लखनऊ : कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मडौली गांव में अतिक्रमण हटवाने के दौरान झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर प्रदेश का समूचा विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है. इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस में योगी सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में एक ब्राह्मण परिवार अपने आप को आग लगाकर जलाता रहा और अधिकारी मूक बनकर मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करते रहे. कांग्रेस ने इस घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग करने के साथ ही जो भी लोग दोषी हैं, उन सब को वहीं सजा मिले.
ज्ञात हो कि मडौली गांव में अवैध अतिक्रमण हटवाने के दौरान संदिग्ध हालात में झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. इस मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति में बवाल शुरू हो गया. कांग्रेस प्रवक्ता व संयोजक अंशु अवस्थी ने कहा कि 'कानपुर की घटना सीधे तौर पर सरकार द्वारा कराई गई हत्या है. जिस तरीके से अतिक्रमण हटाने को लेकर मानवीय संवेदना को तार-तार किया गया. एक ब्राह्मण परिवार होने के नाते सरकार के द्वारा अत्याचार किया गया. यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार के अंदर मानवीय संवेदनाएं नहीं हैं. एक तरफ लोग वैसे ही पीड़ित हैं दूसरी समस्याओं से और जिस तरह से घटना हुई इसकी स्पष्ट और न्यायिक जांच होनी चाहिए.
कानपुर देहात में मां-बेटी की आग से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने गहरा दुख व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारजनों को ढांढस बंधाया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने योगी सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की मांग की है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. प्रदेश अध्यक्ष ने इस निर्मम घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 'संविधान और अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर नीति अपनाकर योगी सरकार लगातार अपनी पीठ थपथपा रही है. कानपुर में योगी सरकार का अमानवीय और क्रूरतम चेहरा एक बार पुनः देखने को मिला है.' उन्होंने कहा 'मुख्यमंत्री अपनी बुलडोजर नीति रोककर, उत्तर प्रदेश में संविधान व लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाइए.'
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कानपुर देहात की घटना दुखद है, प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच और दर्ज मुक़दमे की विवेचना में जो दोषी होगा बख़्शा नहीं जाएगा, सरकार की मंसा स्पष्ट है,अनाधिकृत क़ब्ज़ा है तब भी ग़रीब को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अधिकारी बेदख़ल न करें, परंतु भूमाफ़िया को छोड़ा नहीं जाएगा!
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— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) February 14, 2023
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : कानपुर देहात में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में सरकार की ओर से दोनों उपमुख्यमंत्री सामने आए हैं. केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके और दूसरे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने वीडियो से बातचीत में कहा है कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से गंभीर और सख्त है. इस हादसे से जुड़े किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा है कि इस मामले में लगातार कार्रवाई जारी है. सरकार पीड़ितों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी.उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मसले पर ट्वीट करके कहा कि 'कानपुर देहात की घटना दुखद है, प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और दर्ज मुक़दमे की विवेचना में जो दोषी होगा बख़्शा नहीं जाएगा, सरकार की मंशा स्पष्ट है, अनाधिकृत क़ब्ज़ा है. तब भी ग़रीब को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अधिकारी बेदख़ल न करें, परंतु भूमाफ़िया को छोड़ा नहीं जाएगा. दूसरी और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने लोक भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर हम इस मामले में जो भी जिम्मेदार होगा उस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे. किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा. समाजवादी पार्टी अपनी एक टीम को मौके पर भेज रही है, इस मामले में बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय चौधरी ने कहा कि मौतों पर राजनीति करना समाजवादी पार्टी की पुरानी परंपरा रही है. हम इस दुखद घटना पर कोई राजनीति नहीं कर रहे. लगातार जैसा कि पीड़ितों की ओर से बताया गया कि मुकदमा दर्ज हुआ है. जो भी जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई हो रही है. जो भी दोषी पाया जाएगा उसको बख्शा नहीं जाएगा.
