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निकाय चुनाव, 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान को लेकर कांग्रेस में असमंजस की स्थिति

कांग्रेस पार्टी नगर निकाय चुनाव (civic elections) को लेकर तैयारियों में जुट गई है. पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' जैसा नारा गढ़ महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थी. हालांकि विधानसभा के परिणामों में इसका कोई खास असर नहीं दिखा पर प्रदेश भर में इसकी चर्चा जरूर हुई थी.

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Published : Nov 3, 2022, 5:54 PM IST

लखनऊ. कांग्रेस पार्टी नगर निकाय चुनाव (civic elections) को लेकर तैयारियों में जुट गई है. पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' जैसा नारा गढ़ महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थी. हालांकि विधानसभा के परिणामों में इसका कोई खास असर नहीं दिखा पर प्रदेश भर में इसकी चर्चा जरूर हुई थी. वहीं विधानसभा चुनाव के ठीक छह महीने बाद प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव होने हैं तो पार्टी ने अपने बनाए हुए मोमेंटम को रफ्तार देने के बजाए ठंडे बस्ते में डाल रखा है.

राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ दिलीप अग्निहोत्री का कहना है कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा खुद प्रियंका गांधी ने गढ़ा है, जो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभारी होने के साथ ही राष्ट्रीय महासचिव हैं. एक चुनाव में इस नारे का प्रभाव ना मिलना उसके फेल होने का सबूत नहीं होता. कांग्रेस को नगर निकाय के चुनाव में इस नारे वह 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने के अपने वादे को आगे बढ़ाना चाहिए. इससे न केवल कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिलती, बल्कि पार्टी को आगे आने वाले चुनाव के लिए कार्ड तैयार करने में भी काफी मदद मिल जाता.

जानकारी देते राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ दिलीप अग्निहोत्री व कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी

मौजूदा समय में कांग्रेस प्रदेश में निकाय चुनाव लड़ने के साथ ही नए सिरे से अपने संगठन को तैयार करने के काम में लगी हुई है. प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही 6 प्रांतीय अध्यक्षों की नियुक्ति की थी. इन सभी को प्रदेश का नया संगठन खड़ा करने की जिम्मेदारी भी दी है. हालांकि संगठन में महिलाओं की हिस्सेदारी कितनी होगी, इसको को लेकर अभी सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं. पार्टी के महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी को 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारे का प्रयोग व संगठन में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी देनी चाहिए. जिससे महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस पार्टी से जोड़ा जा सके.

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है. जिस तरह से हमने विधानसभा चुनाव में नारा दिया था नारी सशक्तिकरण के प्रति 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' उसी तरह से पूरे नगर पंचायत व नगर निगम के चुनाव में हम महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देंगे. कांग्रेस पार्टी ने हमेशा जब पार्टी सत्ता में रही है उस समय भी हमारी सरकार ने राजनीति में नारी के प्रतिनिधित्व के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था. जिसका भाजपा ने विरोध किया था, वही पार्टी आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात तो करती है, लेकिन सबसे ज्यादा बलात्कारी और अपराधी प्रवृत्ति के लोग आज सबसे ज्यादा भाजपा में हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं को पंचायत चुनावों में आरक्षण दिया था, पार्टी उसी तरह नगर निकाय और नगर निगम चुनावों में महिलाओं को पूरी भागीदारी देगी.

यह भी पढ़ें : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के भाई का निधन

लखनऊ. कांग्रेस पार्टी नगर निकाय चुनाव (civic elections) को लेकर तैयारियों में जुट गई है. पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' जैसा नारा गढ़ महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत सीटें आरक्षित की थी. हालांकि विधानसभा के परिणामों में इसका कोई खास असर नहीं दिखा पर प्रदेश भर में इसकी चर्चा जरूर हुई थी. वहीं विधानसभा चुनाव के ठीक छह महीने बाद प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव होने हैं तो पार्टी ने अपने बनाए हुए मोमेंटम को रफ्तार देने के बजाए ठंडे बस्ते में डाल रखा है.

राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ दिलीप अग्निहोत्री का कहना है कि 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा खुद प्रियंका गांधी ने गढ़ा है, जो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रभारी होने के साथ ही राष्ट्रीय महासचिव हैं. एक चुनाव में इस नारे का प्रभाव ना मिलना उसके फेल होने का सबूत नहीं होता. कांग्रेस को नगर निकाय के चुनाव में इस नारे वह 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने के अपने वादे को आगे बढ़ाना चाहिए. इससे न केवल कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिलती, बल्कि पार्टी को आगे आने वाले चुनाव के लिए कार्ड तैयार करने में भी काफी मदद मिल जाता.

जानकारी देते राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ दिलीप अग्निहोत्री व कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी

मौजूदा समय में कांग्रेस प्रदेश में निकाय चुनाव लड़ने के साथ ही नए सिरे से अपने संगठन को तैयार करने के काम में लगी हुई है. प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही 6 प्रांतीय अध्यक्षों की नियुक्ति की थी. इन सभी को प्रदेश का नया संगठन खड़ा करने की जिम्मेदारी भी दी है. हालांकि संगठन में महिलाओं की हिस्सेदारी कितनी होगी, इसको को लेकर अभी सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं. पार्टी के महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी को 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' नारे का प्रयोग व संगठन में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी देनी चाहिए. जिससे महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस पार्टी से जोड़ा जा सके.

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है. जिस तरह से हमने विधानसभा चुनाव में नारा दिया था नारी सशक्तिकरण के प्रति 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' उसी तरह से पूरे नगर पंचायत व नगर निगम के चुनाव में हम महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देंगे. कांग्रेस पार्टी ने हमेशा जब पार्टी सत्ता में रही है उस समय भी हमारी सरकार ने राजनीति में नारी के प्रतिनिधित्व के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया था. जिसका भाजपा ने विरोध किया था, वही पार्टी आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात तो करती है, लेकिन सबसे ज्यादा बलात्कारी और अपराधी प्रवृत्ति के लोग आज सबसे ज्यादा भाजपा में हैं. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं को पंचायत चुनावों में आरक्षण दिया था, पार्टी उसी तरह नगर निकाय और नगर निगम चुनावों में महिलाओं को पूरी भागीदारी देगी.

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