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उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा', जानिए लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

लोकसभा चुनाव 2024 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. राजनीतिक दलों ('UP Jodo Yatra' from many districts in Uttar Pradesh) ने चुनाव राजनीतिक विशेषज्ञों का क्या मानना है?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 6:37 PM IST

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में शुरू हुई 'यूपी जोड़ो यात्रा' को लेकर जहां राजनीतिक गलियारों में कई मत सामने आ रहे हैं, वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि 'इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अपनी मौजूदा स्थिति को भी भांपने की कोशिश कर रही है. पार्टी आलाकमान ने जहां इस पूरी यात्रा से खुद को अलग कर रखा है, वहीं प्रदेश के पदाधिकारियों ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी की ताकत लगा दी है.' विशेषज्ञों का कहना है कि 'कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से दो चीजों पर फोकस कर रही है. एक तो पार्टी अपने संगठन की मजबूती को जानने की कोशिश कर रही है और दूसरी जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की नजर है, वहां पर इस यात्रा के दौरान पार्टी को क्या रिस्पांस मिलता है वह भी उसे पता लगेगा. इसके बाद वह 'इंडिया गठबंधन' में उत्तर प्रदेश की सीटों की शेयरिंग को लेकर समाजवादी पार्टी व अन्य दलों के साथ मजबूती से अपना दावा पेश कर सकती है.'

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'




कांग्रेस की दो सीटें मानी जा रहीं सबसे अधिक मजबूत : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में 20 दिसंबर से सहारनपुर से शुरू हुई 'यूपी जोड़ो यात्रा' पश्चिमी उत्तर प्रदेश और रूहेलखंड के 13 जिलों से होकर निकल रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर संजय गुप्ता का कहना है कि 'मौजूदा समय में लोकसभा सीटों में से कांग्रेस केवल सहारनपुर और लखीमपुर में काफी मजबूत है. इसका एक बड़ा कारण इन दोनों लोकसभा सीटों पर पार्टी के पास मजबूत कैंडिडेट का होना है. जहां सहारनपुर में कांग्रेस के पास बसपा से आए नेता इमरान मसूद को एक मजबूत चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है तो वहीं लखीमपुर में समाजवादी पार्टी से आए कद्दावर नेता रवि वर्मा हैं. इन दोनों ही नेताओं को जमीनी नेता के तौर पर जाना जाता है और उनकी अपनी लोकसभा सीट पर काफी अच्छी पकड़ भी मानी जाती है. उन्होंने बताया कि 'कांग्रेस का 'यूपी जोड़ो यात्रा' पश्चिम उत्तर प्रदेश से शुरू करने का उसका एक खास मकसद है. पार्टी ने इस यात्रा को पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद से इसलिए शुरू किया है क्योंकि यह क्षेत्र धार्मिक और जातीय समीकरण के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण है. यह यात्रा जिन जनपदों से होकर गुजर रही है, उसमें कई जगह ऐसे हैं जहां पर कांग्रेस को अल्पसंख्यकों और दलित के वोट बैंक के आधार पर अपने दावेदारी पेश करने का मौका मिल सकता है.'

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'

कांग्रेस पेश कर सकती है दावेदारी : प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश और रोहिलखंड के जिन जिलों से यह यात्रा निकाल रही है. वह जातीय समीकरण और धार्मिक महत्व दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इन सभी जिलों में अल्पसंख्यक और दलितों का अच्छा खासा वोट बैंक मौजूद है. कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से अधिक से अधिक सीटों पर भी दावेदारी पेश कर सकती है. उन्होंने बताया कि इमरान मसूद का प्रभाव सहारनपुर और बिजनौर दोनों ही लोकसभा सीटों पर अच्छा खासा है, ऐसे में पार्टी सहारनपुर के साथ बिजनौर पर भी दावेदारी कर सकती है, वहीं बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली को मायावती ने अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया है. मौजूदा समय में कांग्रेस से उनकी नजदीकी काफी चर्चा का विषय है. ऐसे में 'इंडिया गठबंधन' में कांग्रेस अमरोहा लोकसभा सीट पर भी दानिश अली के पार्टी में आने की संभावना को देखते हुए दावेदारी करेगी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इन सभी लोकसभा सीटों पर विशेष तौर पर अपनी मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए कई नुक्कड़ नाटक और सभाओं का भी आयोजन किया है, ताकि पार्टी यह देख सके कि अगर वह गठबंधन में इन सीटों पर दावेदारी करती है, तो उसके पास इसका एक मजबूत आधार मौजूद हो, जबकि बिना आलाकमान की मौजूदगी के सहारनपुर से लेकर सीतापुर तक शुरू हुई उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 'यूपी जोड़ो यात्रा' को विशेषज्ञ इतना प्रभावी नहीं मान रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'

विशेषज्ञों का कहना है कि '2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में शुरू हुई इस यात्रा से कांग्रेस को कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सपा और अन्य पार्टियों के साथ 'इंडिया गठबंधन' के अंदर चुनाव लड़ना है. ऐसे में यह यात्रा जिन लोकसभा सीटों से होकर गुजर रही है, उनमें से कितनी सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार उतारने का मौका मिलेगा यह अभी असमंजस में है.'

