ETV Bharat / state

सपा की साइकिल के पहिए ऊधार के थे, अब सिर्फ टूटी हुई साइकिल का ढांचा हैः डॉ. उमा शंकर पांडेय - कांग्रेस पार्टी

सत्ता पर काबिज होने के लिए जहां अखिलेश यादव ‘उम्मीदों की साइकिल’ यात्रा का संचालन करने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि सपा की साइकिल के पहिए ऊधार के थे और अब वह टूट चुके हैं.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय.
author img

By

Published : Oct 31, 2019, 6:17 AM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी के मुखिया यूपी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में उम्मीदों की साइकिल यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस ने अखिलेश की उम्मीदों की साइकिल यात्रा पर चुटकी ली है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा कि अखिलेश की साइकिल के पहिए ऊधार के थे. साइकिल टूट चुकी है, अब उनके पास सिर्फ टूटी साइकिल का ढांचा बचा है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने अखिलेश पर कसा तंज.

2107 में कांग्रेस और सपा ने लड़ा एक साथ चुनाव
2017 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुआ, तब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था. अखिलेश यादव और राहुल गांधी रथ पर साथ-साथ सवार होकर निकले और नारा दिया कि 'यूपी को साथ पसंद है', लेकिन हकीकत में यूपी को इनका साथ पसंद नहीं आया था. कांग्रेस बुरी तरह हारी और समाजवादी पार्टी को भी ले डूबी, इसके बाद दोनों का गठबंधन टूट गया. इस बार कांग्रेस की कमान जहां राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के हाथ है, वहीं अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 2022 का चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुट गए हैं.

प्रदेश प्रवक्ता ने ली अखिलेश की चुटकी
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति का अपना एक तरीका है. वह फेसबुक पर हैं, ट्विटर पर हैं, लेकिन धरातल पर नहीं हैं. समाजवादी पार्टी एक क्षेत्रीय पार्टी है. उनकी अपनी सीमित सोच है. उन्होंने कहा कि आज जनता जागरूक हो चुकी है. जनता को विकास की बात समझ आने लगी है.

प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा कि उम्मीदों की साइकिल के दो पहिए थे. वह अलग-अलग पहिए थे. उनके अपने पहिये नहीं थे, ऊधार के पहिए थे. अब वह पहिए उनके पास नहीं रहे. अब सिर्फ टूटी हुई साइकिल का ढांचा है जो सिर्फ फेसबुक और ट्विटर पर दिखाई देता है.

पढे़ं- लखनऊः सत्ता में वापसी के लिए प्रदेशभर में ‘उम्मीदों की साइकिल’ चलाएंगे अखिलेश

जुबानी जंग की हुई शुरुआत
2017 विधानसभा चुनाव के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग लड़ेंगे. ऐसे में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. जहां कांग्रेस अखिलेश के साइकिल चलाने की तैयारी पर तंज कसा रही है तो वहीं उम्मीदों की साइकिल लेकर प्रदेश भर में निकल रहे अखिलेश 2012 का इतिहास दोहराकर कांग्रेस को जवाब दे पाने की तैयारी कर रहे हैं. फिलहाल यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता लगेगा कि कौन कितने पानी में है.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के मुखिया यूपी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में उम्मीदों की साइकिल यात्रा की तैयारी कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस ने अखिलेश की उम्मीदों की साइकिल यात्रा पर चुटकी ली है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा कि अखिलेश की साइकिल के पहिए ऊधार के थे. साइकिल टूट चुकी है, अब उनके पास सिर्फ टूटी साइकिल का ढांचा बचा है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने अखिलेश पर कसा तंज.

2107 में कांग्रेस और सपा ने लड़ा एक साथ चुनाव
2017 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुआ, तब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था. अखिलेश यादव और राहुल गांधी रथ पर साथ-साथ सवार होकर निकले और नारा दिया कि 'यूपी को साथ पसंद है', लेकिन हकीकत में यूपी को इनका साथ पसंद नहीं आया था. कांग्रेस बुरी तरह हारी और समाजवादी पार्टी को भी ले डूबी, इसके बाद दोनों का गठबंधन टूट गया. इस बार कांग्रेस की कमान जहां राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के हाथ है, वहीं अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 2022 का चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुट गए हैं.

