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ब्लॉक प्रमुख को कैसे चुनते हैं, क्या हैं उसके अधिकार और कैसे करते हैं काम, जानिए पूरी प्रक्रिया

पंचायत चुनाव के अंतर्गत अब ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में ही ईटीवी भारत आपको बताएगा कि ब्लॉक प्रमुख का चुनाव किस प्रकार से होता है और ब्लॉक प्रमुख के क्या अधिकार होते हैं. उनकी क्षेत्र के विकास को लेकर क्या जिम्मेदारियां हैं. इसके अलावा ब्लॉक प्रमुख के स्तर पर क्षेत्र के विकास को लेकर कितना बजट सरकार से आवंटित होता है.

जानिए ब्लॉक प्रमुख के बारे में सबकुछ.
जानिए ब्लॉक प्रमुख के बारे में सबकुछ.
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Published : Jul 7, 2021, 8:04 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 9:06 PM IST

लखनऊ: भारत में चुनावों का दौर चलता ही रहता है. कभी लोकसभा चुनाव तो कभी विधानसभा चुनाव, इसके बाद ग्राम पंचायत जिला पंचायत और कभी कभी उपचुनाव होते रहते हैं. हाल ही में भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. इसके बाद यूपी में ग्राम पंचायत चुनाव हुए. ग्राम पंचायत चुनावों का नतीजा घोषित हुआ नहीं था कि जिला पंचायत के लिए सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी. अब यूपी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव आयोग ने ब्लॉक प्रमुख के पद के लिए नामांकन की तारीख 8 जुलाई घोषित कर दी है. 10 जुलाई को इसके लिए वोटिंग होगी और 11 जुलाई को नतीजा घोषित किया जाएगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने ब्लॉक प्रमुख, इसका चुनाव और ब्लॉक प्रमुख के अधिकार व कामों के बारे में जानने के लिए पंचायती राज व्यवस्था के जानकार व पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला से बात की. देखिए ये रिपोर्ट...

क्या हैं ब्लॉक

ब्लॉक प्रमुख के बारे में जानने से पहले ये जानना ज्यादा जरूरी है कि भारत में ब्लॉक बनाने के जरूरत क्यों पड़ी. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. ऐसे में देश को कई इकाइयों में बांटा गया. सबसे पहले प्रदेश, उसके अंदर जिले, जिले में ब्लॉक, ब्लॉक के भीतर ग्राम पंचायतें और ग्राम पंचायतों में गांव या ग्राम सभा. एक ब्लॉक कई गांवों को मिलाकर बनाया जाता है. जिले में ब्लॉक की संख्या जिले के आकार के हिसाब से तय की जाती है. प्राय: हर ब्लॉक में 60 से 70 गांव होते हैं. कह सकते हैं कि ब्लॉक इन गांवो का मुख्यालय होता है, जहां गांवों के विकास कार्यों के लिए बैठकें और योजनाएं तैयार की जाती हैं. प्रशासनिक रूप से ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक डेवेलपमेंट ऑफिसर या BDO सबसे बड़ा सरकारी अधिकारी होता है , जबकि ब्लॉक लेवल पर चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर ब्लॉक प्रमुख का पद सबसे बड़ा होता है.

जानिए ब्लॉक प्रमुख के बारे में सबकुछ.
इस तरह होता है ब्लॉक प्रमुख का चुनाव
पंचायती राज विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला बताते हैं कि ब्लॉक प्रमुख को आम जनता सीधे नहीं चुनती. उसे जनता द्वारा चुने हुए क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनते हैं. क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष या ब्लॉक प्रमुख का निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों के बीच से ही कोई सदस्य क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ता है और क्षेत्र पंचायत सदस्य उनका चुनाव करते हैं. ब्लॉक प्रमुख का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है. उत्तर प्रदेश में क्षेत्र पंचायत सदस्यों यानी बीडीसी के 75,255 पद हैं. यही बीडीसी यूपी के 826 ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए वोट डालते हैं.


