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Lok Sabha Elections 2024 में उप्र के लिए कांग्रेस इस खास रणनीति पर कर रही है काम, जानिए क्या

सभी दलों ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारी (Lok Sabha Elections 2024) शुरू दी है. कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव को लेकर खास रणनीति पर काम कर रही है.

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Published : Mar 11, 2023, 6:50 PM IST

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी

लखनऊ : पिछले 32 वर्षों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस पार्टी प्रदेश के साथ ही दिल्ली की सत्ता भी हासिल करने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है. मगर मौजूदा समय में जो पार्टी का जनाधार है वह इतना नहीं है कि वह उसे सत्ता तक पहुंचा सके. मौजूदा समय में पार्टी की स्थिति खस्ताहाल है. विधानसभा में उसके दो विधायक व लोकसभा में एक सांसद ही प्रदेश से बचा है. कांग्रेस पार्टी ने जहां 2022 के विधानसभा में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में चुनाव लड़ा तो उसे सफलता नहीं मिली. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना था कि पार्टी के पास अब वह वोट बैंक नहीं है जिसके आधार पर कांग्रेस ने इतने लंबे समय तक राज किया. बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए पार्टी के राष्ट्रीय महाधिवेशन में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर से पार्टी को अपने पुराने कैडर वोट को जोड़ने की बात कही है.

एक समय था जब कांग्रेस को ब्राह्मणों की पार्टी कहा जाता था पर मौजूदा समय में कांग्रेस का यह वोट बैंक उससे टूटकर भाजपा के पाले में चला गया है, वहीं दलित और मुस्लिम वोट भी कांग्रेस का साथ छोड़कर प्रदेश की दूसरी पार्टियों के साथ जुड़ गए हैं. ऐसे में पार्टी के पास जो जनाधार था वह अब नहीं है. इसी को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने रायपुर अधिवेशन में दिए अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश के सवर्ण, दलित व मुस्लिम वोटों को साथ लाने पर फ़ोकस करेगी. प्रियंका गांधी ने भाषण के दौरान कांग्रेस के तीन ऐसे लोगों का नाम लिया जो कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में प्रदेश में विख्यात हैं. प्रियंका गांधी ने मंच से कहा था कि आज कांग्रेस को अनोखे लाल तिवारी, बच्चू लाल पासी व नसीब पठान जैसे नेताओं की जरूरत है, जो कांग्रेस को अपना समझते हैं. इनमें से कई लोग तो आज भी एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं. यह कांग्रेस की असली ताकत नहीं है. उन्होंने अपने भाषण में पार्टी को ऐसे ही लोगों को अपने साथ जोड़ने की बात कही.


कांग्रेस पार्टी
कांग्रेस पार्टी

ब्राह्मण, दलित व मुस्लिम पर पार्टी का फोकस : कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी ने यूपी में पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए. जिनमें गोविंद बल्लभ पंत, सुचेता कृपलानी, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी व श्रीपति मिश्रा शामिल हैं. इसके अलावा महावीर प्रसाद, अच्छे लाल बाल्मीकि व पीएल पुनिया जैसे दलित नेताओं को भी पार्टी ने आगे बढ़ाया. प्रदेश व केंद्र में मंत्री बनने के साथ ही राज्यसभा तक भेजे गए. इसके अलावा मुसलमानों में नसीब पठान, मोहसिना किदवई व सलमान खुर्शीद जैसे मुस्लिम चेहरों को पार्टी में उच्च पदों पर रखने के साथ ही उन्हें संसद तक भेजा.' उन्होंने कहा कि 'पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से अपने इसी खास वोट बैंक को जोड़ने का काम कर रही है.' उन्होंने कहा कि 'आज यह तीनों ही जातियों कांग्रेस से दूर हो गई हैं और अब इनका क्या हाल है यह सभी को पता है. आज प्रदेश सरकार का बुलडोजर विशेष जाति के ऊपर चल रहा है, वहीं मुसलमानों की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी हुई नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'रायपुर अधिवेशन में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के इसी को वोट बैंक को एक बार फिर से अपने साथ जोड़ने व उनके लिए काम करने का बात कही है.'



