ETV Bharat / state

LDA की फाइलों को स्कैन करने वाली कंपनी ब्लैक लिस्ट, होगी FIR

लखनऊ विकास प्राधिकरण में फाइलों की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है, आरोप है कि कंपनी ने स्कैनिंग के लिए भेजी गई कई फाइलें गायब कर दी हैं, जबकि तय समय के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण.
लखनऊ विकास प्राधिकरण.
author img

By

Published : Nov 5, 2020, 7:04 AM IST

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण में फाइलों की हेराफेरी रोकने के लिए प्राधिकरण ने निजी एजेंसी राइटर को जिम्मा सौंपा है, मगर राइटर के कर्मियों ने ही खेल कर दिया. आरोप है कि कंपनी ने स्कैनिंग के लिए भेजी गई कई फाइलें गायब कर दी हैं, कुछ के पन्ने गायब हैं और तय समय के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है. कार्यवाहक उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने कंपनी राइटर को ब्लैक लिस्ट करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर कराने को कहा है.

फाइलों से छेड़छाड़, गायब करने के आरोप

करीब पांच लाख फाइलों को स्कैन करने का काम करीब तीन साल पहले निजी एजेंसी राइटर को दिया गया था. पूरा काम दो माह में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया. पहले तो कंपनी को काम देने में खेल किया गया, बाद में कंपनी ने हेराफेरी शुरू कर दी. मूल फाइल भी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित निजी एजेंसी के गोदाम में रख ली गई. लालबाग स्थित एलडीए कार्यालय में फाइलों को स्कैन करने का काम शुरू कर दिया, बाद में प्राधिकरण मुख्यालय में जगह दे दी गई. उस समय तय हुआ था कि इसके लिए एलडीए को प्रति पेज स्कैन करवाने के लिए 85 पैसे और 25 फाइलों के लिए हर माह 14 रुपए किराए के रूप में देने होंगे. कंपनी ने करोड़ों का बिल बनाकर प्राधिकरण को भेज दिया.

अपनी ही फाइलें नहीं हासिल कर पा रहे अधिकारी

आरोप है कि कई योजनाओं की सैकड़ों फाइलें गायब हैं, उनका रिकार्ड एलडीए के अधिकारी भी नहीं हासिल कर पा रहे हैं. पूर्व उपाध्यक्ष ने नया आदेश जारी करते हुए कहा था कि कंपनी से सारी फाइलें वापस लेकर एलडीए के अभिलेखागार में सुरक्षित रखी जाएंगी. मगर प्राधिकरण के कर्मचारियों और कंपनी ने आदेश का पालन ही नहीं किया है. अब हाल यह है कि आवंटी की फाइल के लिए एलडीए कंपनी पर निर्भर है, वहीं एजेंसी फाइल देने के बदले पैसे वसूल रही है. हालांकि गायब हुई फाइलों को अधिकारी कैसे उपलब्ध कराएंगे, इसको लेकर अभी तक कोई रणनीति नहीं बनी है. आरोप लग रहे हैं कि महकमें के कुछ पूर्व अधिकारी इन दोनों कंपनियों को बचाने में लगे हैं.

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण में फाइलों की हेराफेरी रोकने के लिए प्राधिकरण ने निजी एजेंसी राइटर को जिम्मा सौंपा है, मगर राइटर के कर्मियों ने ही खेल कर दिया. आरोप है कि कंपनी ने स्कैनिंग के लिए भेजी गई कई फाइलें गायब कर दी हैं, कुछ के पन्ने गायब हैं और तय समय के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है. कार्यवाहक उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने कंपनी राइटर को ब्लैक लिस्ट करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर कराने को कहा है.

फाइलों से छेड़छाड़, गायब करने के आरोप

करीब पांच लाख फाइलों को स्कैन करने का काम करीब तीन साल पहले निजी एजेंसी राइटर को दिया गया था. पूरा काम दो माह में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया. पहले तो कंपनी को काम देने में खेल किया गया, बाद में कंपनी ने हेराफेरी शुरू कर दी. मूल फाइल भी ट्रांसपोर्ट नगर स्थित निजी एजेंसी के गोदाम में रख ली गई. लालबाग स्थित एलडीए कार्यालय में फाइलों को स्कैन करने का काम शुरू कर दिया, बाद में प्राधिकरण मुख्यालय में जगह दे दी गई. उस समय तय हुआ था कि इसके लिए एलडीए को प्रति पेज स्कैन करवाने के लिए 85 पैसे और 25 फाइलों के लिए हर माह 14 रुपए किराए के रूप में देने होंगे. कंपनी ने करोड़ों का बिल बनाकर प्राधिकरण को भेज दिया.

अपनी ही फाइलें नहीं हासिल कर पा रहे अधिकारी

आरोप है कि कई योजनाओं की सैकड़ों फाइलें गायब हैं, उनका रिकार्ड एलडीए के अधिकारी भी नहीं हासिल कर पा रहे हैं. पूर्व उपाध्यक्ष ने नया आदेश जारी करते हुए कहा था कि कंपनी से सारी फाइलें वापस लेकर एलडीए के अभिलेखागार में सुरक्षित रखी जाएंगी. मगर प्राधिकरण के कर्मचारियों और कंपनी ने आदेश का पालन ही नहीं किया है. अब हाल यह है कि आवंटी की फाइल के लिए एलडीए कंपनी पर निर्भर है, वहीं एजेंसी फाइल देने के बदले पैसे वसूल रही है. हालांकि गायब हुई फाइलों को अधिकारी कैसे उपलब्ध कराएंगे, इसको लेकर अभी तक कोई रणनीति नहीं बनी है. आरोप लग रहे हैं कि महकमें के कुछ पूर्व अधिकारी इन दोनों कंपनियों को बचाने में लगे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.