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सीएम योगी ने किया डेटा सेंटर पार्क का शिलान्यास, 6 हजार करोड़ का निवेश

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Published : Nov 30, 2020, 2:54 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को डेटा सेंटर पार्क का वर्चुअल शिलान्यास किया. यह पार्क ग्रेटर नोएडा में स्थापित किया जा रहा है.

डेटा सेंटर पार्क
डेटा सेंटर पार्क

लखनऊः ग्रेटर नोएडा में स्थापित किए जाने वाले उत्तर प्रदेश के पहले डेटा सेंटर पार्क का रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल शिलान्यास किया. मुंबई का हीरानंदानी समूह यह डेटा सेंटर पार्क स्थापित करने जा रहा है. करीब 250 मेगावाॅट क्षमता वाले इस डेटा सेंटर सेंटर पार्क में छह हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है.

दो सालों से प्रयास
सीएम ने कहा कि दो सालों से प्रदेश में डेटा सेंटर की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे थे. इनकी स्थापना के लिए नीति तैयार की जा रही है. इसे 31 दिसंबर 2020 तक लागू कर दिया जाएगा. राज्य सरकार की यह नीति है कि मेगा प्रोजेक्ट स्थापना के लिए मिलने वाले प्रस्तावों पर भूमि का आवंटन 15 दिन के अंदर कर दिया जाए. राज्य सरकार की मेगा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन योजना के अंतर्गत ही हीरानंदानी समूह को 15 दिनों में 20 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जा चुकी है.

छह हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित
दरअसल हीरानंदानी समूह की ओर से स्थापित किए जा रहे 250 मेगावाॅट क्षमता वाले इस डेटा सेंटर पार्क में कुल छह हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है. यह सेंटर 20 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा. बता दें कि प्रथम चरण में एक हजार करोड़ रुपए के निवेश से डेटा सेंटर पार्क की स्थापना की जा रही है, जिसमें 40 मेगावाॅट की क्षमता वाली प्रथम इकाई जून, 2022 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रदेश में निवेश के लिए उच्च वातावरण
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की नीति उद्योगों को बढ़ावा देते हुए उनकी समस्याओं के तत्काल निदान की है. प्रदेश में निवेश के लिए उच्च वातावरण तैयार किया गया है. राज्य सरकार के प्रयासों के चलते आज उत्तर प्रदेश ईज आफ डुइंग बिजनेस में देश में दूसरे स्थान पर है. ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 के ‘बिजनेस रिफाॅर्म एक्शन प्लान’ के तहत भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा निर्धारित 187 सुधारों में से 186 सुधारों को लागू किया है.

उत्तर प्रदेश डेटा सेंटर नीति बनाए जाने का निर्णय
सीएम ने कहा कि डेटा सेंटर की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश डेटा सेंटर नीति बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. इस नीति के तहत तीन डेटा सेंटर पार्क स्थापित किए जाने का लक्ष्य है. डेटा सेंटर की स्थापना से इनके आसपास बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी और इससे जुड़ी इकाइयों की स्थापना होती है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार की सम्भावनाएं होती हैं. कहा उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं. यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान व देश को पांच ट्रिलियन यूएस डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को सफल बनाने की क्षमता है.

एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ की स्थापना
उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा एवं उन्हें सहायता देने के लिए एक समर्पित एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ की स्थापना की गई है. यह एजेंसी निवेशकों को पूर्ण निवेश जीवन चक्र की अवधि में सहायता प्रदान करेगी. नए स्वदेशी व विदेशी निवेश प्रस्तावों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ में एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित की है.

बैंकों से 19,772 करोड़ रुपए का ऋण
मुख्यमंत्री ने कहा कोविड-19 को देखते हुए कई नई नीतियों की घोषणा की गई है. पिछड़े क्षेत्रों में त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के दृष्टिगत आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं. निवेश मित्र पोर्टल निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम है. वैश्विक महामारी के दौरान वित्तीय वर्ष में अब तक प्रदेश की 6.48 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को बैंकों से 19,772 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है. इसी तरह पूर्व स्थापित 4.37 लाख एमएसएमई इकाइयों को बैंकों से 11,061 करोड़ रुपए के ऋण उपलब्ध कराए गए हैं.

