लखनऊः उत्तर प्रदेश के विकासवादी सियासत में भाजपा सरकार (BJP Government) के समक्ष सपा सरकार की उपलब्धियां खड़ी हैं. मौजूदा सरकार को उन उपलब्धियों की तुलना में बेहतर और बड़े काम करके दिखाना चुनौती है. अखिलेश यादव सरकार ने आगरा एक्सप्रेस-वे (Agra Express Way) बनाकर विकासवादी सोच वाली सरकार का संदेश दिया था. यह बात अलग है कि उसे 2017 के विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिल पाई लेकिन अखिलेश सरकार के कामकाज की चर्चा अब भी की जा रही है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ सरकार एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराकर अखिलेश यादव सरकार को पीछे छोड़ने जा रही है. मौजूदा सरकार में 4 एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है. सरकार का दावा है कि 1 एक्सप्रेस-वे माह 31 अगस्त को शुरू हो जाएगा और दूसरा अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएगा. तीसरा एक्सप्रेसवे सितंबर 2022 में यातायात चलने योग्य होगा, लेकिन तब तक विधानसभा चुनाव हो चुके होंगे. माना जा रहा है कि सीएम योगी एक्सप्रेस वे निर्माण को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में (UP Assembly Election) मुद्दा बनाएंगे.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कार्य लगभग पूरा
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) तेजी से निर्माण करने में जुटी है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ सुल्तानपुर रोड पर स्थित ग्राम चांद सराय लखनऊ से शुरू होकर यूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर पहले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 31 पर स्थित ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा. एक्सप्रेस-वे की लंबाई 340.824 किलोमीटर है. इस परियोजना से लखनऊ, वाराणसी, अमेठी, अयोध्या, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिला लाभान्वित होंगे. इस एक्सप्रेस वे पर 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवरब्रिज, 7 दीर्घ सेतु, 118 लघु सेतु, 13 इंटरचेंज (6 टोल प्लाजा सहित) 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपास तथा 503 पुलियों का निर्माण होना है. एक्सप्रेस-वे पर आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग/टेकऑफ के लिए सुलतानपुर में 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी किया जाएगा. परियोजना की कुल अनुमानित लागत 22 हजार 494.66 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 11216.10 करोड़ रुपये है.
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी शासन को अवगत करा चुके हैं कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पूर्ण होने के कागार पर है. आगामी 31 अगस्त तक मेन कैरिज-वे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. सुविधाओं में टॉयलेट एवं पेट्रोल पंप स्थापना का कार्य चल रहा है. साइनेज एवं मार्ग प्रकाश से संबंधित काम भी तेजी से चल रहे हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के कार्य तेजी से चल रहा है.
अगले साल सितंबर तक तैयार होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
उत्तर प्रदेश में निर्मित हो रहे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) के निर्माण का कार्य 31 जुलाई तक 68.62 प्रतिशत पूरा हो गया है. सड़क की एक साइड 28 जनवरी 2022 और दूसरी साइड 30 अप्रैल 2022 तक यातायात के लिए खोल दी जाएगी. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना के सभी कार्य 30 सितंबर 2022 तक पूरे हो जाएंगे. यह चार लेन चौड़ा बन रहा है. छह लेन में विस्तारणीय है. एक्सप्रेस-वे की एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड बनाई जाएगी. इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 296.070 किलोमीटर है. एक्सप्रेसवे में चार रेलवे ओवरब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 268 लघु सेतु, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास का निर्माण कराया जाएगा. परियोजना की कुल अनुमानित लागत 14 हजार 849.09 करोड़ और सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 7768. 81 करोड़ रुपये है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कुल छह पैकेजों में विभक्त कर किया जा रहा है.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर मार्च 2022 में शुरू होगा यातायात
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur Link Expressway) 31 जुलाई 2021 तक 26.70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. सरकार का दावा है कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का मुख्य कैरिज-वे मार्च 2022 तक यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. यह एक्सप्रेस वे 91.352 किलोमीटर लंबा है. इस एक्सप्रेस वे से गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संत कबीर नगर, आजमगढ़ जैसे जिले लाभान्वित होंगे. एक्सप्रेसवे चार लेन चौड़ाई में निर्माण हो रहा है और छह लेन विस्तारणीय होगा. परियोजना की अनुमोदित लागत 5876.68 करोड़ रुपये है और सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 3024.10 करोड़ रुपये है. एक्सप्रेस-वे निर्माण में दो टोल प्लाजा, तीन रैंप प्लाजा, सात फ्लाईओवर, 16 व्हेकुलर अंडर पास, 50 लाइट व्हेकुलर अंडरपास, 35 पेडेस्ट्रियन अंडरपास, सात दीर्घ सेतु, 27 लघु सेतु और 389 पुलियों का निर्माण भी किया जाएगा.
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यूपी में बन रहा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे
यूपीडा के प्रवक्ता दुर्गेश उपाध्याय ने बताया कि देश की सबसे लंबी गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए गत 31 जुलाई तक 90.74 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. बुलंदशहर एवं अमरोहा में 96 प्रतिशत से अधिक, संभल व बदायूं में 95 से अधिक, प्रयागराज में 94, शाहजहांपुर में 91 से अधिक और रायबरेली में 90 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहीत कर ली गई है. हापुड़ व हरदोई में 89 प्रतिशत, उन्नाव में 88, मेरठ में 83, प्रतापगढ़ में 82 फीसदी से अधिक भूमि क्रय की जा चुकी है. इसी प्रकार एक्सप्रेस-वे के लिए प्रस्तावित कुल क्षेत्रफल 7287.93 हेक्टेयर के सापेक्ष 6612.95 हेक्टेयर भूमि की व्यवस्था की जा चुकी है. गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किलोमीटर है. मेरठ से प्रयागराज तक यह आठ लेन चौड़ाई में बनेगा.