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सीएम योगी ने कहा, गोशालाओं के लिए बनाएं सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि गोशालाओं का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाए. साथ ही उन्होंंने कहा कि ठंड और भूख से किसी गोवंश की मौत नहीं होनी चाहिए.

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Published : Jan 4, 2023, 5:28 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि गोशाला चलाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए एक सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल बनाया जाए. उन्होंने कहा कि गोशालाओं का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाए. साथ ही उन्हें नेचुरल फार्मिंग, गोबर पेंट, सीएनजी और सीबीजी से जोड़ा जाए. इससे गोशालाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी और गायों के रखरखाव एवं पालन पर आने वाला खर्च खुद उठा सकेंगी. सीएम योगी ने कहा कि गोशाला संचालन के लिए इच्छुक एनजीओ के साथ एमओयू करें और उन्हें आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराएं.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को वृहद गौ आश्रय स्थल के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया. इस दौरान पशुधन मंत्री के साथ ही वित्त, ऊर्जा, पंचायतीराज, ग्राम विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान उत्तर प्रदेश में दो से तीन हजार गोवंश धारण की क्षमता वाले आश्रय स्थलों के निर्माण को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया गया. सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई गई सहभागिता योजना को पूरे प्रदेश में तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाए. इस योजना के तहत निराश्रित गोवंश को पालने वाले किसानों को प्रति गोवंश 900 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं. भू सत्यापन के बाद किसानों को उनका भुगतान किया जाए. प्रेजेंटेशन का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत प्रयासरत है. गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. उन्होंने कहा कि पशुधन विभाग व्यवहारिक रूप से योजना बनाए. विभागीय अधिकारी अनिर्णय की स्थिति से बचें और रुचि व प्राथमिकता के आधार पर गो सेवा के लिए कार्य योजना तैयार करें. हर स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए.


सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पूरे साल का प्रबंधन कैसे हो इसका ख्याल रखकर कार्य योजना बनाई जाए. अप्रैल-मई में ही पूरे साल के लिए हरा चारा, भूसा और चोकर की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि जहां भी गो आश्रय स्थल चल रहे हैं उनका पैसा रिलीज करें. साथ ही निराश्रित गोवंश को पालने वाले पशुपालकों का भी पैसा रिलीज करें. सीएम योगी ने कहा कि भारतीय नस्ल की गोवंश को सफाई और चारागाह की जगह चाहिए होती है, अगर उन्हें यह नहीं मिलेगा तो वह बीमार पड़ जाएंगी, जो भी गोशालाएं बनाई जाएं उनमें इस बात का विशेष ध्यान में रखा जाए.


सीएम योगी ने कहा कि ठंड और भूख से किसी गोवंश की मौत नहीं होनी चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखें. सीएम योगी ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और बेसहारा मवेशियों के नियंत्रण के लिए नस्ल सुधार योजना में तेजी लाएं. इस योजना के तहत पशुपालक सरकारी पशु अस्पतालों में कृत्रिम गर्भाधान करवा मवेशियों की नस्ल को सुधार सकते हैं. इससे दुग्ध का उत्पादन तो बढ़ेगा साथ ही मवेशियों की नई नस्ल भी तैयार हो जाएगी, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा की संख्या में बुनकर पॉवरलूम से जुड़े हुए हैं. यही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है. हमें इस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी को रोकते हुए प्रदेश के बुनकरों को बिजली के बिल में आवश्यक सब्सिडी दी जाए. सीएम योगी ने कहा कि पावर काॅरपोरेशन इसको लेकर व्यवस्था बनाए. सीएम योगी ने बुधवार को एमएसएमई बुनकर योजना के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया. इस दौरान बिजली की खपत और उस पर दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर सीएम ने अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनकरी व्यवसाय से जुड़े प्रदेश के बड़े सेंटर जैसे अम्बेडकर नगर, वाराणसी, मऊ, गोरखपुर, मेरठ आदि जिलों के सम्भ्रांत बुनकर व्यवसायियों से बात करें और उनकी राय लें.