10 देशों की कंपनियों के मिले निवेश प्रस्ताव
विश्व के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में राज्य सरकार को 56 से अधिक निवेश आशय मिले हैं. इनमें जापान, यूएसए, यूके, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि लगभग 10 देशों की कंपनियों के लगभग 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं. इन प्रस्तावों में हीरानन्दानी गुप द्वारा डाटा सेंटर में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक, ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) (यूके) द्वारा खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में 750 करोड़ रुपए निवेश शामिल है. इसी तरह डिक्सन टेक्नोलॉजीज द्वारा कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़ रुपए, वाॅन वेलेक्स (जर्मनी) द्वारा फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ रुपए, सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्रालि द्वारा पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज फिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट में 953 करोड़ रुपए, मैक सॉफ्टवेयर (यूएस) द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में 200 करोड़ रुपए, एकैग्रेटा इंक (कनाडा) द्वारा खाद्यान्न अवस्थापना उपकरणों में 746 करोड़ रुपए, एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में 750 करोड़ रुपए, याजाकी (जापान) द्वारा वायरिंग हारनेस तथा कम्पोनेट्स में 2000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल हैं.

यह होगा लाभ
डेटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है. इसके जरिये बड़ी मात्रा में डेटा भंडारण, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है. यूपी में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं. इन उपयोगकर्ताओं से जुड़ा डेटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल होता है. इसके अलावा बैंकिंग, खुदरा व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन और आधार कार्ड आदि का डेटा भी अहम है.

50 हजार करोड़ निवेश का मिल चुका प्रस्ताव
प्रदेश में स्थापित किए जा रहे डिफेंस काॅरिडोर के तहत राज्य सरकार को अब तक 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं. सीएम ने कहा प्रदेश के सभी जनपदों के परम्परागत एवं विशिष्ट उत्पाद के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए वर्ष-2018 में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा विपणन सहायता, तकनीकी और कौशल उन्नयन सहायता, प्रशिक्षण और आसान ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.



लखनऊः ग्रेटर नोएडा में स्थापित किए जाने वाले उत्तर प्रदेश के पहले डेटा सेंटर पार्क का रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल शिलान्यास किया. मुंबई का हीरानंदानी समूह यह डेटा सेंटर पार्क स्थापित करने जा रहा है. करीब 250 मेगावाॅट क्षमता वाले इस डेटा सेंटर सेंटर पार्क में छह हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है.

दो सालों से प्रयास
सीएम ने कहा कि दो सालों से प्रदेश में डेटा सेंटर की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे थे. इनकी स्थापना के लिए नीति तैयार की जा रही है. इसे 31 दिसंबर 2020 तक लागू कर दिया जाएगा. राज्य सरकार की यह नीति है कि मेगा प्रोजेक्ट स्थापना के लिए मिलने वाले प्रस्तावों पर भूमि का आवंटन 15 दिन के अंदर कर दिया जाए. राज्य सरकार की मेगा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन योजना के अंतर्गत ही हीरानंदानी समूह को 15 दिनों में 20 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जा चुकी है.

छह हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित
दरअसल हीरानंदानी समूह की ओर से स्थापित किए जा रहे 250 मेगावाॅट क्षमता वाले इस डेटा सेंटर पार्क में कुल छह हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है. यह सेंटर 20 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा. बता दें कि प्रथम चरण में एक हजार करोड़ रुपए के निवेश से डेटा सेंटर पार्क की स्थापना की जा रही है, जिसमें 40 मेगावाॅट की क्षमता वाली प्रथम इकाई जून, 2022 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रदेश में निवेश के लिए उच्च वातावरण
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की नीति उद्योगों को बढ़ावा देते हुए उनकी समस्याओं के तत्काल निदान की है. प्रदेश में निवेश के लिए उच्च वातावरण तैयार किया गया है. राज्य सरकार के प्रयासों के चलते आज उत्तर प्रदेश ईज आफ डुइंग बिजनेस में देश में दूसरे स्थान पर है. ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 के ‘बिजनेस रिफाॅर्म एक्शन प्लान’ के तहत भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा निर्धारित 187 सुधारों में से 186 सुधारों को लागू किया है.