ये होते हैं ब्लॉक प्रमुख के अधिकार
ब्लॉक प्रमुख के अधिकार के सवाल पर पंचायती राज विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला बताते हैं कि क्षेत्र पंचायत में ऐसे कार्य किए जाते हैं, जिसमें एक से अधिक ग्राम पंचायतों का हित निहित होता है. जैसे यदि किसी ऐसी सड़क का निर्माण होना है जो एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ती है और वह गांव के बाहर और जिला पंचायत के बीच की परिधि में आती है तो उसका निर्माण क्षेत्र पंचायत के माध्यम से कराया जाता है. इसके अलावा बिजली की व्यवस्था भी उन जगहों पर कराई जाती है जो 2 गांव के बीच हों या क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत हों और जिला पंचायत की परिधि के बाहर हो. इसी तरह रास्तों का निर्माण भी क्षेत्र पंचायत विकास निधि के माध्यम से कराया जाता है. क्षेत्र पंचायत के कार्य इस प्रकार से होते हैं कि जहां पर दो या दो से अधिक ग्राम पंचायतों का हित निहित होता हो, लेकिन वह जिला पंचायत के कार्यक्षेत्र में न आता हो.

ब्लॉक प्रमुख करते क्या हैं
ब्लॉक प्रमुख की जो भूमिका है वह यहीं से शुरू होती है. ब्लॉक प्रमुख के अधिकार के सवाल पर पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला कहते हैं कि क्षेत्र पंचायत की अध्यक्षता ब्लॉक प्रमुख करते हैं. बैठक के माध्यम क्षेत्र के विकास कार्य को लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा जो प्रस्ताव लाए जाते हैं उन प्रस्तावों को पास कराए जाने का काम क्षेत्र पंचायत प्रमुख यानी ब्लॉक प्रमुख करते हैं.केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से पंचायती राज्य व्यवस्था के बजट में पैसा आता है. यह पैसा खर्च किस तरह किया जाएगा, इसका एजेंडा ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत के सदस्य और ग्राम प्रधान मिलकर तैयार करते हैं. क्षेत्र पंचायत की बैठक एक दो महीने में होती है. अभी तो नई क्षेत्र पंचायतों का गठन हो रहा है। तो 1 महीने के अंदर ही पहली बैठक हो जानी चाहिए. ऐसी पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत व्यवस्था बनाई गई है.

इसे भी पढ़ें- क्या है ब्लॉक प्रमुख के चुनाव का पॉलिटिकल एंड पावर गेम


ये काम भी होते हैं क्षेत्र पंचायत के
इसके अलावा क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत बीज गोदाम का निर्माण करना, उनका रखरखाव करने का काम भी होता है. क्षेत्र पंचायत सदस्यों के द्वारा जिस प्रकार के प्रस्ताव लाए जाते हैं. उसी के अनुरूप विकास कार्य कराए जाते हैं. इसके अंतर्गत कार्य योजना बनती है और उसी के अनुरूप विकास कार्य होते हैं.

इतना मिलता है बजट
क्षेत्र पंचायत प्रमुख यानी ब्लॉक प्रमुख को क्षेत्र के विकास के लिए कितनी धनराशि आवंटित होने के सवाल पर पूर्व संयुक्त निदेशक कहते हैं कि क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य के लिए दो प्रमुख मद से बजट का आवंटन होता है. इसमें राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत और केंद्रीय वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत विकास कार्यों को लेकर धनराशि आवंटित होती है. अभी क्षेत्र पंचायतों को जो धनराशि पिछले वित्तीय वर्ष में दी गई थी, उसमें एक करोड़ औसतन धनराशि दी गई थी. अगले वर्ष में प्रत्येक क्षेत्र पंचायत को लगभग 7 करोड रुपए की धनराशि प्राप्त होगी. किसी क्षेत्र पंचायत को यह धनराशि कुछ कम हो सकती है, तो किसी को कुछ ज्यादा हो सकती है. क्षेत्र पंचायतों में आबादी के आधार पर धनराशि आवंटित करने का काम होता है.

