लखनऊ: लखनऊ में कोरोना केसेज में काफी कमी के बावजूद अभी भी केसेम सामने आ रहे हैं. सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि इसी को देखते हुए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है. प्लान के तहत दो सदस्यीय 900 टीमों को बनाया गया है. इसके लिए 600 टीमें अर्बन और 300 टीमें रूरल एरिया के लिए बनाई गई है, जिसमें एक डॉक्टर समेत आशा या आंगनबाड़ी शामिल रहेंगी.
उन्होंने कहा कि टीम में डॉक्टर वही रहेंगे, जो उन इलाकों को अच्छे से जानते होंगे और पहले भी सर्वे में शामिल रह चुके हैं. टीम 14 दिनों तक हर घर जाकर सर्वे करेगी. इस दौरान टीमों द्वारा डायबिटीज, हाइपरटेंशन आदि बीमारियों के साथ कोविड की भी जानकरी की जाएगी. माइक्रो प्लान के साथ टीमों का गठन हो चुका है. उम्मीद है कि सोमवार से सर्वे शुरू हो जाएगा. हालांकि दौरान हर इलाके का सर्वे होगा, लेकिन फोकस साइलेंट एरिया जैसे काकोरी, गोसाईगंज आदि क्षेत्रों का भी रहेगा. वहीं दूसरी ओर इंदिरा नगर, गोमती नगर, चिनहट, आलमबाग और अलीगंज एरिया भी फोकस में रहेंगे, ताकि इन इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामलों को और कम किए जा सके.
सीएमओ के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने दी जानकारी
कोरोना के मामलों में कमी आने की वजह से अब ईएसआई का नाम भी कोविड हॉस्पिटल की लिस्ट से हटाने की सिफारिश कर दी गई है. जल्द ही अब यहां नॉन कोविड मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाएगा. अभी दो दिन पहले रामसागर मिश्र अस्पताल, हज हाउस और कुछ अन्य निजी अस्पताल को कोविड की लिस्ट से हटाया गया था. इसके बाद सीएमओ की ओर से ऐसे करीब आधा दर्जन अस्पतालों को कोविड की सूची से हटाने का संकेत दिया गया था, जहां पर अब कोरोना मरीज भर्ती नहीं हो रहे हैं. सीएमओ के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि ईएसआई अस्पताल में जल्द ही सामान्य मरीजों के इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इसका नाम अब कोविड की लिस्ट से हटाए जाने की सिफारिश हो चुकी है. काफी दिनों से यहां कोरोना मरीज कम संख्या में भर्ती हो रहे हैं.
कोरोना के मामले अगर इसी तरह से कम होते रहे तो लोकबंधु लेवल टू कोविड अस्पताल को भी जल्द ही नॉन कोविड में तब्दील कर दिया जाएगा. यहां भी सामान्य मरीजों के इलाज की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. पिछले कई दिनों से यहां भी 40 से कम संख्या में मरीज भर्ती हैं. वेंटीलेटर पूरी तरह से खाली चल रहे हैं. 30 बेडों वाले आईसीयू में भी सिर्फ दो-चार मरीजों का ही इलाज चल रहा है. अगर भर्ती मरीजों की संख्या घटकर 10 से कम और उसके आसपास रहने लगी तो इसे भी नॉन कोविड हॉस्पिटल में बदला जा सकता है.