प्रदेश प्रवक्ता ने ली अखिलेश की चुटकी
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश यादव की राजनीति का अपना एक तरीका है. वह फेसबुक पर हैं, ट्विटर पर हैं, लेकिन धरातल पर नहीं हैं. समाजवादी पार्टी एक क्षेत्रीय पार्टी है. उनकी अपनी सीमित सोच है. उन्होंने कहा कि आज जनता जागरूक हो चुकी है. जनता को विकास की बात समझ आने लगी है.

प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने कहा कि उम्मीदों की साइकिल के दो पहिए थे. वह अलग-अलग पहिए थे. उनके अपने पहिये नहीं थे, ऊधार के पहिए थे. अब वह पहिए उनके पास नहीं रहे. अब सिर्फ टूटी हुई साइकिल का ढांचा है जो सिर्फ फेसबुक और ट्विटर पर दिखाई देता है.

पढे़ं- लखनऊः सत्ता में वापसी के लिए प्रदेशभर में ‘उम्मीदों की साइकिल’ चलाएंगे अखिलेश

जुबानी जंग की हुई शुरुआत
2017 विधानसभा चुनाव के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग लड़ेंगे. ऐसे में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. जहां कांग्रेस अखिलेश के साइकिल चलाने की तैयारी पर तंज कसा रही है तो वहीं उम्मीदों की साइकिल लेकर प्रदेश भर में निकल रहे अखिलेश 2012 का इतिहास दोहराकर कांग्रेस को जवाब दे पाने की तैयारी कर रहे हैं. फिलहाल यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता लगेगा कि कौन कितने पानी में है.

Intro:कांग्रेस की अखिलेश के साइकिल चलाने पर चुस्की, कहा अखिलेश के पास सिर्फ टूटी हुई साइकिल का ढांचा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया यूपी के 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव की ही तरह प्रदेश भर में उम्मीदों की साइकिल चलाने की तैयारी कर रहे हैं जिससे सत्ता में उनकी वापसी हो पाए। अखिलेश की उम्मीद की साइकिल यात्रा पर कांग्रेस ने चुस्की ली है और कहा है कि अखिलेश की साइकिल के पहिए उधार के थे। साइकिल टूट चुकी है अब उनके पास सिर्फ टूटी साइकिल का ढांचा बचा है।






Body:2017 में जब यूपी में विधानसभा चुनाव हुआ तब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था। अखिलेश यादव और राहुल गांधी रथ पर साथ-साथ सवार होकर निकले और नारा दिया कि 'यूपी को साथ पसंद है' लेकिन हकीकत में यूपी को इनका साथ पसंद नहीं आया। कांग्रेस बुरी तरह हारी और समाजवादी पार्टी को भी ले डूबी। इसके बाद दोनों का गठबंधन टूट गया। दोनों पार्टियां 2022 में यूपी में विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई हैं। इस बार कांग्रेस की कमान जहां राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के हाथ है वहीं अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 2022 का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इसके लिए 2012 की तरह 2022 के लिए अखिलेश यादव प्रदेश भर में उम्मीदों की साइकिल लेकर निकलने वाले हैं। अखिलेश की साइकिल यात्रा की तैयारी पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉ उमाशंकर पांडेय ने चुटकी ली है।

बाइट: डॉ उमा शंकर पांडेय, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

अखिलेश यादव की राजनीति का अपना एक तरीका है। वह फेसबुक पर हैं, वह ट्विटर पर हैं, लेकिन धरातल पर नहीं हैं। समाजवादी पार्टी एक क्षेत्रीय पार्टी है। उनकी अपनी सीमित सोच है उसके अंतर्गत जिस जाति के बंटवारे के आधार पर वो राजनीति किया करते थे। आज जनता जागरूक हो चुकी है जनता को विकास की बात समझ आने लगी है। जनता को सच्चे नेतृत्व की बातें दिखाई देने लगी हैं। उम्मीदों की साइकिल के दो पहिए थे, वह अलग-अलग पहिए थे। उनके अपने पहिये नहीं थे, उधार के पहिए थे। अब वह पहिए उनके पास नहीं रहे। अब सिर्फ टूटी हुई साइकिल का ढांचा है जो सिर्फ फेसबुक और ट्विटर पर दिखाई देता है।



Conclusion:2017 विधानसभा चुनाव के बाद 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग लड़ेंगे, ऐसे में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। अब कांग्रेस अखिलेश के साइकिल चलाने की तैयारी पर तंज कसा रही है तो उम्मीदों के साइकिल लेकर प्रदेश भर में निकल रहे अखिलेश 2012 का इतिहास दोहराकर कांग्रेस को जवाब दे पाने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल ये तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता लगेगा कि कौन कितने पानी में है।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.