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यूपी सरकार ने रसोइयों और अनुदेशकों को दिया बड़ा तोहफा, जानिए मुख्यमंत्री ने क्या किया ऐलान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों और अनुदेशकों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के अनुदेशकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ने की घोषणा की है. वहीं, रसोइयों को साल में दो साड़ी दी जाएगी और मानदेय 500 रुपये बढ़ेगा.

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Published : Dec 29, 2021, 2:08 PM IST

सीएम योगी.
सीएम योगी.

लखनऊ : मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में हुए अनुदेशकों और रसोईयों के सम्मलेन में कई घोषणाएं की. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को अनुदेशकों और रसोइयों की नौकरी को सुरक्षित करने के संबंध में निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने मानदेय बढ़ाने के साथ ही रसोइयों को 50,0,000 का बीमा देने की भी घोषणा की. कहा कि विभाग मुख्यमंत्री आरोग्य योजना या प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत इन्हें यह लाभ दिलाएं. कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों और अनुदेशकों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के अनुदेशकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ने की घोषणा की है. वहीं, रसोइयों को साल में दो साड़ी दी जाएगी और मानदेय 500 रुपये बढ़ेगा.

सीएम योगी.

स्कूलों की सुधरी तस्वीर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में आई भाजपा सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तस्वीर को बदल दिया है. कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों को भाजपा सरकार ने बेहतर ढंग से संभाला. भाजपा सरकार में बेसिक शिक्षा विभाग में जो परिवर्तन हुए हैं, उससे सरकारी स्कूलों को लेकर लोगों की धारणा तक बदली है. 2017 में भाजपा सरकार जब सत्ता में आई तब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही थी.

योगी ने कहा कि अब यह तस्वीर बदलने लगी है. चाहे स्कूल चलो अभियान हो या कायाकल्प योजना इन सब की मदद से एक और जहां स्कूलों की तस्वीर बेहतर हुई, वहीं बच्चे भी इस ओर आकर्षित हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सब टीम वर्क का नतीजा है. सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग अपने-अपने स्तर पर मदद देकर स्कूलों की कायाकल्प करने में सहयोग किया है. इसके पीछे शिक्षकों अनुदेशकों रसोइयों का भी अपना अपना योगदान रहा है.

इसे भी पढ़ें- Kanpur Raid : पीयूष जैन के बाद मयूर वनस्पति घी के ठिकानों पर छापेमारी, पूछताछ जारी

उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के प्रयासों से 1,30,000 से ज्यादा स्कूलों का कायाकल्प हो चुका है. अलग-अलग क्रियाओं के माध्यम से एक लाख से ज्यादा सहायक अध्यापकों की नियुक्ति स्कूलों में की गई है. बच्चों की पढ़ाई के लिए यूनिफॉर्म कपड़े जूते को खरीदने के लिए 11-11 सौ रुपये अभिभावकों के खातों में भेजे गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक नसीहत दी. उन्होंने कहा कि वह बेसिक शिक्षा परीषद का हर प्रशासनिक अधिकारी एक एक स्कूल को गोद लेगा.

लखनऊ : मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में हुए अनुदेशकों और रसोईयों के सम्मलेन में कई घोषणाएं की. उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को अनुदेशकों और रसोइयों की नौकरी को सुरक्षित करने के संबंध में निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने मानदेय बढ़ाने के साथ ही रसोइयों को 50,0,000 का बीमा देने की भी घोषणा की. कहा कि विभाग मुख्यमंत्री आरोग्य योजना या प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत इन्हें यह लाभ दिलाएं. कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले स्कूलों में काम करने वाले रसोइयों और अनुदेशकों को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के अनुदेशकों का मानदेय 2000 रुपये बढ़ने की घोषणा की है. वहीं, रसोइयों को साल में दो साड़ी दी जाएगी और मानदेय 500 रुपये बढ़ेगा.

सीएम योगी.

स्कूलों की सुधरी तस्वीर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में आई भाजपा सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तस्वीर को बदल दिया है. कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों को भाजपा सरकार ने बेहतर ढंग से संभाला. भाजपा सरकार में बेसिक शिक्षा विभाग में जो परिवर्तन हुए हैं, उससे सरकारी स्कूलों को लेकर लोगों की धारणा तक बदली है. 2017 में भाजपा सरकार जब सत्ता में आई तब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही थी.

योगी ने कहा कि अब यह तस्वीर बदलने लगी है. चाहे स्कूल चलो अभियान हो या कायाकल्प योजना इन सब की मदद से एक और जहां स्कूलों की तस्वीर बेहतर हुई, वहीं बच्चे भी इस ओर आकर्षित हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सब टीम वर्क का नतीजा है. सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग अपने-अपने स्तर पर मदद देकर स्कूलों की कायाकल्प करने में सहयोग किया है. इसके पीछे शिक्षकों अनुदेशकों रसोइयों का भी अपना अपना योगदान रहा है.

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उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के प्रयासों से 1,30,000 से ज्यादा स्कूलों का कायाकल्प हो चुका है. अलग-अलग क्रियाओं के माध्यम से एक लाख से ज्यादा सहायक अध्यापकों की नियुक्ति स्कूलों में की गई है. बच्चों की पढ़ाई के लिए यूनिफॉर्म कपड़े जूते को खरीदने के लिए 11-11 सौ रुपये अभिभावकों के खातों में भेजे गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को एक नसीहत दी. उन्होंने कहा कि वह बेसिक शिक्षा परीषद का हर प्रशासनिक अधिकारी एक एक स्कूल को गोद लेगा.

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