यह भी पढ़ें : केरल में यूथ कांग्रेस के मार्च में हिंसा, विपक्षी नेता के खिलाफ मामला दर्ज

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारीः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मां शाकंभरी का आशीर्वाद लेकर शुरू की यूपी जोड़ो यात्रा

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में शुरू हुई 'यूपी जोड़ो यात्रा' को लेकर जहां राजनीतिक गलियारों में कई मत सामने आ रहे हैं, वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि 'इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की अपनी मौजूदा स्थिति को भी भांपने की कोशिश कर रही है. पार्टी आलाकमान ने जहां इस पूरी यात्रा से खुद को अलग कर रखा है, वहीं प्रदेश के पदाधिकारियों ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी की ताकत लगा दी है.' विशेषज्ञों का कहना है कि 'कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से दो चीजों पर फोकस कर रही है. एक तो पार्टी अपने संगठन की मजबूती को जानने की कोशिश कर रही है और दूसरी जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की नजर है, वहां पर इस यात्रा के दौरान पार्टी को क्या रिस्पांस मिलता है वह भी उसे पता लगेगा. इसके बाद वह 'इंडिया गठबंधन' में उत्तर प्रदेश की सीटों की शेयरिंग को लेकर समाजवादी पार्टी व अन्य दलों के साथ मजबूती से अपना दावा पेश कर सकती है.'

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
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कांग्रेस की दो सीटें मानी जा रहीं सबसे अधिक मजबूत : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में 20 दिसंबर से सहारनपुर से शुरू हुई 'यूपी जोड़ो यात्रा' पश्चिमी उत्तर प्रदेश और रूहेलखंड के 13 जिलों से होकर निकल रही है. लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर संजय गुप्ता का कहना है कि 'मौजूदा समय में लोकसभा सीटों में से कांग्रेस केवल सहारनपुर और लखीमपुर में काफी मजबूत है. इसका एक बड़ा कारण इन दोनों लोकसभा सीटों पर पार्टी के पास मजबूत कैंडिडेट का होना है. जहां सहारनपुर में कांग्रेस के पास बसपा से आए नेता इमरान मसूद को एक मजबूत चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है तो वहीं लखीमपुर में समाजवादी पार्टी से आए कद्दावर नेता रवि वर्मा हैं. इन दोनों ही नेताओं को जमीनी नेता के तौर पर जाना जाता है और उनकी अपनी लोकसभा सीट पर काफी अच्छी पकड़ भी मानी जाती है. उन्होंने बताया कि 'कांग्रेस का 'यूपी जोड़ो यात्रा' पश्चिम उत्तर प्रदेश से शुरू करने का उसका एक खास मकसद है. पार्टी ने इस यात्रा को पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद से इसलिए शुरू किया है क्योंकि यह क्षेत्र धार्मिक और जातीय समीकरण के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण है. यह यात्रा जिन जनपदों से होकर गुजर रही है, उसमें कई जगह ऐसे हैं जहां पर कांग्रेस को अल्पसंख्यकों और दलित के वोट बैंक के आधार पर अपने दावेदारी पेश करने का मौका मिल सकता है.'

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'

कांग्रेस पेश कर सकती है दावेदारी : प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश और रोहिलखंड के जिन जिलों से यह यात्रा निकाल रही है. वह जातीय समीकरण और धार्मिक महत्व दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इन सभी जिलों में अल्पसंख्यक और दलितों का अच्छा खासा वोट बैंक मौजूद है. कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से अधिक से अधिक सीटों पर भी दावेदारी पेश कर सकती है. उन्होंने बताया कि इमरान मसूद का प्रभाव सहारनपुर और बिजनौर दोनों ही लोकसभा सीटों पर अच्छा खासा है, ऐसे में पार्टी सहारनपुर के साथ बिजनौर पर भी दावेदारी कर सकती है, वहीं बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली को मायावती ने अपनी पार्टी से निष्कासित कर दिया है. मौजूदा समय में कांग्रेस से उनकी नजदीकी काफी चर्चा का विषय है. ऐसे में 'इंडिया गठबंधन' में कांग्रेस अमरोहा लोकसभा सीट पर भी दानिश अली के पार्टी में आने की संभावना को देखते हुए दावेदारी करेगी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इन सभी लोकसभा सीटों पर विशेष तौर पर अपनी मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए कई नुक्कड़ नाटक और सभाओं का भी आयोजन किया है, ताकि पार्टी यह देख सके कि अगर वह गठबंधन में इन सीटों पर दावेदारी करती है, तो उसके पास इसका एक मजबूत आधार मौजूद हो, जबकि बिना आलाकमान की मौजूदगी के सहारनपुर से लेकर सीतापुर तक शुरू हुई उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 'यूपी जोड़ो यात्रा' को विशेषज्ञ इतना प्रभावी नहीं मान रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में कांग्रेस की 'यूपी जोड़ो यात्रा'

विशेषज्ञों का कहना है कि '2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में शुरू हुई इस यात्रा से कांग्रेस को कुछ खास फायदा होता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सपा और अन्य पार्टियों के साथ 'इंडिया गठबंधन' के अंदर चुनाव लड़ना है. ऐसे में यह यात्रा जिन लोकसभा सीटों से होकर गुजर रही है, उनमें से कितनी सीटों पर कांग्रेस को उम्मीदवार उतारने का मौका मिलेगा यह अभी असमंजस में है.'

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