लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री योगी ने उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ 11 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने शासन को प्रदेश में 25 लाख लंबित वादों के निस्तारण का लक्ष्य दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश में वादों का निस्तारण पिछली राष्ट्रीय लोक अदालत की तुलना में दोगुने से भी अधिक किया जाए. सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक अपने जनपद के जिला जज के साथ मिलकर अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराएं. साथ ही आम जन मानस के वादों के निस्तारण कराने के लिए जिले स्तर पर मॉनिटरिंग सेल का गठन कर प्राथमिकता से कार्रवाई सुनिश्चित कराएं.
उन्होंने कहा कि जिले स्तर पर मानीटरिंग कमेटी गठित कर लोक अदालत में समझौते के आधार पर निपटाए जाने योग्य मामलों, वादों, अपीलों को चिन्हित कर निस्तारित कराया जाए. साथ ही वादकारियों को आदेशिकाओं एवं समन की तामील अवश्य कराई जाए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रस्तुत विभिन्न प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में निस्तारित कराने के निर्देश दिए हैं.
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उन्होंने कहा, कोविड तथा ट्रैफिक से संबन्धित वादों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए. राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को लेकर अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने योजना भवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के जिलाधिकारी, चारों पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस महानिदेशक यातायात को कई दिशा निर्देश दिए हैं. बता दें कि, पिछली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश में 12 लाख से अधिक वादों का निस्तारण कराया गया था. इस बार 25 लाख वादों के निस्तारण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.