समाजवादी पार्टी ने सरकार पर साधा निशाना : कानपुर देहात में मां बेटी की जलकर हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके इस घटना के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है. समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके लिखा है कि सरकार ब्राह्मण परिवार को निशाना बना रही है. लगातार ब्राह्मणों के साथ घटनाएं हो रही हैं. दलित, पिछड़ा के साथ ब्राह्मण भी अत्याचार का निशाना बनाये गए हैं. आग में जलकर मां-बेटी की कानपुर देहात में मौत हुई है. प्रशासन निर्दोषों की मौत का कारण बन रहा है. कानपुर घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ मनोज पांडे ने कहा कि 'कानपुर देहात की घटना आजाद भारत में दर्दनाक घटना नहीं हो सकती. बिना कोई सूचना और नोटिस के प्रशासन के अधिकारियों ने गरीब ब्राह्मण के परिवार के मकान को गिराने का काम किया. इससे मां बेटी की जलकर दर्दनाक मौत हुई है. समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को लेकर न्याय की मांग करती है. अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करती है, जो वीडियो जलने का वायरल हो रहा है वह दिल दहला देने वाला है. प्रशासन के अधिकारी लीपापोती का काम कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधि मंडल कानपुर देहात जाएगा और जांच कर कार्यवाही की मांग करेगा. समाजवादी पार्टी परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी.'
कानपुर देहात की घटना सोचनीय, बीएसपी पीड़ित परिवार के साथ : कानपुर देहात के चाहला गांव में हुई हृदयविदारक घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बहुजन समाज पार्टी के कानपुर जिलाध्यक्ष बबलू चौधरी ने कहा कि 'सरकार गरीबों को परेशान कर रही है. उनके लिए रहने की व्यवस्था नहीं कर रही और उनके आशियाने उजाड़ रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास इतने महंगे हैं कि गरीब ले नहीं सकता. वह झुग्गी झोपड़ी में निवास करने को मजबूर है और उन झोपड़ियों को सरकार तहस-नहस करने पर आमादा है. कानपुर देहात में जो घटना हुई है वह चिंतनीय है. मां बेटी का जलकर मर जाना सरकार के लिए सोचनीय विषय होना चाहिए. बहुजन समाज पार्टी पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है. जहां तक सरकार की तरफ से जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात है तो यह महज दिखावा है. इसमें भी राजनीति हो रही है. जो सरकार के चहेते अधिकारी होंगे उन पर कार्रवाई नहीं होगी और छोटे-मोटे कर्मचारियों या अधिकारियों पर कार्रवाई कर घटना को दबा दिया जाएगा. सरकार को किसी भी बस्ती में अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान दल भेजने से पहले लोगों के लिए रहने की जगह की व्यवस्था करनी चाहिए.
राष्ट्रीय लोकदल ने सरकार पर किया कड़ा प्रहार : कानपुर देहात के मैंथा तहसील के चाहला गांव में हुई हृदयविदारक घटना को लेकर राष्ट्रीय लोकदल ने सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. इस घटना के लिए राष्ट्रीय लोक दल ने सरकार को ही जिम्मेदार माना है. राष्ट्रीय लोक दल के मीडिया प्रभारी व वरिष्ठ नेता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी का कहना है कि 'यह सरकार की हठधर्मिता और अधिकारियों के अहंकार का परिणाम है. मां बेटी का आग में जल जाना यह दिखाता है कि सरकार आम आदमी के प्रति कितनी क्रूर है. ऐसा नहीं हो सकता कि सरकार के इशारे के बिना अधिकारी कोई कार्रवाई करें. यह घटना दिखाती है कि किस तरह अधिकारी आम जनता के साथ पेश आ रहे हैं. कानपुर देहात की इस घटना में पीड़ित परिवार के साथ राष्ट्रीय लोकदल हर तरह से मजबूती के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. जहां तक बात सरकार की अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर है तो यह सिर्फ दिखावा ही है. पब्लिक के दबाव में अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई कर दी जाती है, लेकिन कुछ ही दिन बाद बैक डोर से सभी अधिकारियों को बहाल कर दिया जाता है. इस तरह की घटनाएं हमारे समाज पर एक धब्बा है और सरकार के माथे पर कलंक है.
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