लखनऊ: 3 मार्च को उत्तर प्रदेश में छठे चरण का चुनाव है. यह चरण यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की किस्मत का भी फैसला करेगा. पिछले विधानसभा चुनाव में छठे चरण में कांग्रेस को यही एकमात्र सीट मिली थी. इस बार भी पार्टी को उम्मीद है कि अजय कुमार लल्लू की यह सीट पार्टी के खाते में जरूर आएगी. कुल मिलाकर छठे चरण में 57 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का परफारमेंस बेहतर नहीं था.
3 मार्च को छठे चरण के चुनाव के चलते 1 मार्च की शाम छह बजे चुनाव प्रचार थम गया है. छठे चरण के लिए सभी 57 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं. इन उम्मीदवारों ने काफी मेहनत भी की है. 10 मार्च को नतीजे आने के बाद साफ होगा कि प्रत्याशियों की मेहनत कितनी रंग लाई है. वहीं बात अगर इस चरण में कांग्रेस की जीत की करें तो उम्मीद लगाई जा रही है कि तमकुहीराज सीट में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जीत हो सकती है. सीट जीतने के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने दिन-रात कड़ी मेहनत की है.
अजय कुमार लल्लू अपनी विधानसभा को छोड़कर पार्टी के किसी भी उम्मीदवार के लिए प्रचार करने भी नहीं गए. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की इस सीट से कांग्रेस को जीत की उम्मीद लगी है. खास बात यह भी है कि साल 2012 हो या 2017, अजय कुमार लल्लू ने दोनों बार तमकुहीराज विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में डाली है. 2012 में सीधे तौर पर कांग्रेस ने सीट जीती थी. जबकि 2017 में समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस ने गठबंधन किया था और यह सीट कांग्रेस को ही मिली थी. प्रत्याशी अजय कुमार लल्लू ही थे और उन्होंने 2017 में फिर से इस सीट पर जीत हासिल की थी.
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भले ही 2012 और 2017 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने तमकुही राज विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की हो, लेकिन 2022 का समीकरण सीधे तौर पर उनके पक्ष में नजर नहीं आ रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह है कि सभी पार्टियों ने इस सीट पर उम्मीदवार तो उतारे ही हैं, इसके साथ ही आरपीएन सिंह भी अब कांग्रेस पार्टी में न होकर भारतीय जनता पार्टी में चले गए हैं. अब वो सीधे तौर पर इस सीट पर कांग्रेस को हराने के लिए पूरा जोर लगाए हैं. लिहाजा, इस बार अजय कुमार लल्लू के लिए यह सीट जीतना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है.
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