पार्टी ने अभी हाल ही में अधिवेशन से पहले उत्तर प्रदेश अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मेंबर्स की लिस्ट जारी की थी. जिसमें पार्टी में इन तीन विशेष जातियों के लोगों को जगह देने के साथ ही महिलाओं और युवाओं को भी इसमें रखा है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की सूची जारी की गई थी, जिसमें लखनऊ के 9 इलेक्टेड एआईसीसी सदस्य एवं 4 कॉप्टेड एआईसीसी सदस्य बनाए गए. जिसमें से 5 अल्पसंख्यक, 4 ब्राह्मण, 3 दलित एवं 1 ठाकुर को बनाया गया. शीर्ष नेतृत्व ने अनुभवी नेताओं के साथ युवा नेताओं को तरजीह दी. लिस्ट में पूर्व महानगर अध्यक्ष, पूर्व पार्षद एवं प्रवक्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लखनऊ से एआईसीसी का सदस्य बना कर ठाकुर नेता में मुकेश सिंह चौहान का कद बढ़ाया. इसके अलावा अल्पसंख्यक नेता में नईम अहमद सिद्दिकी पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष, अनस रहमान, रफत फातिमा प्रदेश प्रवक्ता, शहनवाज अहमद उर्फ मंगल, अब्बास मुर्तजा शमशी के अलावा ब्राह्मण नेता में नकुल दूबे. पूर्व मंत्री, शिव पांडेय, प्रदेश कोषाध्यक्ष, पंकज तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता, प्रभाकर मिश्रा, वहीं दलित नेता में ललन कुमार, ममता चौधरी, नेता कांग्रेस पार्षद दल, नरेश बाल्मीकि को भी लिस्ट में रखा गया. प्रदेश संगठन के निर्माण में भी पार्टी इसी फार्मूले पर काम कर रही है.

यह भी पढ़ें : Mirzapur News:डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को लेकर दिया ये बयान

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी

लखनऊ : पिछले 32 वर्षों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस पार्टी प्रदेश के साथ ही दिल्ली की सत्ता भी हासिल करने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है. मगर मौजूदा समय में जो पार्टी का जनाधार है वह इतना नहीं है कि वह उसे सत्ता तक पहुंचा सके. मौजूदा समय में पार्टी की स्थिति खस्ताहाल है. विधानसभा में उसके दो विधायक व लोकसभा में एक सांसद ही प्रदेश से बचा है. कांग्रेस पार्टी ने जहां 2022 के विधानसभा में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की अगुवाई में चुनाव लड़ा तो उसे सफलता नहीं मिली. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना था कि पार्टी के पास अब वह वोट बैंक नहीं है जिसके आधार पर कांग्रेस ने इतने लंबे समय तक राज किया. बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए पार्टी के राष्ट्रीय महाधिवेशन में उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर से पार्टी को अपने पुराने कैडर वोट को जोड़ने की बात कही है.

एक समय था जब कांग्रेस को ब्राह्मणों की पार्टी कहा जाता था पर मौजूदा समय में कांग्रेस का यह वोट बैंक उससे टूटकर भाजपा के पाले में चला गया है, वहीं दलित और मुस्लिम वोट भी कांग्रेस का साथ छोड़कर प्रदेश की दूसरी पार्टियों के साथ जुड़ गए हैं. ऐसे में पार्टी के पास जो जनाधार था वह अब नहीं है. इसी को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने रायपुर अधिवेशन में दिए अपने भाषण के दौरान उत्तर प्रदेश के सवर्ण, दलित व मुस्लिम वोटों को साथ लाने पर फ़ोकस करेगी. प्रियंका गांधी ने भाषण के दौरान कांग्रेस के तीन ऐसे लोगों का नाम लिया जो कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में प्रदेश में विख्यात हैं. प्रियंका गांधी ने मंच से कहा था कि आज कांग्रेस को अनोखे लाल तिवारी, बच्चू लाल पासी व नसीब पठान जैसे नेताओं की जरूरत है, जो कांग्रेस को अपना समझते हैं. इनमें से कई लोग तो आज भी एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर कांग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं. यह कांग्रेस की असली ताकत नहीं है. उन्होंने अपने भाषण में पार्टी को ऐसे ही लोगों को अपने साथ जोड़ने की बात कही.


