लखनऊः भाजपा से सांसद रहे और अब कांग्रेस में शामिल उदित राज अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. तमाम मुद्दों पर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी को तो कोसते ही हैं, अब कांग्रेस के बयानवीर उदित राज ने न्यायालय को लेकर भी विवादित बयान दे डाला.
उदितराज उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उन्होंने न्यायलयों में जजों की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली. बाद में जब उन्हें एहसास हुआ कि कुछ गलत हो रहा है तो सफाई देते हुए कहा कि न्यायालय के खिलाफ यह मेरा व्यक्तिगत बयान है, जो पहले मैं संसद में भी दे चुका हूं. हालांकि जब उदित राज न्यायालय पर टिप्पणी कर रहे थे तो कांग्रेस पार्टी के नेता भी अवाक थे.
कार्यकर्तओं को संबोधित करते कांग्रेस नेता उदित राज पहले दिया विवादित बयान फिर पेश की सफाईपूर्व सांसद उदित राज ने किसान महापंचायत में सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई सहित केंद्रीय एजेंसियों पर विपक्ष को दबाने का आरोप लगाया. कहा कि जज बनने के लिए कोई साक्षात्कार तो होता नहीं. इसके बाद उन्होंने जजों को लेकर विवादित बयान दे डाला. इसके बाद उन्होंने ने कहा कि न्यायालय के खिलाफ यह मेरा व्यक्तिगत बयान है. इसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. मैं जब सांसद था तो संसद में भी खड़े होकर इस तरह का बयान दे चुका हूं.
सपा, बसपा, भाजपा पर हमला
कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र की मोदी सरकार के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला किया. राहुल गांधी को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताया, साथ ही बहुजन समाज पार्टी पर दलितों के मुद्दों को लेकर जमकर बरसे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जो लड़ाई राहुल गांधी ने ट्रैक्टर चलाकर शुरू की उसे उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव को लड़ना चाहिए था, लेकिन वह कुछ नहीं कर रहे हैं. मायावती के लिए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह सड़क पर उतरना पसंद नहीं करतीं, दलितों से उनका कोई लेना-देना ही नहीं है. मायावती हमेशा सवर्णों को गाली देती रहीं और दलितों को बर्बाद कर दिया.
राहुल गांधी को बताया सबसे समझदार नेता
भले ही राहुल गांधी की समझदारी पर लोग हंस देते हों, लेकिन कांग्रेसी नेता उदित राज राहुल गांधी को ही सबसे समझदार नेता मानते हैं. उदित राज ने कहा कि कोरोना संकट और निजीकरण को सबसे पहले उन्होंने ही समझा. उसके बाद जब देश में कोरोना फैला तब उन्होंने टेस्टिंग बढ़ाए जाने की बात की, तब भी केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी. इसके बाद उन्होंने सभी को कोरोना के दौर में अन्य देशों की तरह धन उपलब्ध कराने की बात की तो भी सरकार नहीं मानी. यह समझदारी सिर्फ राहुल गांधी में ही है.
दलितों के लिए संविधान खत्म
उदित राज ने कहा कि 2014 से दलितों के लिए कोई संविधान ही नहीं बचा है. पहले उनके लिए भी संविधान होता था. जब तक कांग्रेस सरकार रही तभी तक दलितों के हित में काम होते रहे, लेकिन 2014 में जबसे केंद्र में मोदी की सरकार आई है दलितों के लिए संविधान के कोई मायने नहीं रह गए हैं.