उत्तर प्रदेश डेटा सेंटर नीति बनाए जाने का निर्णय
सीएम ने कहा कि डेटा सेंटर की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश डेटा सेंटर नीति बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. इस नीति के तहत तीन डेटा सेंटर पार्क स्थापित किए जाने का लक्ष्य है. डेटा सेंटर की स्थापना से इनके आसपास बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी और इससे जुड़ी इकाइयों की स्थापना होती है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार की सम्भावनाएं होती हैं. कहा उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं. यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान व देश को पांच ट्रिलियन यूएस डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को सफल बनाने की क्षमता है.

एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ की स्थापना
उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा एवं उन्हें सहायता देने के लिए एक समर्पित एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ की स्थापना की गई है. यह एजेंसी निवेशकों को पूर्ण निवेश जीवन चक्र की अवधि में सहायता प्रदान करेगी. नए स्वदेशी व विदेशी निवेश प्रस्तावों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने ‘इन्वेस्ट यूपी’ में एक समर्पित हेल्प डेस्क स्थापित की है.

बैंकों से 19,772 करोड़ रुपए का ऋण
मुख्यमंत्री ने कहा कोविड-19 को देखते हुए कई नई नीतियों की घोषणा की गई है. पिछड़े क्षेत्रों में त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के दृष्टिगत आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं. निवेश मित्र पोर्टल निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम है. वैश्विक महामारी के दौरान वित्तीय वर्ष में अब तक प्रदेश की 6.48 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को बैंकों से 19,772 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है. इसी तरह पूर्व स्थापित 4.37 लाख एमएसएमई इकाइयों को बैंकों से 11,061 करोड़ रुपए के ऋण उपलब्ध कराए गए हैं.

10 देशों की कंपनियों के मिले निवेश प्रस्ताव
विश्व के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में राज्य सरकार को 56 से अधिक निवेश आशय मिले हैं. इनमें जापान, यूएसए, यूके, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि लगभग 10 देशों की कंपनियों के लगभग 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं. इन प्रस्तावों में हीरानन्दानी गुप द्वारा डाटा सेंटर में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक, ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपए, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) (यूके) द्वारा खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में 750 करोड़ रुपए निवेश शामिल है. इसी तरह डिक्सन टेक्नोलॉजीज द्वारा कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़ रुपए, वाॅन वेलेक्स (जर्मनी) द्वारा फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ रुपए, सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्रालि द्वारा पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज फिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट में 953 करोड़ रुपए, मैक सॉफ्टवेयर (यूएस) द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में 200 करोड़ रुपए, एकैग्रेटा इंक (कनाडा) द्वारा खाद्यान्न अवस्थापना उपकरणों में 746 करोड़ रुपए, एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में 750 करोड़ रुपए, याजाकी (जापान) द्वारा वायरिंग हारनेस तथा कम्पोनेट्स में 2000 करोड़ रुपए का निवेश शामिल हैं.

यह होगा लाभ
डेटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है. इसके जरिये बड़ी मात्रा में डेटा भंडारण, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है. यूपी में सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं. इन उपयोगकर्ताओं से जुड़ा डेटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल होता है. इसके अलावा बैंकिंग, खुदरा व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन और आधार कार्ड आदि का डेटा भी अहम है.

50 हजार करोड़ निवेश का मिल चुका प्रस्ताव
प्रदेश में स्थापित किए जा रहे डिफेंस काॅरिडोर के तहत राज्य सरकार को अब तक 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं. सीएम ने कहा प्रदेश के सभी जनपदों के परम्परागत एवं विशिष्ट उत्पाद के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए वर्ष-2018 में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की शुरुआत की गई. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा विपणन सहायता, तकनीकी और कौशल उन्नयन सहायता, प्रशिक्षण और आसान ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.



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