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लखनऊ: हिंदुस्तानी एकेडमी के 10 साहित्यकार सम्मानित, अनुज प्रताप सिंह को मिला गुरु गोरक्षनाथ सम्मान

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिंदुस्तानी एकेडमी साहित्य लेखन के लिए 22 साल बाद आयोजित हुआ समारोह. इसमें योगी आदित्यनाथ ने सभी 10 साहित्यकारों को सम्मानित करते हुए पुरस्कार दिया.

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Published : Aug 4, 2019, 8:12 PM IST

योगी आदित्यनाथ ने सभी साहित्यकारों को सम्मानित कर पुरस्कार दिया.

लखनऊ: हिंदुस्तानी एकेडमी साहित्य लेखन के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार 22 साल बाद उत्तर प्रदेश के 10 बड़े साहित्यकारों को दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाथ साहित्य के लेखक अनुज प्रताप सिंह को गुरु गोरक्षनाथ सम्मान से सम्मानित किया.

सीएम योगी ने साहित्यकारों को सम्मानित कर दिया पुरस्कार.

साहित्यकारों के सम्मान में बोले योगी आदित्यनाथ-

  • उत्तर प्रदेश में 22 साल बाद दिया गया साहित्यकारों को हिंदुस्तानी एकेडमी साहित्य लेखन के लिए पुरस्कार.
  • योगी आदित्यनाथ ने साहित्यकारों के सम्मान पर कहा कि साहित्य ही समाज का निर्माण करता है.
  • जब सदियों तक देश दासता की जंजीरों में जकड़ा रहा, तो भक्तिकाल के कवियों ने सनातन धर्म की रक्षा साहित्य के माध्यम से की थी.
  • कवियों ने उस समय जो भी बीज रोपा वही आगे चलकर आजादी का वृक्ष बना.
  • उन कवियों ने भारतीय समाज को एकजुट होकर अपने सम्मान और स्वतंत्रता के लिए लड़ना सिखाया.
  • साहित्यकारों ने लोक भाषाओं में रचना कर भारतीय जनमानस को अपने जीवन मूल्यों को सहेजना सिखाया.
  • नाथ साहित्य से जुड़ी पुस्तक 'गोरख वाणी,' के लिए डॉक्टर पीतांबर दत्त बड़थ्वाल को पहली पीएचडी मिली.

पढ़ें-खिलाड़ियों की माताओं को वीर जीजामाता पुरस्कार, UP के खेल मंत्री ने किया सम्मानित

सम्मानित होने वाले साहित्यकारों के नाम और सम्मान राशि-

  • गुरु गोरक्षनाथ सम्मान 500000 नगद डॉ. अनुज प्रताप सिंह सोनभद्र.
  • गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (दो लाख पचास हजार रुपया) डॉक्टर सभापति मिश्र प्रयागराज.
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान (दो लाख रुपया) डॉक्टर रामबोध पांडे प्रतापगढ़.
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान (दो लाख रुपया) डॉक्टर योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रयागराज.
  • महादेवी वर्मा सम्मान (एक लाख रुपया) डॉक्टर सरोज सिंह, प्रयागराज.
  • फिराक गोरखपुरी सम्मान (एक लाख रुपया) शैलेंद्र मधुर, प्रयागराज.
  • भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान (एक लाख रुपया) बृज मोहन प्रसाद अनाड़ी, बलिया.
  • बना दास अवधी सम्मान (एक लाख रुपया) डॉक्टर आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप, सुल्तानपुर.
  • कुंभन दास ब्रज भाषा सम्मान (एक लाख रुपया) डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी, सुल्तानपुर.
  • हिंदुस्तानी एकेडेमी युवा लेखन सम्मान (11000 रुपया )विश्व भूषण मिश्रा, फैजाबाद.

1927 में एकेडमी की शुरुआत हुई थी. लोक भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए अकैडमी लगातार काम कर रही है, लेकिन पिछले 22 साल से सम्मान समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संरक्षण मिलने के बाद इस साल नई शुरुआत की जा रही है.
-हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह

लखनऊ: हिंदुस्तानी एकेडमी साहित्य लेखन के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार 22 साल बाद उत्तर प्रदेश के 10 बड़े साहित्यकारों को दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाथ साहित्य के लेखक अनुज प्रताप सिंह को गुरु गोरक्षनाथ सम्मान से सम्मानित किया.

सीएम योगी ने साहित्यकारों को सम्मानित कर दिया पुरस्कार.

साहित्यकारों के सम्मान में बोले योगी आदित्यनाथ-

  • उत्तर प्रदेश में 22 साल बाद दिया गया साहित्यकारों को हिंदुस्तानी एकेडमी साहित्य लेखन के लिए पुरस्कार.
  • योगी आदित्यनाथ ने साहित्यकारों के सम्मान पर कहा कि साहित्य ही समाज का निर्माण करता है.
  • जब सदियों तक देश दासता की जंजीरों में जकड़ा रहा, तो भक्तिकाल के कवियों ने सनातन धर्म की रक्षा साहित्य के माध्यम से की थी.
  • कवियों ने उस समय जो भी बीज रोपा वही आगे चलकर आजादी का वृक्ष बना.
  • उन कवियों ने भारतीय समाज को एकजुट होकर अपने सम्मान और स्वतंत्रता के लिए लड़ना सिखाया.
  • साहित्यकारों ने लोक भाषाओं में रचना कर भारतीय जनमानस को अपने जीवन मूल्यों को सहेजना सिखाया.
  • नाथ साहित्य से जुड़ी पुस्तक 'गोरख वाणी,' के लिए डॉक्टर पीतांबर दत्त बड़थ्वाल को पहली पीएचडी मिली.

