाव अयोग निष्पक्षता से अपना काम कर रहा है.
- प्रणव मुखर्जी की इस प्रतिक्रिया से कांग्रेसी खेमे में असहजता की स्थिती बन गई है.
- कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती हैे.
- विपक्षी दलों के सभी नेता ईवीएम में धांधली की बात कर रहे हैं.
महामहिम प्रणव मुखर्जी पूर्व राष्ट्रपति हैं, मैं उनकी बात पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन जो वर्तमान में यथार्थ के धरातल पर उतर कर जो राजनीतिक दल, प्रत्याशी गण और राजनीतिक सदस्यगण जिस तरीके से चुनाव आयोग में गए, मतदाताओं से मिले और जो एग्जिट पोल आ रहे हैं. उसमें परस्पर काफी विरोधाभास नजर आ रहा है. कहीं न कहीं कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है, जिसको यूं ही नहीं टाला जा सकता, ऐसे में प्रणव मुखर्जी साहब ने जो भी बोला उनकी व्यक्तिगत राय है, उससे ऊपर बात नहीं हो सकती.
प्रमोद पाण्डेय, प्रवक्ता, कांग्रेस