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पत्रकार सिद्दीक कप्पन ने दाखिल की जमानतें, जांच के बाद ही रिहाई आदेश जाएगा जेल

हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की ओर से एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और इसी धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका विशेष न्यायाधीश (प्रवर्तन निदेशालय) की अदालत में दाखिल किया गया है. जमानतों की पुलिस और सम्बंधित विभागों की जांच के बाद रिहाई परवाना जारी होगा.

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Published : Jan 9, 2023, 9:33 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Journalist Siddiq Kappan) की ओर से विशेष न्यायाधीश (प्रवर्तन निदेशालय) संजय शंकर पांडे की अदालत में एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और इसी धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल किया गया है. जमानतों की पुलिस और सम्बंधित विभागों द्वारा जांच के बाद सिद्दीक कप्पन का रिहाई परवाना (release license) जेल भेजा जाएगा.


चर्चित हाथरस कांड (Hathras incident) के दौरान गिरफ़्तार किए गए कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन को हवाला से धन प्राप्त करके देश विरोधी कार्यों में प्रयोग करने समेत तमाम आरोपो को लेकर ईडी ने कार्रवाई की थी. उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. इसके बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लिया था. उच्च न्यायालय से कप्पन की 23 दिसम्बर 2022 को जमानत मंजूर हुई थी. जिसके अनुपालन में आज उसकी ओर से विशेष अदालत के समक्ष एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें दाखिल की गईं.

अभियोजन का कहना है कि मामले में जांच के दौरान पाया गया कि यूपी पुलिस ने 7 अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद, सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था जब वे साम्प्रदयिक सौहार्द बिगाड़ने, साम्प्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे. कहा गया कि आरोपी सिद्दीक कप्पन पीएफआई के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था और पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. साथ ही आरोपी को वर्ष 2015 में दिल्ली में दंगे करने के लिए नियुक्त किया गया था. आरोप है कि विवेचना में पता चला कि पीएफआई के सदस्य केए रउफ व अन्य पीएफआई सदस्यों को एक षड्यंत्र के तहत विदेश से एक करोड़ 38 लाख रुपये दिए गए तथा रउफ, सईद और अन्य सदस्यों ने हाथरस जाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, दंगे कराने और आतंक फैलाने का षड्यंत्र रचा था.


यह भी पढ़ें : राहुल गांधी के बयान पर भड़के संत, महंत राजू दास ने कांग्रेसियों को बताया रावण

लखनऊ : हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Journalist Siddiq Kappan) की ओर से विशेष न्यायाधीश (प्रवर्तन निदेशालय) संजय शंकर पांडे की अदालत में एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें और इसी धनराशि का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल किया गया है. जमानतों की पुलिस और सम्बंधित विभागों द्वारा जांच के बाद सिद्दीक कप्पन का रिहाई परवाना (release license) जेल भेजा जाएगा.


चर्चित हाथरस कांड (Hathras incident) के दौरान गिरफ़्तार किए गए कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन को हवाला से धन प्राप्त करके देश विरोधी कार्यों में प्रयोग करने समेत तमाम आरोपो को लेकर ईडी ने कार्रवाई की थी. उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था. इसके बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लिया था. उच्च न्यायालय से कप्पन की 23 दिसम्बर 2022 को जमानत मंजूर हुई थी. जिसके अनुपालन में आज उसकी ओर से विशेष अदालत के समक्ष एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें दाखिल की गईं.

अभियोजन का कहना है कि मामले में जांच के दौरान पाया गया कि यूपी पुलिस ने 7 अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद, सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था जब वे साम्प्रदयिक सौहार्द बिगाड़ने, साम्प्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे. कहा गया कि आरोपी सिद्दीक कप्पन पीएफआई के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था और पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. साथ ही आरोपी को वर्ष 2015 में दिल्ली में दंगे करने के लिए नियुक्त किया गया था. आरोप है कि विवेचना में पता चला कि पीएफआई के सदस्य केए रउफ व अन्य पीएफआई सदस्यों को एक षड्यंत्र के तहत विदेश से एक करोड़ 38 लाख रुपये दिए गए तथा रउफ, सईद और अन्य सदस्यों ने हाथरस जाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, दंगे कराने और आतंक फैलाने का षड्यंत्र रचा था.


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