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यूपी में लगातार घट रही कोरोना संक्रमण की दर: सीएम योगी - लखनऊ खबर

सीएम योगी ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक कर राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण की दर घट रही है.

सीएम योगी
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Published : May 11, 2021, 10:34 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक कर राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए व्यापक स्तर पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. सभी का यह दायित्व है कि स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के कार्य प्रभावी ढंग से किए जाएं. सीएम योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के राज्य सरकार के प्रयासों को सफलता मिल रही है. प्रदेश में संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर लगातार कम तथा रिकवरी दर बढ़ रही है. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार की व्यवस्था और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं.

मेडिकल किट वितरण की सूची बनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अगर किसी में कोविड का लक्षण दिखता है, तो ऐसे लोगों को निगरानी समितियां मेडिकल किट का वितरण करें. साथ ही, ऐसे व्यक्तियों का नाम, टेलीफोन नम्बर सहित एक सूची भी तैयार की जाए, जिन्हें मेडिकल किट दी गई है. यह सूची सम्बन्धित जिले के इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आईसीसीसी) को उपलब्ध करायी जाए. जिलाधिकारी आईसीसीसी के माध्यम से सम्बन्धित व्यक्ति का हाल जानें और उन्हें मेडिकल किट मिलने की पुष्टि भी कराएं.

होम आइसोलेशन वाले मरीजों की सूची विधायक और सांसदों को दी जाए
होम आइसोलेशन में रह कर इलाज करा रहे लोगों की विधानसभा वार सूची बनाई जाए. इसे संबंधित सांसद व विधायक को भी उपलब्ध कराया जाए. ताकि जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र से सम्बन्धित व्यक्तियों को मेडिकल किट मिलने का सत्यापन कर सकें और उनका हाल-चाल जान सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में निगरानी समितियां संदिग्ध संक्रमित लोगों का एण्टीजन टेस्ट कराएं. रिपोर्ट के आधार पर जरूरत को देखते हुई क्वारंटाइन सेंटर अथवा अस्पताल में भर्ती कराया जाए. उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए.

जिले में 35 और मंडल मुख्यालय पर 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के आकलन को देखते हुए पहले से तैयारी की जाए. प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 10 बेड और हर मेडिकल काॅलेज में कम से कम 25 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का कार्य प्रारम्भ किया जाए. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग इसकी व्यापक कार्ययोजना बनाकर यथाशीघ्र काम शुरू कराएं. यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय में दोनों विभागों द्वारा मिलकर 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के साथ-साथ पीडियाट्रिशियन्स का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित किया जाए.

न हो रेमडेसिविर इंजेक्शन का कालाबाजारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में उपलब्ध प्रत्येक वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर कार्यशील रहे. मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इन उपकरणों की समीक्षा करें. सभी जिलों में एनेस्थेटिक्स एवं टेक्नीशियन रहें. इनका प्रशिक्षण भी कराया जाए. रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध रहे. इंजेक्शन का दुरुपयोग रोकने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक की देख-रेख में इस्तेमाल किए जाने, सभी जिलों में आईसीसीसी को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखने और निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित करने के निर्देश भी दिए.

इसे भी पढ़ें-255 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल तैयार

सभी जिलों में 18+ के लिए शुरू हो वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री ने पूरी क्षमता से टेस्टिंग करने के निर्देश दिए. कोरोना वैक्सीनेशन को निरन्तर संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग का वैक्सीनेशन कार्य सभी जिलों में संचालित करने के लिए कार्य योजना बनायी जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की वैकअप सहित पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव कदम उठाये जाएं. होम आइसोलेशन के कोविड संक्रमित मरीजों व अन्य जरूरतमन्द और गम्भीर रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए.

औद्योगिक गतिविधियां चालू रखी जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. कण्टेनमेण्ट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था के माध्यम से जरूरतमन्द लोगों को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जाए. कोरोना प्रोटोकाल के तहत खाद्यान्न वितरण एवं गेहूं की खरीद की जाए. औद्योगिक गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित होनी चाहिए. इस दौरान कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित किया जाए.