ब्लॉक प्रमुख पांच साल से पहले हटाया जा सकता है?
ब्लॉक प्रमुख को अगर समय से पहले हटाना हो तो उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर ऐसा किया जा सकता है. चुनाव में चुने जाने के ढाई साल बाद ब्लॉक प्रमुख को साधारण बहुमत से हटाया जा सकता है. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी क्षेत्र पंचायत में 50 सदस्यों हों और उसमें से 26 सदस्य ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दें तो वह अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार माना जाएगा. इसके बाद ब्लॉक प्रमुख का चुनाव फिर से कराया जाएगा.

लखनऊ: भारत में चुनावों का दौर चलता ही रहता है. कभी लोकसभा चुनाव तो कभी विधानसभा चुनाव, इसके बाद ग्राम पंचायत जिला पंचायत और कभी कभी उपचुनाव होते रहते हैं. हाल ही में भारत के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. इसके बाद यूपी में ग्राम पंचायत चुनाव हुए. ग्राम पंचायत चुनावों का नतीजा घोषित हुआ नहीं था कि जिला पंचायत के लिए सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी. अब यूपी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चुनाव आयोग ने ब्लॉक प्रमुख के पद के लिए नामांकन की तारीख 8 जुलाई घोषित कर दी है. 10 जुलाई को इसके लिए वोटिंग होगी और 11 जुलाई को नतीजा घोषित किया जाएगा. ऐसे में ईटीवी भारत ने ब्लॉक प्रमुख, इसका चुनाव और ब्लॉक प्रमुख के अधिकार व कामों के बारे में जानने के लिए पंचायती राज व्यवस्था के जानकार व पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला से बात की. देखिए ये रिपोर्ट...

क्या हैं ब्लॉक

ब्लॉक प्रमुख के बारे में जानने से पहले ये जानना ज्यादा जरूरी है कि भारत में ब्लॉक बनाने के जरूरत क्यों पड़ी. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. ऐसे में देश को कई इकाइयों में बांटा गया. सबसे पहले प्रदेश, उसके अंदर जिले, जिले में ब्लॉक, ब्लॉक के भीतर ग्राम पंचायतें और ग्राम पंचायतों में गांव या ग्राम सभा. एक ब्लॉक कई गांवों को मिलाकर बनाया जाता है. जिले में ब्लॉक की संख्या जिले के आकार के हिसाब से तय की जाती है. प्राय: हर ब्लॉक में 60 से 70 गांव होते हैं. कह सकते हैं कि ब्लॉक इन गांवो का मुख्यालय होता है, जहां गांवों के विकास कार्यों के लिए बैठकें और योजनाएं तैयार की जाती हैं. प्रशासनिक रूप से ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक डेवेलपमेंट ऑफिसर या BDO सबसे बड़ा सरकारी अधिकारी होता है , जबकि ब्लॉक लेवल पर चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर ब्लॉक प्रमुख का पद सबसे बड़ा होता है.

जानिए ब्लॉक प्रमुख के बारे में सबकुछ.
इस तरह होता है ब्लॉक प्रमुख का चुनाव
पंचायती राज विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला बताते हैं कि ब्लॉक प्रमुख को आम जनता सीधे नहीं चुनती. उसे जनता द्वारा चुने हुए क्षेत्र पंचायत सदस्य चुनते हैं. क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष या ब्लॉक प्रमुख का निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों के बीच से ही कोई सदस्य क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ता है और क्षेत्र पंचायत सदस्य उनका चुनाव करते हैं. ब्लॉक प्रमुख का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है. उत्तर प्रदेश में क्षेत्र पंचायत सदस्यों यानी बीडीसी के 75,255 पद हैं. यही बीडीसी यूपी के 826 ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए वोट डालते हैं.


ये होते हैं ब्लॉक प्रमुख के अधिकार
ब्लॉक प्रमुख के अधिकार के सवाल पर पंचायती राज विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला बताते हैं कि क्षेत्र पंचायत में ऐसे कार्य किए जाते हैं, जिसमें एक से अधिक ग्राम पंचायतों का हित निहित होता है. जैसे यदि किसी ऐसी सड़क का निर्माण होना है जो एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ती है और वह गांव के बाहर और जिला पंचायत के बीच की परिधि में आती है तो उसका निर्माण क्षेत्र पंचायत के माध्यम से कराया जाता है. इसके अलावा बिजली की व्यवस्था भी उन जगहों पर कराई जाती है जो 2 गांव के बीच हों या क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत हों और जिला पंचायत की परिधि के बाहर हो. इसी तरह रास्तों का निर्माण भी क्षेत्र पंचायत विकास निधि के माध्यम से कराया जाता है. क्षेत्र पंचायत के कार्य इस प्रकार से होते हैं कि जहां पर दो या दो से अधिक ग्राम पंचायतों का हित निहित होता हो, लेकिन वह जिला पंचायत के कार्यक्षेत्र में न आता हो.

