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आलोक प्रसाद को फंसा रही है योगी सरकार, जल्द करें रिहा: नितिन राऊत - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

विधान भवन के सामने एक महिला के आत्मदाह मामले में कांग्रेस के अनुसूचित जाति मोर्चे के चेयरमैन नितिन राऊत ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने यूपी कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद की रिहाई और उन पर लगे सभी मुकदमों को हटाने की मांग की है.

नितिन राऊत.
नितिन राऊत.
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Published : Oct 18, 2020, 9:50 PM IST

लखनऊ: विधान भवन के सामने एक महिला के आत्मदाह के मामले में कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चे के चेयरमैन नितिन राऊत ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है. उन्होंने राज्यपाल से यूपी कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद की रिहाई और उन पर लगे सभी मुकदमे हटाने को लेकर पत्र भेजा है. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे तत्काल इसके लिए सरकार को निर्देशित करें. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने राजनीतिक विद्वेष के चलते आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी कराई है.

चेयरमैन नितिन राऊत ने राज्यपाल को जो पत्र भेजा है, उसमें उन्होंने जिक्र किया है कि 11 अक्टूबर को आलोक प्रसाद अपने आवास पुराना खंडी चौरा से सुबह 10 बजे कांग्रेस कमेटी मुख्यालय पहुंचे. इसके बाद उसी दिन कानपुर विधानसभा क्षेत्र घाटमपुर के लिए निकल गए. कानपुर से रात के 9 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय आए. वहां से रात 9:30 बजे गोमती नगर स्थित अपने आवास पर रात्रि विश्राम करने पहुंचे. अगले दिन 12 अक्टूबर को प्रदेश कार्यालय में ही रहकर पदाधिकारियों के साथ बैठक की और संगठन के बारे में चर्चा की.

13 अक्टूबर को कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश कार्यालय से ही बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए सुबह 10 बजे निकले और बांगरमऊ विधानसभा में ही रहकर प्रचार-प्रसार के साथ सभाएं की. वहीं, शाम के 4 बजे बांगरमऊ से लखनऊ के लिए निकले. 7 बजे गोमती नगर स्थित अपने आवास पर विश्राम के लिए पहुंचे. (इसी दिन दोपहर में विधान भवन के सामने एक महिला के आत्मदाह की घटना घटी).

'दलितों को दबाना चाहती है योगी सरकार'
नितिन राऊत ने पत्र में लिखा कि, जब आलोक प्रसाद जब अपने गोमती नगर आवास पर रात्रि विश्राम कर रहे थे, तभी हजरतगंज पुलिस ने रात करीब 1:30 बजे घर का गेट फांदकर बिना वारंट गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया. इसकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दलित विरोधी मानसिकता के चलते हर आलोक प्रसाद की आवाज को दबाना चाहती है, जो दलितों के ऊपर हुए जुल्म के खिलाफ उठती है. प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन दलित हैं और दलितों के हक की आवाज उठा रहे हैं इसलिए सरकार उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में डालने का असंवैधानिक कृत्य कर रही है.

पूर्व राज्यपाल के बेटे हैं आलोक प्रसाद
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ऑल इंडिया कांग्रेस अनुसूचित जाति के चेयरमैन नितिन राउत ने जो पत्र लिखा, उसमें उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि आलोक प्रसाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन तो हैं ही. साथ ही वह पूर्व राज्यपाल सुखराम प्रसाद के बेटे भी हैं. ऐसे में वे सम्मानित परिवार के सदस्य हैं. उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना ठीक नहीं.

लखनऊ: विधान भवन के सामने एक महिला के आत्मदाह के मामले में कांग्रेस पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चे के चेयरमैन नितिन राऊत ने यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखा है. उन्होंने राज्यपाल से यूपी कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद की रिहाई और उन पर लगे सभी मुकदमे हटाने को लेकर पत्र भेजा है. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे तत्काल इसके लिए सरकार को निर्देशित करें. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने राजनीतिक विद्वेष के चलते आलोक प्रसाद की गिरफ्तारी कराई है.

चेयरमैन नितिन राऊत ने राज्यपाल को जो पत्र भेजा है, उसमें उन्होंने जिक्र किया है कि 11 अक्टूबर को आलोक प्रसाद अपने आवास पुराना खंडी चौरा से सुबह 10 बजे कांग्रेस कमेटी मुख्यालय पहुंचे. इसके बाद उसी दिन कानपुर विधानसभा क्षेत्र घाटमपुर के लिए निकल गए. कानपुर से रात के 9 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय आए. वहां से रात 9:30 बजे गोमती नगर स्थित अपने आवास पर रात्रि विश्राम करने पहुंचे. अगले दिन 12 अक्टूबर को प्रदेश कार्यालय में ही रहकर पदाधिकारियों के साथ बैठक की और संगठन के बारे में चर्चा की.

13 अक्टूबर को कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश कार्यालय से ही बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार के लिए सुबह 10 बजे निकले और बांगरमऊ विधानसभा में ही रहकर प्रचार-प्रसार के साथ सभाएं की. वहीं, शाम के 4 बजे बांगरमऊ से लखनऊ के लिए निकले. 7 बजे गोमती नगर स्थित अपने आवास पर विश्राम के लिए पहुंचे. (इसी दिन दोपहर में विधान भवन के सामने एक महिला के आत्मदाह की घटना घटी).

'दलितों को दबाना चाहती है योगी सरकार'
नितिन राऊत ने पत्र में लिखा कि, जब आलोक प्रसाद जब अपने गोमती नगर आवास पर रात्रि विश्राम कर रहे थे, तभी हजरतगंज पुलिस ने रात करीब 1:30 बजे घर का गेट फांदकर बिना वारंट गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया. इसकी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दलित विरोधी मानसिकता के चलते हर आलोक प्रसाद की आवाज को दबाना चाहती है, जो दलितों के ऊपर हुए जुल्म के खिलाफ उठती है. प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन दलित हैं और दलितों के हक की आवाज उठा रहे हैं इसलिए सरकार उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में डालने का असंवैधानिक कृत्य कर रही है.

पूर्व राज्यपाल के बेटे हैं आलोक प्रसाद
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को ऑल इंडिया कांग्रेस अनुसूचित जाति के चेयरमैन नितिन राउत ने जो पत्र लिखा, उसमें उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि आलोक प्रसाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन तो हैं ही. साथ ही वह पूर्व राज्यपाल सुखराम प्रसाद के बेटे भी हैं. ऐसे में वे सम्मानित परिवार के सदस्य हैं. उनके साथ इस तरह का व्यवहार करना ठीक नहीं.

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