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नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर झूठ बोल रही है भाजपा: कांग्रेस

नमामि गंगे प्रोजेक्ट(namami gange project) को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि केंद्र सरकार की वित्तपोषित योजना में इसके लिए 20,000 करोड़ का बजट एलॉटमेंट किया गया, लेकिन खर्च सिर्फ 4800 करोड़ यानी 24 फ़ीसदी ही हो पाया.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर कांग्रेस भाजपा में रार.
नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर कांग्रेस भाजपा में रार.
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Published : Jun 8, 2021, 9:34 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी (anshu awasthi) ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट(namami gange project) को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार(bjp govt) पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि झूठ बोलना भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की परिपाटी बन चुकी है. शायद वह देश के जनमानस को मूर्ख समझने की भूल करते हैं. अब नमामि गंगे (namami gange) पर फिर से झूठ बोला गया है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट भाजपा का फ्लैगशिप प्रोग्राम था. मां गंगा में जल प्रदूषण की मुक्ति के लिए पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने अनशन पर बैठे-बैठे अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन सरकार को नमामि गंगे और मां गंगा की सफाई को लेकर कोई सुध नहीं आई.

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने साधा निशाना.
बजट का इस्तेमाल तक न कर पाई सरकार
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि जिस सफाई प्रचार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर तक जाकर गाया, उसकी जमीनी हकीकत दावों से बिल्कुल इतर रही. उन्होंने कहा आंकड़ों को देखें तो सरकार का झूठ बेनकाब होता है.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट में मुख्य कार्यक्रम

  • प्रमुख रूप से शहरों के गंदे जल को ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर 100% शोधित कर नदी में प्रवाहित करना था, ताकि नदी बेसिन का प्रदूषण समाप्त हो.
  • गंगा नदी देश के 40% आबादी का जीवन-यापन का माध्यम है. नदी के किनारे 30,000 हेक्टेयर भूमि पर वन वृक्षारोपण कर पारिस्थितिकी को सुधार करना.
  • नए शवदाह गृहों को लगाकर मां गंगा में प्रदूषण को रोकना.
  • टेनरियों से आने वाला गंदा पानी शोधन के पश्चात ही नदी में प्रवाह करना.

नहीं शुरू हो पाए 83 प्रोजेक्ट

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इसके लिए केंद्र सरकार की वित्तपोषित योजना में 20,000 करोड़ का बजट एलॉटमेंट किया गया, लेकिन खर्च सिर्फ 4800 करोड़ यानी 24 फ़ीसदी ही हो पाया. इसमें 3700 करोड़ सिर्फ सीवरेज ट्रीटमेंट को लेकर खर्च हुए. सरकार के दावों की सच्चाई खोखली इसी से नजर आती है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट के लिए 87 नमूने लिए और सभी फेल हो गए. नमामि गंगे मिशन में गंगा जी की सफाई के लिए 154 प्रोजेक्ट बनाये गए जिसमें आज भी 83 प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाए हैं.

इन मुद्दों पर दे सरकार सफाई

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार ने जो दावा किया है कि रामनगर, बनारस, प्रयागराज ,कानपुर मिर्जापुर और चुनार में नमामि गंगे प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है, तो क्या सरकार बताएगी कि इन स्थानों पर सीवरेज के प्लांट लग गए? क्या 100% ट्रीटमेंट के बाद ही जल को गंगा नदी और अन्य नदियों प्रवाहित किया जा रहा ? क्या वहां पर एक भी गंदा नाला या सीवरेज नाला सीधे मां गंगा/अन्य नदियों में नहीं गिर रहा ?

अंशू अवस्थी ने कहा कि सच्चाई यह है कि अभी भी मां गंगा का बीओडी यानी बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड बहुत नीचे है, यानी कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो चुकी है, और वैक्टीरिया का स्तर 58% पहुंच गया जो बहुत ही घातक है. कोरोना महामारी के समय सभी ने देखा है कि किस तरीके से वहां पर लाशों को सरकार की निकम्मेपन की वजह से दफनाया गया और पानी में बहाया गया,इससे मां गंगा का जल प्रदूषण और बढ़ गया है और सरकार अपना अलग ही गुणगान कर रही है.


लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी (anshu awasthi) ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट(namami gange project) को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार(bjp govt) पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि झूठ बोलना भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की परिपाटी बन चुकी है. शायद वह देश के जनमानस को मूर्ख समझने की भूल करते हैं. अब नमामि गंगे (namami gange) पर फिर से झूठ बोला गया है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट भाजपा का फ्लैगशिप प्रोग्राम था. मां गंगा में जल प्रदूषण की मुक्ति के लिए पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने अनशन पर बैठे-बैठे अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन सरकार को नमामि गंगे और मां गंगा की सफाई को लेकर कोई सुध नहीं आई.

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने साधा निशाना.
बजट का इस्तेमाल तक न कर पाई सरकार
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि जिस सफाई प्रचार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर तक जाकर गाया, उसकी जमीनी हकीकत दावों से बिल्कुल इतर रही. उन्होंने कहा आंकड़ों को देखें तो सरकार का झूठ बेनकाब होता है.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट में मुख्य कार्यक्रम

  • प्रमुख रूप से शहरों के गंदे जल को ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर 100% शोधित कर नदी में प्रवाहित करना था, ताकि नदी बेसिन का प्रदूषण समाप्त हो.
  • गंगा नदी देश के 40% आबादी का जीवन-यापन का माध्यम है. नदी के किनारे 30,000 हेक्टेयर भूमि पर वन वृक्षारोपण कर पारिस्थितिकी को सुधार करना.
  • नए शवदाह गृहों को लगाकर मां गंगा में प्रदूषण को रोकना.
  • टेनरियों से आने वाला गंदा पानी शोधन के पश्चात ही नदी में प्रवाह करना.

नहीं शुरू हो पाए 83 प्रोजेक्ट

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इसके लिए केंद्र सरकार की वित्तपोषित योजना में 20,000 करोड़ का बजट एलॉटमेंट किया गया, लेकिन खर्च सिर्फ 4800 करोड़ यानी 24 फ़ीसदी ही हो पाया. इसमें 3700 करोड़ सिर्फ सीवरेज ट्रीटमेंट को लेकर खर्च हुए. सरकार के दावों की सच्चाई खोखली इसी से नजर आती है कि कैग ने अपनी रिपोर्ट के लिए 87 नमूने लिए और सभी फेल हो गए. नमामि गंगे मिशन में गंगा जी की सफाई के लिए 154 प्रोजेक्ट बनाये गए जिसमें आज भी 83 प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाए हैं.

इन मुद्दों पर दे सरकार सफाई

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार ने जो दावा किया है कि रामनगर, बनारस, प्रयागराज ,कानपुर मिर्जापुर और चुनार में नमामि गंगे प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है, तो क्या सरकार बताएगी कि इन स्थानों पर सीवरेज के प्लांट लग गए? क्या 100% ट्रीटमेंट के बाद ही जल को गंगा नदी और अन्य नदियों प्रवाहित किया जा रहा ? क्या वहां पर एक भी गंदा नाला या सीवरेज नाला सीधे मां गंगा/अन्य नदियों में नहीं गिर रहा ?

अंशू अवस्थी ने कहा कि सच्चाई यह है कि अभी भी मां गंगा का बीओडी यानी बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड बहुत नीचे है, यानी कि पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो चुकी है, और वैक्टीरिया का स्तर 58% पहुंच गया जो बहुत ही घातक है. कोरोना महामारी के समय सभी ने देखा है कि किस तरीके से वहां पर लाशों को सरकार की निकम्मेपन की वजह से दफनाया गया और पानी में बहाया गया,इससे मां गंगा का जल प्रदूषण और बढ़ गया है और सरकार अपना अलग ही गुणगान कर रही है.


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