लखनऊ : मुलायम सिंह यादव ने संसद में बुधवार को जो चरखा दांव चला है. उससे जहां समाजवादी पार्टी बचाव की मुद्रा में आ गई है. वहीं इससे गठबंधन का प्रधानमंत्री पद को लेकर दावा भी कमजोर हुआ है. मुलायम सिंह यादव ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में जो कुछ कहा उसके बारे में अब समाजवादी पार्टी के पास ऐसा कोई तर्क नहीं है, जिससे वह मोदी विरोधी लोगों को संतुष्ट कर सके.
यही वजह है कि समाजवादी पार्टी इस पूरे मामले में अब संसदीय परंपरा और शिष्टाचार का राग अलाप रही है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कभी यह नहीं कहा कि प्रधानमंत्री पद पर गठबंधन का दावा है. उन्होंने हमेशा यही कहा कि देश को नए प्रधानमंत्री की जरूरत है और समाजवादी लोग नया प्रधानमंत्री देने के लिए संकल्पबद्ध हैं.
समाजवादी पार्टी ने 5 साल पहले मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने का सपना कार्यकर्ताओं को दिखाया था. तब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार भी थी. अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे और मुलायम सिंह यादव को दिल्ली के लाल किले से तिरंगा फहराने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान भी कर रहे थे. 5 साल बाद अब जब लोकसभा चुनाव की तैयारी में समाजवादी पार्टी है तो अखिलेश यादव या किसी भी अन्य नेता ने अब तक एक बार भी यह नहीं कहा कि उनका सपना मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाना है.
बसपा प्रमुख मायावती और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी समेत कई नाम चर्चा में आए समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर कुछ ऐसी होर्डिंग भी लगी, जिसमें अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री बनाने का ऐलान किया गया. लेकिन मुलायम सिंह यादव पूरे दृश्य से गायब ही रहे. यही वजह है कि अब मुलायम सिंह यादव ने ऐसा चरखा दांव मारा है, जिसमें अगर प्रधानमंत्री पद पर उन्हें काबिल नहीं समझा जा रहा है तो किसी का भी दावा मजबूत नहीं रहेगा.