यह भी पढ़ें : डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का डाॅक्टरों को निर्देश, पता करें राहुल गांधी को ठंड क्यों नहीं लगती

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि गोशाला चलाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए एक सेल्फ सस्टेनेबल मॉडल बनाया जाए. उन्होंने कहा कि गोशालाओं का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जाए. साथ ही उन्हें नेचुरल फार्मिंग, गोबर पेंट, सीएनजी और सीबीजी से जोड़ा जाए. इससे गोशालाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी और गायों के रखरखाव एवं पालन पर आने वाला खर्च खुद उठा सकेंगी. सीएम योगी ने कहा कि गोशाला संचालन के लिए इच्छुक एनजीओ के साथ एमओयू करें और उन्हें आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध कराएं.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को वृहद गौ आश्रय स्थल के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया. इस दौरान पशुधन मंत्री के साथ ही वित्त, ऊर्जा, पंचायतीराज, ग्राम विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान उत्तर प्रदेश में दो से तीन हजार गोवंश धारण की क्षमता वाले आश्रय स्थलों के निर्माण को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया गया. सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई गई सहभागिता योजना को पूरे प्रदेश में तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाए. इस योजना के तहत निराश्रित गोवंश को पालने वाले किसानों को प्रति गोवंश 900 रुपए मासिक दिए जा रहे हैं. भू सत्यापन के बाद किसानों को उनका भुगतान किया जाए. प्रेजेंटेशन का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत प्रयासरत है. गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. उन्होंने कहा कि पशुधन विभाग व्यवहारिक रूप से योजना बनाए. विभागीय अधिकारी अनिर्णय की स्थिति से बचें और रुचि व प्राथमिकता के आधार पर गो सेवा के लिए कार्य योजना तैयार करें. हर स्तर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए.


सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पूरे साल का प्रबंधन कैसे हो इसका ख्याल रखकर कार्य योजना बनाई जाए. अप्रैल-मई में ही पूरे साल के लिए हरा चारा, भूसा और चोकर की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि जहां भी गो आश्रय स्थल चल रहे हैं उनका पैसा रिलीज करें. साथ ही निराश्रित गोवंश को पालने वाले पशुपालकों का भी पैसा रिलीज करें. सीएम योगी ने कहा कि भारतीय नस्ल की गोवंश को सफाई और चारागाह की जगह चाहिए होती है, अगर उन्हें यह नहीं मिलेगा तो वह बीमार पड़ जाएंगी, जो भी गोशालाएं बनाई जाएं उनमें इस बात का विशेष ध्यान में रखा जाए.


सीएम योगी ने कहा कि ठंड और भूख से किसी गोवंश की मौत नहीं होनी चाहिए, इसका विशेष ध्यान रखें. सीएम योगी ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने और बेसहारा मवेशियों के नियंत्रण के लिए नस्ल सुधार योजना में तेजी लाएं. इस योजना के तहत पशुपालक सरकारी पशु अस्पतालों में कृत्रिम गर्भाधान करवा मवेशियों की नस्ल को सुधार सकते हैं. इससे दुग्ध का उत्पादन तो बढ़ेगा साथ ही मवेशियों की नई नस्ल भी तैयार हो जाएगी, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा की संख्या में बुनकर पॉवरलूम से जुड़े हुए हैं. यही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है. हमें इस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा कि बिजली चोरी को रोकते हुए प्रदेश के बुनकरों को बिजली के बिल में आवश्यक सब्सिडी दी जाए. सीएम योगी ने कहा कि पावर काॅरपोरेशन इसको लेकर व्यवस्था बनाए. सीएम योगी ने बुधवार को एमएसएमई बुनकर योजना के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया. इस दौरान बिजली की खपत और उस पर दी जाने वाली सब्सिडी को लेकर सीएम ने अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनकरी व्यवसाय से जुड़े प्रदेश के बड़े सेंटर जैसे अम्बेडकर नगर, वाराणसी, मऊ, गोरखपुर, मेरठ आदि जिलों के सम्भ्रांत बुनकर व्यवसायियों से बात करें और उनकी राय लें.

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