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सीएम योगी ने नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की, प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले यह होगा बड़ा काम - CM said

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नमामि गंगे परियोजना की बैठक करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए हैं. वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ को लेकर उन्होंने अफसरों से पूरी प्रगति रिपोर्ट मांगी है.

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Published : Dec 21, 2022, 3:19 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नमामि गंगे परियोजना की बैठक करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ को लेकर भी उन्होंने अफसरों से पूरी प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मां गंगा, उत्तर प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार हैं. गंगाजी के बहाव के सर्वाधिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हैं. यह हमारी आस्था का केंद्र बिंदु हैं तो अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी हैं. गंगा व सहायक नदियों को अविरल-निर्मल बनाने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जारी 'नमामि गंगे परियोजना' के अत्यंत संतोषप्रद परिणाम देखने को मिले हैं. गंगा व सहायक नदियों की स्वच्छता के इस अभियान में केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों में जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है. आज गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है तो तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है. नमामि गंगे परियोजना गंगाजी के साथ साथ सहायक नदियों के लिए भी है.

सीएम ने कहा (CM said) कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुआ है. कानपुर के जाजमऊ और सीसामऊ में गंगा में गंदे पानी को गिरने से रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किया गया है. अब यहां सेल्फी प्वाॅइंट बन गया है. प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रारंभ होने से पहले तक मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा. नदियों को सीवरेज के गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एसटीपी लगााने की कार्यवाही में तेजी की जाएगी. मां गंगा अनादिकाल से हमारी आस्था का केंद्र रही हैं. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अब यह आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का अवलंब भी बन रही हैं. 'अर्थ गंगा' अभियान का सर्वाधिक लाभ उन करोड़ों लोगों को होगा जिनकी आजीविका गंगा पर ही निर्भर है. अर्थ गंगा से सकल घरेलू उत्पाद में 3% का योगदान होने के लक्ष्य के साथ हमें ठोस प्रयास करना होगा. विशेषज्ञों की सहायता से इसे एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएं.


किसानों की आय बढ़ाने और विषमुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गंगा के दोनों तटों पर 05-05 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. प्रदेश में 27 जनपद गंगा से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड के 07 जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. वर्तमान में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है. इस बार यहां उत्पादन अच्छा हुआ है. जीरो बजट वाली इस खेती के अच्छे परिणामों के तुलनात्मक रिपोर्ट के साथ किसानों को जागरूक किया जाए. राज्य स्तरीय प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन भी किया गया है. प्राकृतिक खेती के अभियान से अधिकाधिक किसानों को जोड़ा जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा (CM said) कि अब तक प्रदेश में 66,180 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती तहत लाया गया है. एक लाख से अधिक किसान जैविक खेती से लाभान्वित हो रहे हैं. सभी किसानों को भारत सरकार के जैविक खेती पोर्टल से जोड़ा जाए. जैविक उत्पादों की पहचान करने और गुणवत्ता सुनिश्चित के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए. इसी प्रकार सभी कृषि मंडियों में जैविक उत्पाद के आउटलेट भी स्थापित किए जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वर्ष 2019 में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक कानपुर में सम्पन्न हुई थी. अब आगामी 30 दिसम्बर को द्वितीय राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक प्रस्तावित है. जिसे देखते हुए आवश्यक तैयारी समय से पूरी कर ली जाए. बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें : सोनभद्र में मालगाड़ी पटरी से उतरी, बड़ा हादसा होने से टला

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को नमामि गंगे परियोजना की बैठक करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. वर्ष 2025 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ को लेकर भी उन्होंने अफसरों से पूरी प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मां गंगा, उत्तर प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार हैं. गंगाजी के बहाव के सर्वाधिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हैं. यह हमारी आस्था का केंद्र बिंदु हैं तो अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी हैं. गंगा व सहायक नदियों को अविरल-निर्मल बनाने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जारी 'नमामि गंगे परियोजना' के अत्यंत संतोषप्रद परिणाम देखने को मिले हैं. गंगा व सहायक नदियों की स्वच्छता के इस अभियान में केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों में जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है. आज गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है तो तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है. नमामि गंगे परियोजना गंगाजी के साथ साथ सहायक नदियों के लिए भी है.

सीएम ने कहा (CM said) कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुआ है. कानपुर के जाजमऊ और सीसामऊ में गंगा में गंदे पानी को गिरने से रोकने के लिए प्रभावी प्रयास किया गया है. अब यहां सेल्फी प्वाॅइंट बन गया है. प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रारंभ होने से पहले तक मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा. नदियों को सीवरेज के गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एसटीपी लगााने की कार्यवाही में तेजी की जाएगी. मां गंगा अनादिकाल से हमारी आस्था का केंद्र रही हैं. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अब यह आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का अवलंब भी बन रही हैं. 'अर्थ गंगा' अभियान का सर्वाधिक लाभ उन करोड़ों लोगों को होगा जिनकी आजीविका गंगा पर ही निर्भर है. अर्थ गंगा से सकल घरेलू उत्पाद में 3% का योगदान होने के लक्ष्य के साथ हमें ठोस प्रयास करना होगा. विशेषज्ञों की सहायता से इसे एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किए जाएं.


किसानों की आय बढ़ाने और विषमुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गंगा के दोनों तटों पर 05-05 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं. प्रदेश में 27 जनपद गंगा से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड के 07 जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. वर्तमान में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है. इस बार यहां उत्पादन अच्छा हुआ है. जीरो बजट वाली इस खेती के अच्छे परिणामों के तुलनात्मक रिपोर्ट के साथ किसानों को जागरूक किया जाए. राज्य स्तरीय प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन भी किया गया है. प्राकृतिक खेती के अभियान से अधिकाधिक किसानों को जोड़ा जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा (CM said) कि अब तक प्रदेश में 66,180 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती तहत लाया गया है. एक लाख से अधिक किसान जैविक खेती से लाभान्वित हो रहे हैं. सभी किसानों को भारत सरकार के जैविक खेती पोर्टल से जोड़ा जाए. जैविक उत्पादों की पहचान करने और गुणवत्ता सुनिश्चित के लिए सभी मंडल मुख्यालयों पर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए. इसी प्रकार सभी कृषि मंडियों में जैविक उत्पाद के आउटलेट भी स्थापित किए जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वर्ष 2019 में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक कानपुर में सम्पन्न हुई थी. अब आगामी 30 दिसम्बर को द्वितीय राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक प्रस्तावित है. जिसे देखते हुए आवश्यक तैयारी समय से पूरी कर ली जाए. बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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