लखनऊ: कोरोना की इस त्रासदी के बीच प्रदेश की नदियों में उतराते शवों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हाल में नदियों में शवों को न बहाया जाए. इसे रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर जागरूकता फैलाई जाए और जरूरत पड़े तो स्थानीय स्तर पर जुर्माना भी लगाया जाए.
नदियों में लगेगी एसडीआरएफ और पीएसी की टीम
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में नदियों में कुछ स्थानों पर शव बरामद होने के संबंध में मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को निर्देश दिया है कि राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) तथा पीएसी की जल पुलिस को प्रदेश की सभी नदियों में पेट्रोलिंग के लिए लगाया जाए. ये फोर्स नावों के सहारे पूरे प्रदेश की नदियों में भ्रमण करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी परम्परा के नाम पर नदियों में शव ना बहाए.
इसे भी पढ़ें : खौफनाक मंजर : कानपुर में बारिश से हटी रेत तो दिखने लगी लाशें ही लाशें
गांव और शहर में समिति बनाकर किया जाए प्रयास
सीएम ने यह भी निर्देशित किया है कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थित सभी गांवों तथा शहरों में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान और शहरों में कार्यकारी अधिकारी व नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम के अध्यक्षों के माध्यम से समितियां बनाई जाएं और समितियों के माध्यम से निगरानी के साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाए. सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गांव तथा शहर में से कोई भी व्यक्ति परम्परा के नाम पर नदियों में शव न बहाए.
धार्मिक मान्यताओं के आधार पर हो अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को मृत्यु के बाद सम्मानजनक रूप से अंत्येष्टि का अधिकार है. प्रदेश सरकार ने पहले प्रत्येक नागरिक की दु:खद मृत्यु पर उनके सम्मान पूर्वक अंत्येष्टि के लिए धनराशि स्वीकृत की है. ऐसे में यदि परम्परागत रूप से भी जल-समाधि हो रही है, या कोई शव लावारिस छोड़ा जा रहा है तो भी सम्मानजनक तरीके से मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कराया जाए. किसी भी दशा में किसी को भी धार्मिक परंपराओं के नाम पर नदी में शव न बहाने दिया जाए.
इसे भी
इसे भी पढ़ें : अब वाराणसी की गंगा नदी में उतराते मिले शव
जरूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन लगाए जुर्माना
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि आवश्यक हो तो स्थानीय स्तर पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. नदी में शव अथवा मरे हुए जानवर बहाने से नदी प्रदूषित होती है. प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार नदियों को साफ करने के लिए विशेष कार्यक्रम भी चला रही हैं. सीएम योगी ने इस संबंध में गृह विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम विकास एवं पंचायत विभाग और पर्यावरण विभाग को साथ मिलकर एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं. ताकि पूरे प्रदेश में परंपरा के नाते जो शव बहाए जा रहे हैं, वो किसी भी दशा में न बहाए जाएं.
ज्ञात हो कि प्रदेश के कई जिलों में नदी के किनारे शव उतराते हुए मिले हैं. उन्नाव में तो बड़ी संख्या में शवों को बालू के अंदर गाड़ दिया गया था. बताया जा रहा है कि ये शव कोरोना संक्रमित लोगों के हैं.
इसे भी पढ़ें : यूपी में कोरोना वैक्सीन का वेस्टेज 18 फीसदी घटा