पढ़ें-खिलाड़ियों की माताओं को वीर जीजामाता पुरस्कार, UP के खेल मंत्री ने किया सम्मानित

सम्मानित होने वाले साहित्यकारों के नाम और सम्मान राशि-

  • गुरु गोरक्षनाथ सम्मान 500000 नगद डॉ. अनुज प्रताप सिंह सोनभद्र.
  • गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (दो लाख पचास हजार रुपया) डॉक्टर सभापति मिश्र प्रयागराज.
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान (दो लाख रुपया) डॉक्टर रामबोध पांडे प्रतापगढ़.
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान (दो लाख रुपया) डॉक्टर योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रयागराज.
  • महादेवी वर्मा सम्मान (एक लाख रुपया) डॉक्टर सरोज सिंह, प्रयागराज.
  • फिराक गोरखपुरी सम्मान (एक लाख रुपया) शैलेंद्र मधुर, प्रयागराज.
  • भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान (एक लाख रुपया) बृज मोहन प्रसाद अनाड़ी, बलिया.
  • बना दास अवधी सम्मान (एक लाख रुपया) डॉक्टर आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप, सुल्तानपुर.
  • कुंभन दास ब्रज भाषा सम्मान (एक लाख रुपया) डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी, सुल्तानपुर.
  • हिंदुस्तानी एकेडेमी युवा लेखन सम्मान (11000 रुपया )विश्व भूषण मिश्रा, फैजाबाद.

1927 में एकेडमी की शुरुआत हुई थी. लोक भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए अकैडमी लगातार काम कर रही है, लेकिन पिछले 22 साल से सम्मान समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संरक्षण मिलने के बाद इस साल नई शुरुआत की जा रही है.
-हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह

Intro:लखनऊ. हिंदुस्तानी एकेडमी का साहित्य लेखन के लिए दिया जाने वाला पुरस्कार 22 साल बाद उत्तर प्रदेश के 10 बड़े साहित्यकारों को दिया गया गुरु गोरक्षनाथ सम्मान नाथ साहित्य के लेखक अनुज प्रताप सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदान किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर गोस्वामी तुलसीदास में लोक भाषा में रामचरितमानस के सुनाना की होती है तो गांव -गांव रामलीलाओं का आयोजन न होता है


Body:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साहित्यकारों के सम्मान मौके पर कहा कि साहित्य ही समाज का निर्माण करता है देश जब सदियों तक दास्तां की जंजीरों में जकड़ा रहा तो भक्तिकाल के कवियों ने सनातन धर्म की रक्षा साहित्य के माध्यम से की . उन्होंने संस्कृति और सम्मान का जो बीज रोपा वही आगे चलकर आजादी का वृक्ष बना। उन्होंने भारतीय समाज को एकजुट होकर अपने सम्मान और स्वतंत्रता के लिए लड़ना सिखाया. साहित्यकारों ने लोक भाषाओं में रचना कर भारतीय जनमानस को अपनी जीवन मूल्य को सहेजना सिखाया। नाथ साहित्य की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा हिंदी की पहली पीएचडी डॉक्टर पीतांबर दत्त बड़थ्वाल को नाथ साहित्य से जुड़ी उनकी पुस्तक 'गोरख वाणी,' के लिए मिली. नाथ साहित्य देश के सभी हिस्सों में पहुंचा और इसमें सामान्य जन के लिए मार्गदर्शन की भावना सदैव विद्यमान रही. उन्होंने कहा कि जो अल्पकालिक उद्देश्य और संकीर्ण भाव से रचा जाता है वह साहित्य कभी शाश्वत नहीं बन पाता.

स्पीच/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ


Conclusion:हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने बताया की 1927 में एकेडमी की शुरुआत हुई थी ।लोक भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए अकैडमी लगातार काम कर रही है लेकिन पिछले 22 साल से सम्मान समारोह का आयोजन नहीं किया जा सका। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संरक्षण मिलने के बाद इस साल की नई शुरुआत की जा रही है।

सम्मानित होने वाले साहित्यकारों के नाम और सम्मान राशि

गुरु गोरक्षनाथ सम्मान 500000 नगद डॉ अनुज प्रताप सिंह सोनभद्र

गोस्वामी तुलसीदास सम्मान दो लाख पचास हजार डॉक्टर सभापति मिश्र प्रयागराज

भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान दो लाख डॉक्टर रामबोध पांडे प्रतापगढ़

महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान दो लाख डॉक्टर योगेंद्र प्रताप सिंह प्रयागराज

महादेवी वर्मा सम्मान एक लाख डॉक्टर सरोज सिंह प्रयागराज

फिराक गोरखपुरी सम्मान एक लाख शैलेंद्र मधुर प्रयागराज

भिखारी ठाकुर भोजपुरी सम्मान एक लाख बृज मोहन प्रसाद अनाड़ी बलिया

बना दास अवधी सम्मान एक लाख डॉक्टर आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप सुल्तानपुर

कुंभन दास ब्रज भाषा सम्मान एक लाख डॉ ओंकार नाथ द्विवेदी सुल्तानपुर

हिंदुस्तानी एकेडेमी युवा लेखन सम्मान 11000 विश्व भूषण मिश्रा फैजाबाद
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