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यूपी में राशन कार्ड के मुद्दे पर कांग्रेस का योगी सरकार पर प्रहार, कहा- भ्रामक प्रचार बंद करे सरकार - कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी

प्रदेश में राशन कार्ड के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि सरकार और उसके अधिकारी राशन कार्ड के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी अब इस मुद्दे को सदन में उठाने की तैयारी कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी
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Published : May 25, 2022, 1:50 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में राशन कार्ड के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि सरकार और उसके अधिकारी राशन कार्ड के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी अब इस मुद्दे को सदन में उठाने की तैयारी कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कई लोग लाइन में लगकर राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर जनता के बीच भ्रामक प्रचार बंद कर सच्चाई को सदन में रखना चाहिए.

ये है राशन कार्ड विवाद: पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में राशन कार्ड को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई हैं. बीते दिनों कुछ जिलाधिकारियों के पत्र सामने आए, जिनमें अपात्र राशन कार्ड धारकों को कार्ड सरेंडर करने अन्यथा स्थितियों में कार्रवाई किए जाने तक की बात कही गई. इसको लेकर सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक में खबरें प्रकाशित हुई. करीब तीन दिन पहले इस मुद्दे को लेकर सरकार की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया. जिसके मुताबिक राशन कार्ड का सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है. सरेंडर करने की बात अफवाह है.

कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी

इसे भी पढ़ें - सदन में बिजली के मुद्दे पर हो रही बहस, ऊर्जा मंत्री ने सपा विधायक के सवालों का दिया जवाब

वहीं, उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इंफो उत्तर प्रदेश फैक्ट चेक शाखा की ओर से जारी स्पष्ट निर्देश में कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं. इस संबंध में अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राशन कार्ड सरेंडर या फिर वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. इस पोस्ट में ही राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू का एक पत्र भी लगाया गया है. दावा है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे, जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.

जानें क्या हैं आरोप: कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी का कहना है कि चुनाव के बाद लगातार प्रदेश के गांवों में जिलाधिकारियों की ओर से राशन कार्ड को लेकर मुनादि पुटवाकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. साथ ही नए क्राइटेरिया बनाए गए हैं, जो कार्ड धारक इसको पूरा नहीं करते उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है. जिसके बाद डर के कारण लोगों ने लाइन में लगकर राशन कार्ड सरेंडर किए हैं.

तमाम लोग भ्रमित हैं. उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा है कि क्या करना है. अब दो तीन दिन से एक नए शासनादेश का भ्रामक प्रचार कराया जा रहा है. जिसमें किसी तरह से बदलाव की बात नहीं की गई है. सरकार तय करे कि क्या सच है. यह जनता में भ्रामक प्रचार कर रहे हैं. जबकि, सीतापुर के डीएम का यह पत्र कोई और ही सच्चाई बयां कर रहा है. सरकार जनता के बीच भ्रामक प्रचार बंद करे और सच्चाई सदन में बताए.

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लखनऊ: प्रदेश में राशन कार्ड के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि सरकार और उसके अधिकारी राशन कार्ड के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी अब इस मुद्दे को सदन में उठाने की तैयारी कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कई लोग लाइन में लगकर राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर जनता के बीच भ्रामक प्रचार बंद कर सच्चाई को सदन में रखना चाहिए.

ये है राशन कार्ड विवाद: पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में राशन कार्ड को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई हैं. बीते दिनों कुछ जिलाधिकारियों के पत्र सामने आए, जिनमें अपात्र राशन कार्ड धारकों को कार्ड सरेंडर करने अन्यथा स्थितियों में कार्रवाई किए जाने तक की बात कही गई. इसको लेकर सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक में खबरें प्रकाशित हुई. करीब तीन दिन पहले इस मुद्दे को लेकर सरकार की तरफ से भी एक बयान जारी किया गया. जिसके मुताबिक राशन कार्ड का सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है. सरेंडर करने की बात अफवाह है.

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इसे भी पढ़ें - सदन में बिजली के मुद्दे पर हो रही बहस, ऊर्जा मंत्री ने सपा विधायक के सवालों का दिया जवाब

वहीं, उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इंफो उत्तर प्रदेश फैक्ट चेक शाखा की ओर से जारी स्पष्ट निर्देश में कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं. इस संबंध में अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राशन कार्ड सरेंडर या फिर वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. इस पोस्ट में ही राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू का एक पत्र भी लगाया गया है. दावा है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे, जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.

जानें क्या हैं आरोप: कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी का कहना है कि चुनाव के बाद लगातार प्रदेश के गांवों में जिलाधिकारियों की ओर से राशन कार्ड को लेकर मुनादि पुटवाकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है. साथ ही नए क्राइटेरिया बनाए गए हैं, जो कार्ड धारक इसको पूरा नहीं करते उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है. जिसके बाद डर के कारण लोगों ने लाइन में लगकर राशन कार्ड सरेंडर किए हैं.

तमाम लोग भ्रमित हैं. उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा है कि क्या करना है. अब दो तीन दिन से एक नए शासनादेश का भ्रामक प्रचार कराया जा रहा है. जिसमें किसी तरह से बदलाव की बात नहीं की गई है. सरकार तय करे कि क्या सच है. यह जनता में भ्रामक प्रचार कर रहे हैं. जबकि, सीतापुर के डीएम का यह पत्र कोई और ही सच्चाई बयां कर रहा है. सरकार जनता के बीच भ्रामक प्रचार बंद करे और सच्चाई सदन में बताए.

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