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सरकारी नौकरी के लिए देना होगा TET जैसा टेस्ट, CM योगी ने PET को दी मंजूरी - sarkari result

उत्तर प्रदेश में प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से प्रस्तावित पाठ्यक्रम और परीक्षा कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. जल्दी ही शासनादेश जारी होने की संभावना है.

CM योगी ने PET को दी मंजूरी.
CM योगी ने PET को दी मंजूरी.
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Published : Feb 19, 2021, 1:49 PM IST

लखनऊ : राज्य सरकार के कार्यालयों में समूह-ग में भर्ती की आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों को अब दो चरणों की परीक्षा से गुजरना होगा. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती की परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया है. आयोग की ओर से यूपीटीईटी जैसा एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने का प्रस्ताव रखा गया है. आयोग ने इसे प्रारंभिक अर्हता परीक्षा का नाम दिया है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग की ओर से प्रस्तावित पाठ्यक्रम और परीक्षा कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. इस पर शासनादेश भी जल्द जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

टीईटी की तरह होगी यह प्रारंभिक अहर्ता परीक्षा
आयोग की ओर से प्रस्तावित इस प्रारंभिक अहर्ता परीक्षा का प्रारूप यूपीटीईटी जैसा ही है. किसी भी विभाग में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी को यह परीक्षा देनी होगी. उसके बाद विभागीय स्तर पर विज्ञापन निकालकर भर्तियां की जाएंगी. इस प्रारंभिक परीक्षा को सफल करने वाले अभ्यर्थी ही उस विभागीय भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. जानकारों की मानें तो इस परीक्षा में अंक एक वर्ष के लिए मान्य होंगे.

यह हैं प्रस्तावित बदलाव
प्रस्तावित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा दो घंटे की होगी. प्रश्न पत्र में 100 सवाल पूछे जाएंगे, नेगेटिव मार्किंग की भी व्यवस्था की गई है. एक गलत सवाल पर 1/4 अंक काटे जाएंगे. जानकारों की मानें तो छह सवाल 10-10 अंक के होंगे. बाकी पांच-पांच अंकों के होंगे. इस प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर आगे की नियुक्तियां की जाएंगी.

यह हो सकता है प्रस्तावित सिलेबस
इस परीक्षा में कक्षा आठ के स्तर के ज्ञान का मूल्यांकन किया जाएगा. इसमें इतिहास, प्रारंभिक गणित, सामान्य हिंदी, समसामयिकी, सामान्य जागरूकता, तर्क एवं तर्कशक्ति, अर्थशास्त्र, भूगोल, भारतीय संविधान, लोक प्रशासन जैसे विषयों से सवाल पूछे जा सकते हैं.

लखनऊ : राज्य सरकार के कार्यालयों में समूह-ग में भर्ती की आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों को अब दो चरणों की परीक्षा से गुजरना होगा. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भर्ती की परीक्षा प्रणाली में बदलाव किया है. आयोग की ओर से यूपीटीईटी जैसा एलिजिबिलिटी टेस्ट कराने का प्रस्ताव रखा गया है. आयोग ने इसे प्रारंभिक अर्हता परीक्षा का नाम दिया है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग की ओर से प्रस्तावित पाठ्यक्रम और परीक्षा कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. इस पर शासनादेश भी जल्द जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

टीईटी की तरह होगी यह प्रारंभिक अहर्ता परीक्षा
आयोग की ओर से प्रस्तावित इस प्रारंभिक अहर्ता परीक्षा का प्रारूप यूपीटीईटी जैसा ही है. किसी भी विभाग में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी को यह परीक्षा देनी होगी. उसके बाद विभागीय स्तर पर विज्ञापन निकालकर भर्तियां की जाएंगी. इस प्रारंभिक परीक्षा को सफल करने वाले अभ्यर्थी ही उस विभागीय भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. जानकारों की मानें तो इस परीक्षा में अंक एक वर्ष के लिए मान्य होंगे.

यह हैं प्रस्तावित बदलाव
प्रस्तावित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा दो घंटे की होगी. प्रश्न पत्र में 100 सवाल पूछे जाएंगे, नेगेटिव मार्किंग की भी व्यवस्था की गई है. एक गलत सवाल पर 1/4 अंक काटे जाएंगे. जानकारों की मानें तो छह सवाल 10-10 अंक के होंगे. बाकी पांच-पांच अंकों के होंगे. इस प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर आगे की नियुक्तियां की जाएंगी.

यह हो सकता है प्रस्तावित सिलेबस
इस परीक्षा में कक्षा आठ के स्तर के ज्ञान का मूल्यांकन किया जाएगा. इसमें इतिहास, प्रारंभिक गणित, सामान्य हिंदी, समसामयिकी, सामान्य जागरूकता, तर्क एवं तर्कशक्ति, अर्थशास्त्र, भूगोल, भारतीय संविधान, लोक प्रशासन जैसे विषयों से सवाल पूछे जा सकते हैं.

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