लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक करके कोविड-19 व्यवस्था की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने मौजूदा परिस्थितियों से लड़ने, भविष्य के लिए तैयारी रखने और दवाओं की कालाबाजारी रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने डीआरडीओ द्वारा तैयार की गई एंटी कोरोना दवा 2-डीजी मंगाने के लिए भी जरूरी कदम उठाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. योगी ने कहा कि सतत प्रयासों से ही आज यूपी में रिकवरी दर 90.6 फीसदी पहुंच गई है.
पोस्ट कोविड वार्ड किए जाएं तैयार
सीएम योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके कुछ लोगों को अभी भी चिकित्सकीय निगरानी की आवश्यकता पड़ रही है. ऐसे में कोविड उपचार के साथ-साथ पोस्ट कोविड मेडिकल समस्याओं के इलाज के लिए व्यवस्था आवश्यक है. उन्होंने कहा कि सभी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 'पोस्ट कोविड वार्ड' तैयार किया जाए, यहां हर बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था हो. इन मरीजों के चिकित्सकीय उपचार के साथ-साथ भोजन के लिए भी समुचित प्रबन्ध किए जाएं.
मुख्य सचिव करें ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की समीक्षा
सीएम ने कहा कि निजी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के संबंध में नीति जारी कर दी गई है. इच्छुक संस्थाओं को सरकार की ओर से सभी जरूरी प्रोत्साहन दिए जाएंगे. पीएम केयर्स, राज्य सरकार तथा सीएसआर के माध्यम से स्थापित हो रहे ऑक्सीजन प्लांट को यथाशीघ्र प्रारम्भ किया जाए. मुख्य सचिव स्तर से इसकी दैनिक समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए. इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाए. उन्होंने कहा कि मांगपत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को भी ध्यान रखा जाए.
लोकबंधु हॉस्पिटल बनेगा मदर एंड चाइल्ड कोविड केयर सेंटर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा. सभी मेडिकल काॅलेजों में 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) वाॅर्ड तैयार किया जाए. महिलाओं और बच्चों की सुविधा के देखते हुए लखनऊ के लोकबंधु हॉस्पिटल को मदर एंड चाइल्ड कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार कराया जाए. उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग को बीआरडी मेडिकल काॅलेज एवं केजीएमयू तथा स्वास्थ्य विभाग को इन्सेफ्लाइटिस से प्रभावित जिलों में पीकू की स्थापना का अनुभव है. इस अनुभव का लाभ लेते हुए सभी जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल काॅलेजों के पीडियाट्रिशियन, टेक्नीशियन्स, पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण कराया जाए. आशा वर्कर और आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों की भी चरणबद्ध ट्रेनिंग कराई जाए.
गांव में टीकाकरण पर सरकार का जोर
ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन के कार्य में काॅमन सर्विस सेंटर का व्यापक उपयोग किया जाना है. निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित और अन्य जरूरतमन्द लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए सीएससी पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है. काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पंजीयन कराने वाले पात्र श्रेणी के लोगों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा. इस सन्दर्भ में आवश्यक आदेश जारी कर दिए जाएं. ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग और आईटी एवं इलेक्ट्राॅनिक्स विभाग काॅमन सर्विस सेंटर को प्रभावी ढंग से एक्टिवेट करें.
यूपी में रिकवरी दर 90.6 प्रतिशत
सीएम योगी ने कहा कि सतत प्रयासों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीव्रता, मंद हो रही है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर अब 90.6 प्रतिशत हो गई है. विगत 24 घंटो में राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 8,727 मामले आए हैं. यह संख्या 24 अप्रैल को आए 38 हजार 055 मामलों से लगभग 29 हजार कम है. पिछले 24 घंटों में 21 हजार 108 संक्रमित लोग डिस्चार्ज हुए हैं. वर्तमान में राज्य में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1 लाख 36 हजार 342 है. 30 अप्रैल को यह संख्या 3 लाख 10 हजार 783 थी. इस प्रकार 30 अप्रैल के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम एक्टिव मामलों की संख्या में 56 फीसदी की कमी आई है. सीएम ने कहा कि 17 मई को 4.5 करोड़ कोविड टेस्ट की सीमा को भी पार कर लिया गया है, यह किसी भी प्रदेश में हुआ सर्वाधिक टेस्ट है.
दवा की कालाबाजारी में शामिल मेडिकल स्टाफ की डिग्री होगी निलंबित
सीएम ने कहा कि आपदाकाल में कतिपय निजी अस्पतालों द्वारा कोविड संक्रमित मरीजों से ओवरचार्जिंग की शिकायत प्राप्त हो रही है. यह व्यवस्था का उल्लंघन तो है ही साथ ही मानवता के विरुद्ध भी है. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में ऐसी गतिविधियों पर सतत दृष्टि रखी जाए. शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेते हुए इनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए. रेमडिसिविर सहित किसी भी जीवनरक्षक दवा की कालाबाजारी में संलिप्त लोगों के खिलाफ एनएसए जैसे कठोर कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए. यदि इन गतिविधियों में किसी मेडिकल या पैरामेडिकल स्टाफ की संलिप्तता हो तो उनकी प्रोफेशनल डिग्री को निलंबित भी किया जाना चाहिए.
मृत्यु प्रमाण पत्र में न हो परेशानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों के निधन के उपरांत उनके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई न हो. यदि मृत्यु कोविड संक्रमण से हुई है तो मृत्यु प्रमाण पत्र पर स्पष्ट उल्लेख किया जाए. इस संबंध में आवश्यकतानुसार शासनादेश भी जारी कर दिया जाए.
इसे भी पढ़ें- यूपी में मंगलवार सुबह कोरोना के 5124 नए मरीज, 86 की मौत