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नोटबंदी को लेकर सरकार पर हमलावर हुए कांग्रेस नेता, प्रियंका ने पूछा क्या हुआ फायदा ?

नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने नोटबंदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ.

नोटबंदी पर प्रियंका ने पूछे सवाल
नोटबंदी पर प्रियंका ने पूछे सवाल
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Published : Nov 8, 2021, 1:10 PM IST

लखनऊ: नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने नोटबंदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ. कालाधन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के डिजिटल मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भी नोटबंदी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आज ही के दिन भाजपा सरकार ने नोटबंदी लागू कर देश के साथ विश्वासघात किया था. आज पांच साल बीत जाने के बाद भी भाजपा सरकार बता नहीं पाई कि नोटबंदी से देश को क्या फायदा हुआ ? सात नवंबर, 2017 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद के अंदर कहा था कि यह संगठित लूट है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी

इसे भी पढ़ें - शिलान्यास के सुपर आइडिया से CM योगी को बंधी सफलता की आस

देश की अर्थव्यवस्था 2% गिर जाएगी और वही हुआ, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उसे जश्न के रूप में मनाती रही, जिसमें करोड़ों लोगों के रोजगार चले गए. लाखों लोगों की जान गई, डेढ़ सौ से ज्यादा लोग तो लाइन में लगे हुए अपने प्राण गवां बैठे. इसका जिम्मेदार कौन था ? सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार नोटबंदी के गोल बदलते रहे, पहले कालाधन वापसी के दावे किए गए, फिर जाली नोट के दावे किए गए और उसके बाद कैशलेस इकोनॉमी के दावे किए जाने लगे. इसके बाद टेररिज्म रोकने की बात कही गई.

लेकिन सच्चाई यह है कि कालाधन वापस नहीं आया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि 500 से 1000 के जो 15 लाख 41 हजार करोड़ रुपये के नोट चलन में थे, उसमें 15 लाख 31 हजार करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए.

नोटबंदी पर प्रियंका ने पूछे सवाल
नोटबंदी पर प्रियंका ने पूछे सवाल

इसे भी पढ़ें - आज आजम के गढ़ में गरजेंगे योगी, चाचा भतीजे की भी हो सकती है मुलाकात

इधर, कैशलैस इकोनामी के दावे भी झूठे साबित हुए. आम आदमी के पास जो नवंबर 2016 तक नकदी 7.8 लाख करोड़ थी, वो अब बढ़कर 18.5 लाख करोड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जो 2015-16 में 8.01% थी वो 2% नीचे गिरकर 6% पर आ गई.

देश की अर्थव्यवस्था को 1:5 फीसद अर्थात 2.5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. आतंकवाद को लेकर जो बात कही थी उसको सरकार के मंत्री हंसराज अहिर ने माना कि 2017 में आतंकी हमले बढ़ गए.

इसे भी पढ़ें - राकेश टिकैत को ये क्या बोले गए स्वामी हितेश्वरनाथ, बढ़ सकती है किसान यूनियन की नाराजगी

उन्होंने कहा कि एक कहावत है खाया पिया कुछ नहीं गिलास थोड़ा बारह आना. भाजपा सरकार के तानाशाही निर्णय से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नए नोट छापने में 7965 रुपये खर्च किए.

देशभर के ATM कैलिब्रेट करने में करोड़ों का खर्च हुआ और लाखों लोगों की जान चली गई तो वहीं, करोड़ों के रोजगार चले गए. देश के लोगों से भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री ने जो विश्वासघात किया उसका दंश भुलाया नहीं जा सकता. ऐसे में भाजपा सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए.

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लखनऊ: नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने नोटबंदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ. कालाधन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के डिजिटल मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भी नोटबंदी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आज ही के दिन भाजपा सरकार ने नोटबंदी लागू कर देश के साथ विश्वासघात किया था. आज पांच साल बीत जाने के बाद भी भाजपा सरकार बता नहीं पाई कि नोटबंदी से देश को क्या फायदा हुआ ? सात नवंबर, 2017 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने संसद के अंदर कहा था कि यह संगठित लूट है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी

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देश की अर्थव्यवस्था 2% गिर जाएगी और वही हुआ, लेकिन भारतीय जनता पार्टी उसे जश्न के रूप में मनाती रही, जिसमें करोड़ों लोगों के रोजगार चले गए. लाखों लोगों की जान गई, डेढ़ सौ से ज्यादा लोग तो लाइन में लगे हुए अपने प्राण गवां बैठे. इसका जिम्मेदार कौन था ? सिर्फ और सिर्फ भाजपा सरकार.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार नोटबंदी के गोल बदलते रहे, पहले कालाधन वापसी के दावे किए गए, फिर जाली नोट के दावे किए गए और उसके बाद कैशलेस इकोनॉमी के दावे किए जाने लगे. इसके बाद टेररिज्म रोकने की बात कही गई.

लेकिन सच्चाई यह है कि कालाधन वापस नहीं आया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि 500 से 1000 के जो 15 लाख 41 हजार करोड़ रुपये के नोट चलन में थे, उसमें 15 लाख 31 हजार करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए.

नोटबंदी पर प्रियंका ने पूछे सवाल
नोटबंदी पर प्रियंका ने पूछे सवाल

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इधर, कैशलैस इकोनामी के दावे भी झूठे साबित हुए. आम आदमी के पास जो नवंबर 2016 तक नकदी 7.8 लाख करोड़ थी, वो अब बढ़कर 18.5 लाख करोड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था जो 2015-16 में 8.01% थी वो 2% नीचे गिरकर 6% पर आ गई.

देश की अर्थव्यवस्था को 1:5 फीसद अर्थात 2.5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. आतंकवाद को लेकर जो बात कही थी उसको सरकार के मंत्री हंसराज अहिर ने माना कि 2017 में आतंकी हमले बढ़ गए.

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उन्होंने कहा कि एक कहावत है खाया पिया कुछ नहीं गिलास थोड़ा बारह आना. भाजपा सरकार के तानाशाही निर्णय से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नए नोट छापने में 7965 रुपये खर्च किए.

देशभर के ATM कैलिब्रेट करने में करोड़ों का खर्च हुआ और लाखों लोगों की जान चली गई तो वहीं, करोड़ों के रोजगार चले गए. देश के लोगों से भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री ने जो विश्वासघात किया उसका दंश भुलाया नहीं जा सकता. ऐसे में भाजपा सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए.

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