लखनऊ: मुख्यमंत्री ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक कर राज्य में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए व्यापक स्तर पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. सभी का यह दायित्व है कि स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के कार्य प्रभावी ढंग से किए जाएं. सीएम योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के राज्य सरकार के प्रयासों को सफलता मिल रही है. प्रदेश में संक्रमण की पाॅजिटिविटी दर लगातार कम तथा रिकवरी दर बढ़ रही है. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार की व्यवस्था और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं.

मेडिकल किट वितरण की सूची बनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अगर किसी में कोविड का लक्षण दिखता है, तो ऐसे लोगों को निगरानी समितियां मेडिकल किट का वितरण करें. साथ ही, ऐसे व्यक्तियों का नाम, टेलीफोन नम्बर सहित एक सूची भी तैयार की जाए, जिन्हें मेडिकल किट दी गई है. यह सूची सम्बन्धित जिले के इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आईसीसीसी) को उपलब्ध करायी जाए. जिलाधिकारी आईसीसीसी के माध्यम से सम्बन्धित व्यक्ति का हाल जानें और उन्हें मेडिकल किट मिलने की पुष्टि भी कराएं.

होम आइसोलेशन वाले मरीजों की सूची विधायक और सांसदों को दी जाए
होम आइसोलेशन में रह कर इलाज करा रहे लोगों की विधानसभा वार सूची बनाई जाए. इसे संबंधित सांसद व विधायक को भी उपलब्ध कराया जाए. ताकि जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र से सम्बन्धित व्यक्तियों को मेडिकल किट मिलने का सत्यापन कर सकें और उनका हाल-चाल जान सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में निगरानी समितियां संदिग्ध संक्रमित लोगों का एण्टीजन टेस्ट कराएं. रिपोर्ट के आधार पर जरूरत को देखते हुई क्वारंटाइन सेंटर अथवा अस्पताल में भर्ती कराया जाए. उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए.

जिले में 35 और मंडल मुख्यालय पर 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के आकलन को देखते हुए पहले से तैयारी की जाए. प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 10 बेड और हर मेडिकल काॅलेज में कम से कम 25 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का कार्य प्रारम्भ किया जाए. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग इसकी व्यापक कार्ययोजना बनाकर यथाशीघ्र काम शुरू कराएं. यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय में दोनों विभागों द्वारा मिलकर 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के साथ-साथ पीडियाट्रिशियन्स का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित किया जाए.

न हो रेमडेसिविर इंजेक्शन का कालाबाजारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले में उपलब्ध प्रत्येक वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर कार्यशील रहे. मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा इन उपकरणों की समीक्षा करें. सभी जिलों में एनेस्थेटिक्स एवं टेक्नीशियन रहें. इनका प्रशिक्षण भी कराया जाए. रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध रहे. इंजेक्शन का दुरुपयोग रोकने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक की देख-रेख में इस्तेमाल किए जाने, सभी जिलों में आईसीसीसी को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखने और निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित करने के निर्देश भी दिए.

इसे भी पढ़ें-255 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल तैयार

सभी जिलों में 18+ के लिए शुरू हो वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री ने पूरी क्षमता से टेस्टिंग करने के निर्देश दिए. कोरोना वैक्सीनेशन को निरन्तर संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग का वैक्सीनेशन कार्य सभी जिलों में संचालित करने के लिए कार्य योजना बनायी जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की वैकअप सहित पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी सम्भव कदम उठाये जाएं. होम आइसोलेशन के कोविड संक्रमित मरीजों व अन्य जरूरतमन्द और गम्भीर रोगियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए.

औद्योगिक गतिविधियां चालू रखी जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए. कण्टेनमेण्ट जोन में डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था के माध्यम से जरूरतमन्द लोगों को आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जाए. कोरोना प्रोटोकाल के तहत खाद्यान्न वितरण एवं गेहूं की खरीद की जाए. औद्योगिक गतिविधियां निर्बाध रूप से संचालित होनी चाहिए. इस दौरान कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित किया जाए.

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