कांग्रेस पार्टी
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ब्राह्मण, दलित व मुस्लिम पर पार्टी का फोकस : कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी ने यूपी में पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए. जिनमें गोविंद बल्लभ पंत, सुचेता कृपलानी, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी व श्रीपति मिश्रा शामिल हैं. इसके अलावा महावीर प्रसाद, अच्छे लाल बाल्मीकि व पीएल पुनिया जैसे दलित नेताओं को भी पार्टी ने आगे बढ़ाया. प्रदेश व केंद्र में मंत्री बनने के साथ ही राज्यसभा तक भेजे गए. इसके अलावा मुसलमानों में नसीब पठान, मोहसिना किदवई व सलमान खुर्शीद जैसे मुस्लिम चेहरों को पार्टी में उच्च पदों पर रखने के साथ ही उन्हें संसद तक भेजा.' उन्होंने कहा कि 'पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से अपने इसी खास वोट बैंक को जोड़ने का काम कर रही है.' उन्होंने कहा कि 'आज यह तीनों ही जातियों कांग्रेस से दूर हो गई हैं और अब इनका क्या हाल है यह सभी को पता है. आज प्रदेश सरकार का बुलडोजर विशेष जाति के ऊपर चल रहा है, वहीं मुसलमानों की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी हुई नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'रायपुर अधिवेशन में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के इसी को वोट बैंक को एक बार फिर से अपने साथ जोड़ने व उनके लिए काम करने का बात कही है.'



पार्टी ने अभी हाल ही में अधिवेशन से पहले उत्तर प्रदेश अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मेंबर्स की लिस्ट जारी की थी. जिसमें पार्टी में इन तीन विशेष जातियों के लोगों को जगह देने के साथ ही महिलाओं और युवाओं को भी इसमें रखा है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्यों की सूची जारी की गई थी, जिसमें लखनऊ के 9 इलेक्टेड एआईसीसी सदस्य एवं 4 कॉप्टेड एआईसीसी सदस्य बनाए गए. जिसमें से 5 अल्पसंख्यक, 4 ब्राह्मण, 3 दलित एवं 1 ठाकुर को बनाया गया. शीर्ष नेतृत्व ने अनुभवी नेताओं के साथ युवा नेताओं को तरजीह दी. लिस्ट में पूर्व महानगर अध्यक्ष, पूर्व पार्षद एवं प्रवक्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को लखनऊ से एआईसीसी का सदस्य बना कर ठाकुर नेता में मुकेश सिंह चौहान का कद बढ़ाया. इसके अलावा अल्पसंख्यक नेता में नईम अहमद सिद्दिकी पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष, अनस रहमान, रफत फातिमा प्रदेश प्रवक्ता, शहनवाज अहमद उर्फ मंगल, अब्बास मुर्तजा शमशी के अलावा ब्राह्मण नेता में नकुल दूबे. पूर्व मंत्री, शिव पांडेय, प्रदेश कोषाध्यक्ष, पंकज तिवारी, प्रदेश प्रवक्ता, प्रभाकर मिश्रा, वहीं दलित नेता में ललन कुमार, ममता चौधरी, नेता कांग्रेस पार्षद दल, नरेश बाल्मीकि को भी लिस्ट में रखा गया. प्रदेश संगठन के निर्माण में भी पार्टी इसी फार्मूले पर काम कर रही है.

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