ब्लॉक प्रमुख करते क्या हैं
ब्लॉक प्रमुख की जो भूमिका है वह यहीं से शुरू होती है. ब्लॉक प्रमुख के अधिकार के सवाल पर पूर्व संयुक्त निदेशक सुधन चंदौला कहते हैं कि क्षेत्र पंचायत की अध्यक्षता ब्लॉक प्रमुख करते हैं. बैठक के माध्यम क्षेत्र के विकास कार्य को लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा जो प्रस्ताव लाए जाते हैं उन प्रस्तावों को पास कराए जाने का काम क्षेत्र पंचायत प्रमुख यानी ब्लॉक प्रमुख करते हैं.केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से पंचायती राज्य व्यवस्था के बजट में पैसा आता है. यह पैसा खर्च किस तरह किया जाएगा, इसका एजेंडा ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत के सदस्य और ग्राम प्रधान मिलकर तैयार करते हैं. क्षेत्र पंचायत की बैठक एक दो महीने में होती है. अभी तो नई क्षेत्र पंचायतों का गठन हो रहा है। तो 1 महीने के अंदर ही पहली बैठक हो जानी चाहिए. ऐसी पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत व्यवस्था बनाई गई है.

इसे भी पढ़ें- क्या है ब्लॉक प्रमुख के चुनाव का पॉलिटिकल एंड पावर गेम


ये काम भी होते हैं क्षेत्र पंचायत के
इसके अलावा क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत बीज गोदाम का निर्माण करना, उनका रखरखाव करने का काम भी होता है. क्षेत्र पंचायत सदस्यों के द्वारा जिस प्रकार के प्रस्ताव लाए जाते हैं. उसी के अनुरूप विकास कार्य कराए जाते हैं. इसके अंतर्गत कार्य योजना बनती है और उसी के अनुरूप विकास कार्य होते हैं.

इतना मिलता है बजट
क्षेत्र पंचायत प्रमुख यानी ब्लॉक प्रमुख को क्षेत्र के विकास के लिए कितनी धनराशि आवंटित होने के सवाल पर पूर्व संयुक्त निदेशक कहते हैं कि क्षेत्र पंचायत के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य के लिए दो प्रमुख मद से बजट का आवंटन होता है. इसमें राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत और केंद्रीय वित्त आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत विकास कार्यों को लेकर धनराशि आवंटित होती है. अभी क्षेत्र पंचायतों को जो धनराशि पिछले वित्तीय वर्ष में दी गई थी, उसमें एक करोड़ औसतन धनराशि दी गई थी. अगले वर्ष में प्रत्येक क्षेत्र पंचायत को लगभग 7 करोड रुपए की धनराशि प्राप्त होगी. किसी क्षेत्र पंचायत को यह धनराशि कुछ कम हो सकती है, तो किसी को कुछ ज्यादा हो सकती है. क्षेत्र पंचायतों में आबादी के आधार पर धनराशि आवंटित करने का काम होता है.

ब्लॉक प्रमुख पांच साल से पहले हटाया जा सकता है?
ब्लॉक प्रमुख को अगर समय से पहले हटाना हो तो उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर ऐसा किया जा सकता है. चुनाव में चुने जाने के ढाई साल बाद ब्लॉक प्रमुख को साधारण बहुमत से हटाया जा सकता है. इसको ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी क्षेत्र पंचायत में 50 सदस्यों हों और उसमें से 26 सदस्य ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दें तो वह अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार माना जाएगा. इसके बाद ब्लॉक प्रमुख का चुनाव फिर से कराया जाएगा.

Last Updated : Jul 7, 2021, 9:06 PM IST
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